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Manipur Violence: मैतेई समुदाय के लोगों ने जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन, शांति की अपील - भारत का पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर

हजारों की संख्या में मणिपुर के लोगों ने रविवार को जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया. मैतेई समुदाय के लोगों ने हाथ में तिरंगा बैनर लेकर मणिपुर में हो रही हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और शांति की अपील की.

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मणिपुर में हिंसा को लेकर प्रदर्शन
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Published : Jun 4, 2023, 6:49 PM IST

मणिपुर में हिंसा को लेकर प्रदर्शन

नई दिल्ली: भारत का पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर इस समय हिंसा की चपेट में है. अब तक 98 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. हिंसा की शुरुआत तीन मई से हुई थी. मणिपुर में हिंसा भड़कने की एक बड़ी वजह हाईकोर्ट द्वारा मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग मानी जा रही है. हाईकोर्ट के इसी फैसले के बाद मैतेई समुदाय निशाने पर आ गया और राज्य में हिंसा भड़क उठी.

सेना की तैनाती के बावजूद 35 हजार से अधिक लोगों को पलायन करना पड़ा. हालांकि, अभी भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. मणिपुर में हो रही हिंसा के विरोध में रविवार को फिर से जंतर-मंतर पर मैतेई समुदाय से जुड़े हुए लोगों ने प्रदर्शन किया और इस हिंसा को रोकने की मांग की. इस प्रदर्शन में नॉर्थ-ईस्ट के कई बड़े फैशन डिजाइनर, सिंगर, खिलाड़ी, बुद्धिजीवी, प्रोफेसर, डॉक्टर जैसे मेइती समुदाय से जुड़े लोग शामिल हुए.

प्रदर्शन में शामिल हुए सिबराज सिंह ने बताया कि वह हिंदू समाज से आते हैं. उनकी मांग है कि मणिपुर में जो हिंसा भड़की है. उसे रोका जाए और पहले की तरह मणिपुर को बनाया जाए. मणिपुर के हालत बहुत खराब है. घर परिवार के लोग फंसे हुए हैं. उनकी बस यही अपील है कि वहां पर शांति स्थापित की जाए. इसी को लेकर मैतेई समुदाय के लोग जंतर-मंतर पर पहुंचे हैं. हम लोग इस हिंसा का विरोध कर रहे हैं. हम लोग शांति चाहते हैं. मैतेई समाज कभी भी हिंसा के पक्ष में नहीं है.

उनका कहना है कि कुकी समुदाय के लोगों ने हिंसा भड़काया है. इसके साथ-साथ म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा के जरिए घुसपैठिए घुस रहे हैं. वह इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दे रहे हैं. हमें सरकार पर भरोसा है कि जल्द हालात को ठीक कर देंगे. घुसपैठिए वहां पर ड्रग्स की सप्लाई करते हैं. इन्हीं से पूर्वोत्तर के आतंकी संगठनों को खाद-पानी मिलता था. कुकी समुदाय के लोग म्यांमार और बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई से नाराज है. इसी वजह से यहां पर इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं.

ये भी पढ़ें : Manipuri Protest: मुखर्जी नगर में मणिपुर के लोगों के साथ बदसलूकी और मारपीट, थाने के सामने जमकर प्रदर्शन

इस प्रदर्शन में शामिल दो युवा रियाइच और सेईच ने बताया कि हम किसी का विरोध करने यहां नहीं आए हैं. मणिपुर में जो घटना घटित हुई है उसको लेकर विरोध कर रहे हैं. हम हिंसा के खिलाफ हैं. हम चाहते हैं कि वहां पर शांति बनी रहे. हमारा किसी समुदाय से कोई लड़ाई नहीं है और न हम उनका विरोध कर रहे हैं. हम लोग चाहते हैं कि मणिपुर में सामान्य हालत हो, शांति बनी रहे. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह से यही मांग है कि जल्द से जल्द वहां के हालात पर काबू पाएं और वहां शांति बनाएं.

ये भी पढ़ें : मणिपुर में फंसे यूपी-बिहार के छात्रों का दर्द, कहा- चारों तरफ हो रही बमबारी, खाने के भी लाले, सुनिए ऑडियो

मणिपुर में हिंसा को लेकर प्रदर्शन

नई दिल्ली: भारत का पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर इस समय हिंसा की चपेट में है. अब तक 98 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. हिंसा की शुरुआत तीन मई से हुई थी. मणिपुर में हिंसा भड़कने की एक बड़ी वजह हाईकोर्ट द्वारा मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग मानी जा रही है. हाईकोर्ट के इसी फैसले के बाद मैतेई समुदाय निशाने पर आ गया और राज्य में हिंसा भड़क उठी.

सेना की तैनाती के बावजूद 35 हजार से अधिक लोगों को पलायन करना पड़ा. हालांकि, अभी भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. मणिपुर में हो रही हिंसा के विरोध में रविवार को फिर से जंतर-मंतर पर मैतेई समुदाय से जुड़े हुए लोगों ने प्रदर्शन किया और इस हिंसा को रोकने की मांग की. इस प्रदर्शन में नॉर्थ-ईस्ट के कई बड़े फैशन डिजाइनर, सिंगर, खिलाड़ी, बुद्धिजीवी, प्रोफेसर, डॉक्टर जैसे मेइती समुदाय से जुड़े लोग शामिल हुए.

प्रदर्शन में शामिल हुए सिबराज सिंह ने बताया कि वह हिंदू समाज से आते हैं. उनकी मांग है कि मणिपुर में जो हिंसा भड़की है. उसे रोका जाए और पहले की तरह मणिपुर को बनाया जाए. मणिपुर के हालत बहुत खराब है. घर परिवार के लोग फंसे हुए हैं. उनकी बस यही अपील है कि वहां पर शांति स्थापित की जाए. इसी को लेकर मैतेई समुदाय के लोग जंतर-मंतर पर पहुंचे हैं. हम लोग इस हिंसा का विरोध कर रहे हैं. हम लोग शांति चाहते हैं. मैतेई समाज कभी भी हिंसा के पक्ष में नहीं है.

उनका कहना है कि कुकी समुदाय के लोगों ने हिंसा भड़काया है. इसके साथ-साथ म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा के जरिए घुसपैठिए घुस रहे हैं. वह इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दे रहे हैं. हमें सरकार पर भरोसा है कि जल्द हालात को ठीक कर देंगे. घुसपैठिए वहां पर ड्रग्स की सप्लाई करते हैं. इन्हीं से पूर्वोत्तर के आतंकी संगठनों को खाद-पानी मिलता था. कुकी समुदाय के लोग म्यांमार और बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई से नाराज है. इसी वजह से यहां पर इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं.

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इस प्रदर्शन में शामिल दो युवा रियाइच और सेईच ने बताया कि हम किसी का विरोध करने यहां नहीं आए हैं. मणिपुर में जो घटना घटित हुई है उसको लेकर विरोध कर रहे हैं. हम हिंसा के खिलाफ हैं. हम चाहते हैं कि वहां पर शांति बनी रहे. हमारा किसी समुदाय से कोई लड़ाई नहीं है और न हम उनका विरोध कर रहे हैं. हम लोग चाहते हैं कि मणिपुर में सामान्य हालत हो, शांति बनी रहे. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह से यही मांग है कि जल्द से जल्द वहां के हालात पर काबू पाएं और वहां शांति बनाएं.

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