नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर-मंतर पर शुक्रवार को मणिपुर हिंसा को लेकर कुकी समुदाय के लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान छोटे-छोटे बच्चे, युवा, बुजुर्ग और महिलाओं ने हाथों में तख्तियां लेकर अपना विरोध दर्ज कराया. प्रदर्शनकारी लोगों ने कहा कि मणिपुर में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. राज्य सरकार इस मामले में पूरी तरह से विफल रही है. सिर्फ एक मेतैई समुदाय को तवज्जों दी जा रही है. कुकी समुदाय के लोगों को वहां टारगेट किया जा रहा है और इन सबके लिए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह जिम्मेदार हैं.
गैंगरेप के दोषियों को मिले फांसी की सजा: लोगों का आरोप है कि ट्राइबल और कुकी समुदाय के खिलाफ लोगों को भड़काया जा रहा है. पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मिला हुआ है. सिर्फ एक समुदाय को टारगेट किया जा रहा है. मारा पीटा जा रहा है. पूरी तरह से घर बर्बाद हो गए हैं. लोग बेघर हो गए हैं. सबसे बड़ा फर्क शिक्षा पर पड़ा है. बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं. लोग अभी भी अपने घरों में छुप कर रह रहे हैं, डरे और सहमे हुए हैं. वहां किस तरह से महिलाओं के साथ अत्याचार किया जा रहा है, यह सबके सामने है. जिन लोगों ने महिलाओं के साथ दरिंदगी की है उन दरिंदों को फांसी की सजा होनी चाहिए.
बता दें, मणिपुर हिंसा की आग में धधक रहा है. सीबीआई मामले की जांच कर रही है. साथ ही केंद्र सरकार पूरे घटना पर पैनी नजर बनाई हुई है. मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए 35 हजार से अधिक सुरक्षाबलों को तैनात किया गया हैं, लेकिन अभी तक इसका असर देखने को नहीं मिला है. अब तक हिंसा में 160 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. जबकि, हजारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं. हिंसा को 2 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. वहीं दिल्ली के जंतर मंतर पर कई बार कुकी समुदाय द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा चुका है.
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