नई दिल्ली: केंद्र और दिल्ली सरकार के तमाम दावों के बावजूद अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत लगातार बनी हुई है. दिल्ली के अलग-अलग अस्पताल बारी-बारी से SOS जारी कर, ऑक्सीजन की मांग कर रहे हैं. इस वक्त दिल्ली के vimhans हॉस्पिटल, सिटी हॉस्पिटल और आकाश हेल्थ केयर की ओर से SOS जारी कर, अस्पताल में तुरंत ऑक्सीजन सप्लाई की डिमांड की गई है.
सिटी हॉस्पिटल
सिटी हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर की ओर से कहा गया है कि अस्पताल में केवल 2 घंटे की ऑक्सीजन बची है. इस वक्त अस्पताल में 70 से ज्यादा मरीजों की हालत नाजुक बनी हुई है. अस्पताल प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई है कि लगातार अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत सामने आ रही है. सरकार को लगातार इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं. शनिवार भी ऑक्सीजन की किल्लत होने के बाद 7 टन सप्लाई की गई. अब फिर अस्पताल में ऑक्सीजन की दिक्कत आ गई है. अभी तक किसी प्रकार से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हुई है. प्रशासन ने कहा है कि सुबह से ही सभी डॉक्टर्स मदद की गुहार लगा रहे हैं.
विमहन्स हॉस्पिटल
इसके साथ ही Vimhans हॉस्पिटल के सीईओ यतीश व्हाल की तरफ से सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के जरिए लोगों से मदद मांगी जा रही है. उनकी तरफ से जानकारी दी गई है कि केवल 3:30 घंटे के लिए ही अस्पताल में ऑक्सीजन बची हुई है. अस्पताल की ओर से बताया गया है कि 1 मई से अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई का ठेका LINDE को दिया गया है, जबकि पहले आईनॉक्स की ओर से अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है. LINDE की तरफ से अस्पताल में कल से कोई भी सप्लाई नहीं हुई है.
उनकी तरफ से कहा गया है कि इस वक्त 94 मरीज आईसीयू में भर्ती हैं. इनमें से 40 मरीज वेंटिलेटर पर हैं. 41 मरीजों को ऑक्सीजन बेड पर रखा गया है. कुल मिलाकर इस वक्त अस्पताल में 135 मरीज हैं, जिन्हें अलग-अलग तरीके से ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. अस्पताल ने इन सभी मरीजों की जान बचाने के लिए जल्द ऑक्सीजन सप्लाई की मांग की गई है.
आकाश हेल्थ केयर
इसके साथ ही आकाश हेल्थ केयर की ओर से भी ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर एसओएस जारी किया गया है. आकाश हेल्थ केयर ने तुरंत अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन सप्लाई की मांग की है. आकाश हेल्थकेयर की ओर से 3 घंटे पहले सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी गई कि उनके अस्पताल में केवल 1 घंटे के लिए ही ऑक्सीजन बची हुई है. जबकि, 250 मरीज इस वक्त अस्पताल में भर्ती हैं. अस्पताल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से तुरंत मरीजों को किसी दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किए जाने की मांग की है, जिससे इन मरीजों की जान बचाई जा सके.
Irene हॉस्पिटल
इससे पहले दक्षिण दिल्ली के कालकाजी थाने के पास स्थित Irene हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की किल्लत हो गई है. इसके बाद मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है.
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सीताराम भारतीय विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान
कुछ इसी तरह सीताराम भारतीय विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान में कुछ ही देर का ऑक्सीजन बचा था. यहां कोविड संक्रमित कई मरीज भर्ती है. ऑक्सीजन प्रशासन ने जल्द ऑक्सीजन पहुंचाने की मांग की थी. इसके बाद राघव चड्ढा ने अस्पताल में ऑक्सीजन पहुंचवाया.
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हाईकोर्ट में सुनवाई
आज दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन संकट पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से कहा कि दिल्ली एक औद्योगिक राज्य नहीं है. उसे टैंकर कहां से मिल सकते हैं. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने, ये बात केंद्र सरकार की, उस याचिका पर सुनवाई के दौरान कही, जिसमें केंद्र ने हाईकोर्ट के अवमानना की कार्रवाई का आदेश वापस लेने की मांग की है. कोर्ट ने केंद्र सरकार की इस याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है.
कोर्ट ने अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी दी थी
1 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वे दिल्ली को उसके आवंटित ऑक्सीजन के कोटे का 490 मीट्रिक टन की सप्लाई सुनिश्चित करें, अन्यथा केंद्र के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी. कोर्ट ने ये आदेश तब दिया था, जब उसे सूचना दी गई कि 1 मई को बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से कुछ मरीजों की मौत हो गई थी.
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि टैंकरों को उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर नहीं डाली जा सकती है. दिल्ली सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के संसाधनों का इस्तेमाल कर, टैंकर क्यों नहीं उपलब्ध करा सकती है. मेहरा ने कहा कि दिल्ली एक गैर-औद्योगिक राज्य है. दिल्ली सरकार ने कुछ औद्योगिक घरानों से आग्रह कर, कुछ टैंकर हासिल किए भी हैं. मेहरा ने पूछा कि क्या केंद्र सरकार दिल्ली को ज्यादा मदद नहीं कर सकती है. क्या वो दिल्ली को आवंटित ऑक्सीजन से सौ मीट्रिक टन ज्यादा नहीं उपलब्ध करा सकती है.