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Terror of Monkeys in Ghaziabad: कुत्तों के साथ बंदरों के आतंक से लोगों का घर से निकलना हुआ मुश्किल - Terror of Monkeys in Ghaziabad

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में लोग कुत्तों के साथ बंदरों के भी आतंक से परेशान हैं. गाजियाबाद के विभिन्न इलाकों में बंदरों का आतंक इस कदर फैला हुआ है कि लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 28, 2023, 12:36 PM IST

Updated : Aug 28, 2023, 1:34 PM IST

कुत्तों के साथ बंदरों के आतंक

नई दिल्ली/गाजियाबाद : दिल्ली से सटे गाजियाबाद में लोग कुत्तों के साथ बंदरों के भी आतंक से परेशान हैं. गाजियाबाद के विभिन्न इलाकों में बंदरों का आतंक इस कदर फैला हुआ है कि लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं. बंदरों से बचने के लिए लोगों को घर के खिड़की दरवाजे बंद रखने पड़ते हैं. बच्चे घर से निकाल कर बाहर खेल नहीं पाते हैं. अब विभिन्न सोसायटियों में बंदरों से निजात पाने के लिए लंगूर के कटआउट लगाए जा रहे हैं, जिससे बंदर डरकर भाग जाएं

लोगों को निशाना बना रहे बंदर: गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके में बंदरों का आतंक इतना फैला हुआ है कि आए दिन बंदर किसी न किसी को काट रहे हैं. इतना ही नहीं घर का दरवाजा खुला होने पर बंदर घर के अंदर तक आ जाते हैं. ऐसे में घर के अंदर लोग डर जाते हैं. बंदरों से बचने के लिए लोग खिड़की दरवाजे और बालकनी को बंद रखते हैं. बालकनी के गमले व समान बंदर न तोड़ें इसके लिए लोगों ने जाली भी लगवा रखी है

वसुंधरा सेक्टर- 4 के शिव गंगा अपार्टमेंट में रहने वाले विपिन त्यागी का कहना है कि बंदरों का आतंक इतना है कि बच्चें बाहर पार्क में खेलने के लिए भी नहीं जा पाते हैं. जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. बच्चों को स्कूल बस तक छोड़ने जाते वक्त हाथ में डंडा लेकर जाना पड़ता है. हाथ मे खानेपीने का सामान होता है तो छीन कर भाग जाते हैं. वहीं रजनी सिंह का कहना है कि बंदरों का आतंक इतना है कि गली से राहगीर अकेले नहीं जा सकता है. गलियों की दीवार पर बंदर टोलियों के साथ बैठे रहते हैं. सुरक्षा गार्ड को बुलाना पड़ता है.जो बंदरों को भगाते.

लंगूर बढ़ने पर प्रतिबंध : बंदरों को भगाने के लिए पहले कुछ सोसायटियों में लंगूर बंदर पालने वालों को बुलाया गया था. लंगूर को छत पर बांध दिया जाता था, जिसके डर से बंदर नहीं आते थे, लेकिन पीपल फॉर एनिमल (पीएफए) संस्था ने इसका विरोध किया तो इस पर पाबंदी लग गई.

NCR News
GFX

लगाए लंगूर के कटआउट : वसुंधरा सेक्टर 4 की वार्तालोक सोसायटी में पार्क और रास्तों के किनारे पेड़ों पर लंगूर के कटआउट लगाए गए हैं, जिससे बंदर डर कर वहां न आएं और लोग सुरक्षित रहें. लोगों को कहना है कि काफी हद तक इसका फायदा भी दिख रहा है. इससे पहले सोसायटी में एक व्यक्ति को रखा गया था जो लंगूर बंदर की आवाज निकालता था जिसे सुनकर अन्य बंदर वहां से भाग जाते थे.

बंदरों के आतंक से कैसे बचें

  • बंदर खाने की वस्तु छीनने के लिए आप पर झपटे तो उससे मुकाबला न करें बल्कि उस वस्तु को दूर फेंक दें
  • कूड़ादान में कूड़ा डालने के बाद उसके ढक्कन को अच्छी तरह बंद करें
  • बंदर से नजर न मिलाएं
  • खाने का सामान पॉलीथिन के लिफाफों की बजाय जूट के बैग में रखें
  • बंदर द्वारा किए गए हमले के दौरान एकजुट रहें

यह भी पढ़ें- BWF World Championships : पीएम मोदी ने विश्व चैंपियन में कांस्य पदक विजेता प्रणय को दी बधाई, जानिए उनका अगला लक्ष्य

कुत्तों के साथ बंदरों के आतंक

नई दिल्ली/गाजियाबाद : दिल्ली से सटे गाजियाबाद में लोग कुत्तों के साथ बंदरों के भी आतंक से परेशान हैं. गाजियाबाद के विभिन्न इलाकों में बंदरों का आतंक इस कदर फैला हुआ है कि लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं. बंदरों से बचने के लिए लोगों को घर के खिड़की दरवाजे बंद रखने पड़ते हैं. बच्चे घर से निकाल कर बाहर खेल नहीं पाते हैं. अब विभिन्न सोसायटियों में बंदरों से निजात पाने के लिए लंगूर के कटआउट लगाए जा रहे हैं, जिससे बंदर डरकर भाग जाएं

लोगों को निशाना बना रहे बंदर: गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके में बंदरों का आतंक इतना फैला हुआ है कि आए दिन बंदर किसी न किसी को काट रहे हैं. इतना ही नहीं घर का दरवाजा खुला होने पर बंदर घर के अंदर तक आ जाते हैं. ऐसे में घर के अंदर लोग डर जाते हैं. बंदरों से बचने के लिए लोग खिड़की दरवाजे और बालकनी को बंद रखते हैं. बालकनी के गमले व समान बंदर न तोड़ें इसके लिए लोगों ने जाली भी लगवा रखी है

वसुंधरा सेक्टर- 4 के शिव गंगा अपार्टमेंट में रहने वाले विपिन त्यागी का कहना है कि बंदरों का आतंक इतना है कि बच्चें बाहर पार्क में खेलने के लिए भी नहीं जा पाते हैं. जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. बच्चों को स्कूल बस तक छोड़ने जाते वक्त हाथ में डंडा लेकर जाना पड़ता है. हाथ मे खानेपीने का सामान होता है तो छीन कर भाग जाते हैं. वहीं रजनी सिंह का कहना है कि बंदरों का आतंक इतना है कि गली से राहगीर अकेले नहीं जा सकता है. गलियों की दीवार पर बंदर टोलियों के साथ बैठे रहते हैं. सुरक्षा गार्ड को बुलाना पड़ता है.जो बंदरों को भगाते.

लंगूर बढ़ने पर प्रतिबंध : बंदरों को भगाने के लिए पहले कुछ सोसायटियों में लंगूर बंदर पालने वालों को बुलाया गया था. लंगूर को छत पर बांध दिया जाता था, जिसके डर से बंदर नहीं आते थे, लेकिन पीपल फॉर एनिमल (पीएफए) संस्था ने इसका विरोध किया तो इस पर पाबंदी लग गई.

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लगाए लंगूर के कटआउट : वसुंधरा सेक्टर 4 की वार्तालोक सोसायटी में पार्क और रास्तों के किनारे पेड़ों पर लंगूर के कटआउट लगाए गए हैं, जिससे बंदर डर कर वहां न आएं और लोग सुरक्षित रहें. लोगों को कहना है कि काफी हद तक इसका फायदा भी दिख रहा है. इससे पहले सोसायटी में एक व्यक्ति को रखा गया था जो लंगूर बंदर की आवाज निकालता था जिसे सुनकर अन्य बंदर वहां से भाग जाते थे.

बंदरों के आतंक से कैसे बचें

  • बंदर खाने की वस्तु छीनने के लिए आप पर झपटे तो उससे मुकाबला न करें बल्कि उस वस्तु को दूर फेंक दें
  • कूड़ादान में कूड़ा डालने के बाद उसके ढक्कन को अच्छी तरह बंद करें
  • बंदर से नजर न मिलाएं
  • खाने का सामान पॉलीथिन के लिफाफों की बजाय जूट के बैग में रखें
  • बंदर द्वारा किए गए हमले के दौरान एकजुट रहें

यह भी पढ़ें- BWF World Championships : पीएम मोदी ने विश्व चैंपियन में कांस्य पदक विजेता प्रणय को दी बधाई, जानिए उनका अगला लक्ष्य

Last Updated : Aug 28, 2023, 1:34 PM IST
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