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फ्री में खाना लेने वालों की संख्या में गिरावट, गुणवत्ता को लेकर शिकायत - Free lunch for poor

दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान लोग घर से ना निकले इसके लिए सरकार ने फ्री में खाने का इंतजाम किया है. वहीं खाने की गुणवत्ता में कमी के कारण खाना लेने वालों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है. खराब गुणवत्ता के चलते लोग खाना लेने नहीं आ रहे हैं, जिससे तैयार खाना भी बेकार हो जा रहा है.

People are not eating free food due to lack of quality
फ्री खाने वालों में गिरावट
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Published : Apr 5, 2020, 8:28 PM IST

नई दिल्लीः कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार द्वारा गरीबों को फ्री खाना देने के लिए जगह-जगह इंतजाम किए गए हैं. सरकार का दावा है कि वह प्रतिदिन 10 लाख लोगों को फ्री खाना मुहैया करा सकती है. लेकिन जिस तरह खाने की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें मिल रही है, फ्री खाना लेने वालों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है. खाने की खराब गुणवत्ता के चलते लोग खाना लेने नहीं आ रहे हैं, जिससे तैयार खाना बेकार हो जा रहा है.

गुणवत्ता में कमी के कारण फ्री में खाना लेने वालों की संख्या में गिरावट

दिल्ली सरकार द्वारा जारी आंकड़े में गिरावट

दिल्ली सरकार से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 4 अप्रैल, यानि शनिवार को दिल्ली सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए फ्री खाना लेने के लिए सिर्फ 6.5 लाख लोग आये थे. जबकि दिल्ली सरकार के पास प्रतिदिन 10 लाख लोगों के लंच और डिनर करने की क्षमता है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते 31 मार्च को घोषणा की थी कि दिल्ली सरकार 1 अप्रैल से प्रतिदिन 10 से 12 लाख लोगों को खाना खिलाने की व्यवस्था कर रही है. इसके लिए सरकार करीब 28 सौ केंद्रों बना रही है. प्रत्येक केंद्र पर प्रतिदिन 500-500 लोगों के खाने की क्षमता है. प्रतिदिन करीब ढाई हजार स्कूलों और ढाई सौ रैन बसेरे में लोगों को फ्री खाना वितरित करना शुरू कर दिया गया है.

शनिवार को सिर्फ 6.5 लाख लोग फ्री खाना लेने पहुंचे

4 अप्रैल को दिल्ली सरकार के लगभग 1592 केंद्रों पर 6,48,469 गरीबों ने दिन में फ्री खाना लिया और 6,50,667 लोगों ने रात में फ्री खाना लिया. घर से भोजन केंद्रों तक आकर खाने में असमर्थ 1040 लोगों को फोन कॉल या उनके अनुरोध पर घर पर खाना पहुंचाया गया.

नई दिल्लीः कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार द्वारा गरीबों को फ्री खाना देने के लिए जगह-जगह इंतजाम किए गए हैं. सरकार का दावा है कि वह प्रतिदिन 10 लाख लोगों को फ्री खाना मुहैया करा सकती है. लेकिन जिस तरह खाने की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें मिल रही है, फ्री खाना लेने वालों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है. खाने की खराब गुणवत्ता के चलते लोग खाना लेने नहीं आ रहे हैं, जिससे तैयार खाना बेकार हो जा रहा है.

गुणवत्ता में कमी के कारण फ्री में खाना लेने वालों की संख्या में गिरावट

दिल्ली सरकार द्वारा जारी आंकड़े में गिरावट

दिल्ली सरकार से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 4 अप्रैल, यानि शनिवार को दिल्ली सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए फ्री खाना लेने के लिए सिर्फ 6.5 लाख लोग आये थे. जबकि दिल्ली सरकार के पास प्रतिदिन 10 लाख लोगों के लंच और डिनर करने की क्षमता है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते 31 मार्च को घोषणा की थी कि दिल्ली सरकार 1 अप्रैल से प्रतिदिन 10 से 12 लाख लोगों को खाना खिलाने की व्यवस्था कर रही है. इसके लिए सरकार करीब 28 सौ केंद्रों बना रही है. प्रत्येक केंद्र पर प्रतिदिन 500-500 लोगों के खाने की क्षमता है. प्रतिदिन करीब ढाई हजार स्कूलों और ढाई सौ रैन बसेरे में लोगों को फ्री खाना वितरित करना शुरू कर दिया गया है.

शनिवार को सिर्फ 6.5 लाख लोग फ्री खाना लेने पहुंचे

4 अप्रैल को दिल्ली सरकार के लगभग 1592 केंद्रों पर 6,48,469 गरीबों ने दिन में फ्री खाना लिया और 6,50,667 लोगों ने रात में फ्री खाना लिया. घर से भोजन केंद्रों तक आकर खाने में असमर्थ 1040 लोगों को फोन कॉल या उनके अनुरोध पर घर पर खाना पहुंचाया गया.

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