नई दिल्ली: भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी अपनी बयानों को लेकर सुर्खियों में है. दरअसल, गुरुवार को लोकसभा सत्र के दौरान उन्होंने बीएसपी सांसद दानिश अली के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया. उसका वीडियो भी वायरल हो रहा है. हालांकि, उस वीडियो को लोकसभा की तरफ से हटा दिया गया है. लेकिन इसको लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, टीएमसी, आरजेडी, जेडीयू, समेत तमाम पार्टियों ने बीजेपी सांसद के इस अमर्यादित भाषा का विरोध किया है. ऐसे में लोकतंत्र के मंदिर में अमर्यादित भाषा को लेकर लोगों की राय क्या है जानने के लिए पढ़े पूरी खबर.
ईटीवी भारत से बातचीत में भारत चौहान ने बताया कि नेताओं को सदन की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए. इस तरह की बयानबाजी या गलत शब्दों का प्रयोग सही नहीं है. जिस तरह की भाषा का उन्होंने उपयोग किया है, ऐसी भाषा तो आमतौर पर लोग अपने घरों में भी नहीं बोलते हैं. हालांकि, दानिश अली ने उन्हें उकसाया था लेकिन इस तरह की भाषा का उपयोग सदन में नहीं होना चाहिए.
वहीं, गुरमीत सिंह ने बताया कि बीजेपी सांसद को सदन में ऐसी भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि उन्हें देश की जनता देखती है. ऐसे बयानों से उनके ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा?. लोकतंत्र के मंदिर में अपशब्द बोलने का किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता को अधिकार नहीं है. अगर इस तरह का कोई भी बयान देता है तो उनके ऊपर कारवाई होनी चाहिए.
बता दें कि, इससे पहले कांग्रेस ने पीएम मोदी से सवाल किया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि "पीएम मोदी, क्या आपने अपने सांसद रमेश बिधूड़ी का बयान सुना? वो एक दूसरे सांसद को उनके धर्म के आधार पर ऐसी गालियां दे रहे हैं जो यहां लिखी नहीं जा सकती. पूरा विश्वास है आपने सुना ही होगा, और अब आप इनका प्रमोशन जरूर करेंगे". वहीं, टीएमसी सांसद मौर्य मुर्मू ने लिखा कि क्या इस तरह के अमर्यादित भाषा पर भाजपा अपने सांसद पर कोई कार्रवाई करेगी. कैसे खुलेआम बीजेपी के सांसद रमेश बिधूड़ी एक सांसद को धमकियां दे रहे और अपशब्द बोल रहे हैं"
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