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अभिभावकों की मांग, 18 नवंबर 2021 से पहले फिलीपिंस में नामांकित छात्रों पर ना लागू हो एनएमसी का नोटिफिकेशन

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा 18 नवंबर 2021 में जारी नोटिफिकेशन के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर देश भर से आए अभिभावकों ने प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि जिन बच्चों ने 18 नवंबर से पहले फिलीपिंस में मेडिकल की पढ़ाई के लिए नामांकन लिया है उनपर यह नोटिस लागू ना हो, इससे छात्रों के कई साल बर्बाद हो जाएगें.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 5, 2023, 7:33 PM IST

अपनी मांग बताते प्रदर्शनकारी अभिभावक

नई दिल्ली: नेशनल मेडिकल कमीशन यानि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने 18 नवंबर, 2021 को फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट के लिए एक अधिसूचना जारी की थी. इसमें इन छात्रों के लिए कुछ नियम बनाए गए थे, जिसका पालन करने के बाद ही भारत आने पर उनको योग्यता प्रमाण-पत्र मिल सकता है. नोटिफिकेशन से वर्तमान में फिलीपींस में एमडी की पढ़ाई कर रहे हजारों भारतीय छात्रों का करियर प्रभावित हो रहा है. भारत सरकार से इन छात्रों के अभिभावक ने इसे वापस लेने की मांग की है. उनकी मांग है कि साल 2021 की 18 नवंबर से पहले जिन छात्रों ने फिलीपिंस में नामांकन ले लिया है उनपर यह अधिसूचना लागू ना हो. अपनी इस मांग को लेकर गुरूवार को अभिभावकों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया.

हजारों छात्र होंगे प्रभावित: नेशनल मेडिकल काउंसिल के नए मानदंडों से पीड़ित माता-पिता ने पीएमओ कार्यालय और तमाम भारतीय अधिकारियों से गुहार लगाई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री माननीय मनसुख मांडविया जी, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार के अलावा, पीड़ित माता-पिता ने व्यक्तिगत रूप से नितिन गडकरी से अपील की है कि कृपया इस गंभीर मामले को देखें और पीड़ित छात्रों की शिकायतों का निवारण करें. लागू की गई नीतियों के कारण फिलीपींस में पढ़ने वाले सभी हजारों भारतीय छात्रों का करियर दांव पर है. इस से छात्र काफी प्रभावित हो रहे हैं. अभिभावकों ने मांग है कि सरकार मेडिकल कोर्स के कई हजार उम्मीदवारों के करियर को प्रभावित करने वाले नेशनल मेडिकल काउंसिल के 18 नवंबर 2021 के सार्वजनिक गजट नियम संख्या 5(1) को तुरंत वापस लें और निरस्त करें.

नोटिफिकेशन रद्द करने की मांग: अभिभावकों का कहना है कि इस मामले में जल्द से जल्द भारत सरकार संज्ञान ले. नोटिफिकेशन न केवल छात्रों के कोर्स की अवधि बढ़ाता है बल्कि अभिभावकों को प्रतिवर्ष लगभग लाखों का अतिरिक्त खर्च भी डालता है। प्रदर्शनकारी अभिभावक का कहना है कि फिलीपींस की मेडिकल डिग्री को भारत मे एमबीबीएस के समकक्ष माना गया है. जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन के बाद अभिभावक नेशनल मेडिकल काउंसिल के बाहर भी विरोध प्रदर्शन करने गए. अभिभावकों का कहना है कि अधिकांश अभिभावकों ने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए लोन लिया है. 25 मार्च, 2022 के नोटिफिकेशन से उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ रहा है. अभिभावकों की मांग है कि 25 मार्च 2022 का नोटिफिकेशन रद किया जाए और 18 नंवबर 2021 को जो गजट लागू किया गया है उसमें अभिभावको को छूट मिले.

फिलीपिंस में यूएस का मेडिकल पैटर्न फॉलो: जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के लिए बड़ी संख्या में अभिभावक पहुंचे थे. प्रदर्शन में हिस्सा लेने आए एक अभिभावक ने बताया कि 2021 में नीट के परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद बड़ी संख्या में अभिभावकों ने फिलीपिंस के मेडिकल कॉलेजों में अपने बच्चों का मेडिकल में दाखिला करवाया था. फिलीपिंस में यूएस का मेडिकल पैटर्न फॉलो किया जाता है. नीट के बाद भी वहां प्री मेडिकल कोर्स में एक से डेढ़ साल के लिए दाखिला होता है जिसके बाद वहां एमडी में दाखिला मिल जाता है. अभिभावकों ने बच्चों का दाखिला वहां प्री मेडिकल में कराया.

ये भी पढ़ें: एनएमसी के नियमों का उल्लंघन करने के लिए 40 मेडिकल कॉलेजों की मान्यता रद्द : सूत्र

अब 8 साल में होगी पढ़ाई पूरी: हालांकि अभिभावकों ने एनएमसी ये 18 नवंबर, 2021 को आए फैसले पर जब सवाल किया तो आयोग ने कहा कि 18 नवंबर से पहले दाखिला लिए बच्चों पर यह नियम लागू नहीं होता है. इसके बाद 4 जनवरी, 2022 को भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी कर कहा भी कि 18 नवंबर, 2021 से पहले प्री मेडिकल या एमडी करने वाले छात्रों को विशेष रूप से इस गजट से बाहर रखा जाना चाहिए. इसके बाद 25 मार्च, 2022 को नेशनल मेडिकल काउंसिल ने एक नोटिफिकेशन निकाला और कहा कि 18 नवंबर 2021 से पहले दाखिला लेने वाले छात्रों के ऊपर भी यह नियम लागू होगा. 18 नवंबर, 2021 को निकाले गए गजट के अनुसार बच्चों के ढाई साल पढ़ाई के बढ़ जाते हैं. अभिभावकों के अनुसार पढ़ाई फिलीपिंस में साढ़े पांच साल में पूरी होनी थी जिसे नए नियम के अनुसार पूरे होने में 8 साल लगेंगे.

ये भी पढ़ें: फिलीपीन में बीएस पाठ्यक्रम को भारत में एमबीबीएस के बराबर नहीं माना जा सकता : एनएमसी

अपनी मांग बताते प्रदर्शनकारी अभिभावक

नई दिल्ली: नेशनल मेडिकल कमीशन यानि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने 18 नवंबर, 2021 को फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट के लिए एक अधिसूचना जारी की थी. इसमें इन छात्रों के लिए कुछ नियम बनाए गए थे, जिसका पालन करने के बाद ही भारत आने पर उनको योग्यता प्रमाण-पत्र मिल सकता है. नोटिफिकेशन से वर्तमान में फिलीपींस में एमडी की पढ़ाई कर रहे हजारों भारतीय छात्रों का करियर प्रभावित हो रहा है. भारत सरकार से इन छात्रों के अभिभावक ने इसे वापस लेने की मांग की है. उनकी मांग है कि साल 2021 की 18 नवंबर से पहले जिन छात्रों ने फिलीपिंस में नामांकन ले लिया है उनपर यह अधिसूचना लागू ना हो. अपनी इस मांग को लेकर गुरूवार को अभिभावकों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया.

हजारों छात्र होंगे प्रभावित: नेशनल मेडिकल काउंसिल के नए मानदंडों से पीड़ित माता-पिता ने पीएमओ कार्यालय और तमाम भारतीय अधिकारियों से गुहार लगाई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री माननीय मनसुख मांडविया जी, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार के अलावा, पीड़ित माता-पिता ने व्यक्तिगत रूप से नितिन गडकरी से अपील की है कि कृपया इस गंभीर मामले को देखें और पीड़ित छात्रों की शिकायतों का निवारण करें. लागू की गई नीतियों के कारण फिलीपींस में पढ़ने वाले सभी हजारों भारतीय छात्रों का करियर दांव पर है. इस से छात्र काफी प्रभावित हो रहे हैं. अभिभावकों ने मांग है कि सरकार मेडिकल कोर्स के कई हजार उम्मीदवारों के करियर को प्रभावित करने वाले नेशनल मेडिकल काउंसिल के 18 नवंबर 2021 के सार्वजनिक गजट नियम संख्या 5(1) को तुरंत वापस लें और निरस्त करें.

नोटिफिकेशन रद्द करने की मांग: अभिभावकों का कहना है कि इस मामले में जल्द से जल्द भारत सरकार संज्ञान ले. नोटिफिकेशन न केवल छात्रों के कोर्स की अवधि बढ़ाता है बल्कि अभिभावकों को प्रतिवर्ष लगभग लाखों का अतिरिक्त खर्च भी डालता है। प्रदर्शनकारी अभिभावक का कहना है कि फिलीपींस की मेडिकल डिग्री को भारत मे एमबीबीएस के समकक्ष माना गया है. जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन के बाद अभिभावक नेशनल मेडिकल काउंसिल के बाहर भी विरोध प्रदर्शन करने गए. अभिभावकों का कहना है कि अधिकांश अभिभावकों ने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए लोन लिया है. 25 मार्च, 2022 के नोटिफिकेशन से उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ रहा है. अभिभावकों की मांग है कि 25 मार्च 2022 का नोटिफिकेशन रद किया जाए और 18 नंवबर 2021 को जो गजट लागू किया गया है उसमें अभिभावको को छूट मिले.

फिलीपिंस में यूएस का मेडिकल पैटर्न फॉलो: जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के लिए बड़ी संख्या में अभिभावक पहुंचे थे. प्रदर्शन में हिस्सा लेने आए एक अभिभावक ने बताया कि 2021 में नीट के परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद बड़ी संख्या में अभिभावकों ने फिलीपिंस के मेडिकल कॉलेजों में अपने बच्चों का मेडिकल में दाखिला करवाया था. फिलीपिंस में यूएस का मेडिकल पैटर्न फॉलो किया जाता है. नीट के बाद भी वहां प्री मेडिकल कोर्स में एक से डेढ़ साल के लिए दाखिला होता है जिसके बाद वहां एमडी में दाखिला मिल जाता है. अभिभावकों ने बच्चों का दाखिला वहां प्री मेडिकल में कराया.

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अब 8 साल में होगी पढ़ाई पूरी: हालांकि अभिभावकों ने एनएमसी ये 18 नवंबर, 2021 को आए फैसले पर जब सवाल किया तो आयोग ने कहा कि 18 नवंबर से पहले दाखिला लिए बच्चों पर यह नियम लागू नहीं होता है. इसके बाद 4 जनवरी, 2022 को भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी कर कहा भी कि 18 नवंबर, 2021 से पहले प्री मेडिकल या एमडी करने वाले छात्रों को विशेष रूप से इस गजट से बाहर रखा जाना चाहिए. इसके बाद 25 मार्च, 2022 को नेशनल मेडिकल काउंसिल ने एक नोटिफिकेशन निकाला और कहा कि 18 नवंबर 2021 से पहले दाखिला लेने वाले छात्रों के ऊपर भी यह नियम लागू होगा. 18 नवंबर, 2021 को निकाले गए गजट के अनुसार बच्चों के ढाई साल पढ़ाई के बढ़ जाते हैं. अभिभावकों के अनुसार पढ़ाई फिलीपिंस में साढ़े पांच साल में पूरी होनी थी जिसे नए नियम के अनुसार पूरे होने में 8 साल लगेंगे.

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