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यादों में जिंदा 'मदर इंडिया', देखिए...जब सुषमा जी ने एक मां की इच्छा पूरी की

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Published : Aug 9, 2019, 10:40 AM IST

देश की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन के बाद भी लोग उनके द्वारा किए गए कामों के चलते हुए याद कर रहे है.

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज,etv bharat

नई दिल्ली: देश की पूर्व विदेश मंत्री के निधन के बाद भी लोग उनके किए हुए कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें याद कर रहे हैं. भारतीय युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन भी सुषमा जी को याद कर रहे हैं. सचिन ने बताया कि सुषमा जी की ही बदौलत, थाईलैंड के पास एक देश से उनके किसी जानकार के मृत भाई के पार्थिव शरीर को 12 घंटे में भारत लाया गया था.

निधन के बाद भी याद आ रही है सुषमा स्वराज

डैड बॉडी लाने में की थी मदद
युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन ने बताया कि यह घटना दिसंबर 2014 की है. जब उनके पास के एक जानकार की फोन की दुकान में एक लड़का काम करता था. जिसके भाई की थाईलैंड के पास के देश में पानी में डूबने से मौत हो गई थी और वो लोग बॉडी भेजने के लिए 10 लाख रुपये मांग रहे है.
जिस पर सचिन ने अपने जानकार से कहा की उस लड़के को सुबह मेरे पास भेज देना. जब वो लड़का सुबह सचिन के साथ विदेश मंत्रालय गया जहां उसको एक लेटर लिखने के लिए बोला गया.

सचिन ने बताया कि जब वो लड़का लेटर लिख रहा था तब वो सोच रहा था कि वहां से इंडिया की कोई डायरेक्ट फ्लाइट नहीं है तो बॉडी आने में 2 दिन लग जाएंगे, लेकिन वह उस समय हैरान हुए जब उस लड़के ने बताया कि 12 बजे दाह संस्कार है और बॉडी सुबह 5 बजे आ गई थी.

बिना पैसे लिए की थी मदद
मृत हरप्रीत सिंह की माता प्रीतपाल कौर ने बताया कि जब उनके बेटे की बॉडी इंडिया भेजने के लिए पैसों की मांग की गई थी तो उन्हें ऐसा लगने लगा कि वह अपने मृत बेटे को नहीं देख पाएंगी, क्योंकि उन्होंने 10 लाख रुपए की मांग की थी, लेकिन सुषमा जी ने उनकी मदद की और बिना पैसे दिए उनके बेटे का शरीर इंडिया मंगवा दिया. युवा मोर्चा पूर्व अध्यक्ष का कहना है की बतौर विदेश मंत्री सुषमा जी के पास दिल था और आत्मा थी जो जनता का हित सोचती थी.

नई दिल्ली: देश की पूर्व विदेश मंत्री के निधन के बाद भी लोग उनके किए हुए कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें याद कर रहे हैं. भारतीय युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन भी सुषमा जी को याद कर रहे हैं. सचिन ने बताया कि सुषमा जी की ही बदौलत, थाईलैंड के पास एक देश से उनके किसी जानकार के मृत भाई के पार्थिव शरीर को 12 घंटे में भारत लाया गया था.

निधन के बाद भी याद आ रही है सुषमा स्वराज

डैड बॉडी लाने में की थी मदद
युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन ने बताया कि यह घटना दिसंबर 2014 की है. जब उनके पास के एक जानकार की फोन की दुकान में एक लड़का काम करता था. जिसके भाई की थाईलैंड के पास के देश में पानी में डूबने से मौत हो गई थी और वो लोग बॉडी भेजने के लिए 10 लाख रुपये मांग रहे है.
जिस पर सचिन ने अपने जानकार से कहा की उस लड़के को सुबह मेरे पास भेज देना. जब वो लड़का सुबह सचिन के साथ विदेश मंत्रालय गया जहां उसको एक लेटर लिखने के लिए बोला गया.

सचिन ने बताया कि जब वो लड़का लेटर लिख रहा था तब वो सोच रहा था कि वहां से इंडिया की कोई डायरेक्ट फ्लाइट नहीं है तो बॉडी आने में 2 दिन लग जाएंगे, लेकिन वह उस समय हैरान हुए जब उस लड़के ने बताया कि 12 बजे दाह संस्कार है और बॉडी सुबह 5 बजे आ गई थी.

बिना पैसे लिए की थी मदद
मृत हरप्रीत सिंह की माता प्रीतपाल कौर ने बताया कि जब उनके बेटे की बॉडी इंडिया भेजने के लिए पैसों की मांग की गई थी तो उन्हें ऐसा लगने लगा कि वह अपने मृत बेटे को नहीं देख पाएंगी, क्योंकि उन्होंने 10 लाख रुपए की मांग की थी, लेकिन सुषमा जी ने उनकी मदद की और बिना पैसे दिए उनके बेटे का शरीर इंडिया मंगवा दिया. युवा मोर्चा पूर्व अध्यक्ष का कहना है की बतौर विदेश मंत्री सुषमा जी के पास दिल था और आत्मा थी जो जनता का हित सोचती थी.

Intro:देश की पूर्व विदेश मंत्री के निधन के बाद भी लोग उनके किए हुए कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें याद कर रहे हैं. ऐसे ही भारतीय युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन है. जिन्होंने बताया कि सुषमा जी की ही बदौलत, थाईलैंड के पास एक देश से उनके किसी जानकार के मृत भाई के पार्थिव शरीर को 12 घंटे में भारत लाया गया. सचिन के अनुसार स्वर्गीय सुषमा स्वराज जी के रहते ही यह हो पाना संभव था.


Body:युवा मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन बताया कि यह घटना दिसंबर 2014 की है, जब उनके पास रात में उनके जानकार का फोन की दुकान में एक लड़का काम करता है जिसके भाई की थाईलैंड के पास एक देश में पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई. और वो लोग बॉडी भेजने के लिए 10 लाख रुपए मांग रहे है. जिस पर सचिन ने अपने जानकार से कहा की उस लड़के को सुबह मेरे पास भेज देना. जब वो लड़का सुबह सचिन के साथ विदेश मंत्रालय गया, जहां उसको एक लेटर लिखने के लिए बोला गया. सचिन ने बताया कि जब वो लड़का लेटर लिख रहा था तब वो सोच रहा था, कि वहां से इंडिया की कोई डायरेक्ट फ्लाइट नहीं है तो बॉडी आने में 2 दिन लग जाएंगे. लेकिन वह उस समय हैरान हुए जब उस लड़के ने बताया कि 12 बजे दाह संस्कार है, बॉडी सुबह 5 बजे आ गई थी.


Conclusion:वही मृत हरप्रीत सिंह की माता प्रितपाल कौर ने बताया कि जब उन्हें उनके बेटे की बॉडी इंडिया भेजने के लिए उन्होंने पैसों की मांग की थी तो उन्हें ऐसा लगने लगा कि वह अपने मृत बेटे को नहीं देख पाएंगी, क्योंकि उन्होंने 10 लाख रुपए की मांग की थी लेकिन सुषमा जी ने उनकी मदद की और बिना पैसे दिए उनके बेटे का शरीर इंडिया मंगवा दिया. वहीं युवा मोर्चा पूर्व अध्यक्ष का कहना है की बतौर विदेश मंत्री सुषमा जी के पास दिल है और आत्मा है जो जनता का हित सोचती है.

बाईट--- सचिन (भारतीय युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष)
बाईट--- प्रितपाल कौर (मृतक की माता)
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