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व्यापारिक संगठनों की पंचायत : बंद कर रहे बाजार तो SHO और MCD अधिकारी भी हों सस्पेंड

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Published : Jul 6, 2021, 7:33 PM IST

Updated : Jul 6, 2021, 11:05 PM IST

कोरोना नियमों के उल्लंघन (Violation Of Corona Rules) मामले में दिल्ली के बाजार लगातार बंद किए जा रहे हैं. अब तक आधा दर्जन बाजारों पर कार्रवाई हो चुकी है. इस कार्रवाई के खिलाफ दिल्ली के व्यापारी अब पुलिस-प्रशासन के विरोध में उतर गए हैं. पूरी दिल्ली के 200 व्यापारिक संगठनों ने चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (Chamber Of Trade And Industry ) के बैनर तले मंगलवार को एक ऑनलाइन पंचायत (Online Panchayat ) की और मांग की कि एक ज्वाइंट एक्शन कमिटी बनाई जाए.

online panchayat of business organizations in connaught place delhi
व्यापारिक संगठनों की पंचायत

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में कोरोना की रफ्तार लगातार धीमी हो रही है. बीते करीब 1 हफ्ते से हर दिन आने वाले नए मामले 100 से कम हैं. वहीं संक्रमण दर 0.1 फीसदी पर पहुंच गया है. यानी हर एक हजार में एक व्यक्ति संक्रमित पाया जा रहा है. दूसरी तरफ, दिल्ली सरकार लगातार लॉकडाउन में छूट दे रही है और इसके कारण बाजारों में भीड़ बढ़ती जा रही है.



दिल्ली के इन बाजारों से लगातार कोरोना नियमों के उल्लंघन की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं. इस आधार पर प्रशासन बाजारों पर कार्रवाई कर रहा है. बाजार बंद किए जा रहे हैं. बीते 1 हफ्ते के दौरान करीब आधे दर्जन बाजार बंद किए जा चुके हैं, लेकिन दुकानदार और व्यापारिक संगठन पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ हैं और अब खुलकर इसके विरोध में लामबंद होने लगे हैं.

बंद कर रहे बाजार तो SHO और MCD अधिकारी भी हों सस्पेंड
मंगलवार को कनॉट प्लेस में करीब 200 व्यापारिक संगठनों ने चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के बैनर तले एक ऑनलाइन पंचायत की. इस दौरान इस पर सहमति बनी कि एक ज्वाइंट एक्शन कमिटी बनाई जाए, जिससे मार्केट एसोसिएशन, MCD और पुलिस प्रशासन के बीच समन्वय हो सके. साथ ही किसी भी बाजार पर कार्रवाई से पहले वहां के दुकानदारों को नोटिस दिया जाए.ईटीवी भारत से बातचीत में चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (Chamber Of Trade And Industry ) के कन्वीनर बृजेश गोयल ने कहा कि अगर बाजारों पर कार्रवाई हो रही है, तो MCD के अधिकारियों और थाने के अधिकारी (SHO) को भी सस्पेंड किया जाए, क्योंकि कोरोना नियमों के पालन की जिम्मेदारी इनकी भी होती है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं, ऐसे में अगर हम अब व्यापार नहीं करेंगे तो कब करेंगे.बृजेश गोयल ने कहा कि तीसरी कोरोना लहर की आशंका है. ऐसे में हो सकता है कि फिर से लॉकडाउन लगे और फिर दुकानें बंद करनी पड़ जाएं. इसलिए इस तरह की कार्रवाई से व्यापारियों को परेशान न किया जाए. CTI के महासचिव विष्णु भार्गव ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि हम केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और डीडीएमए को इसे लेकर पत्र लिख रहे हैं.CTI वूमेन काउंसिल की सेक्रेटरी हरप्रीत नलवा का कहना था कि ज्वाइंट एक्शन कमिटी एक अच्छा कदम है. साथ ही बिना नोटिस या वार्निंग के बाजारों को बंद करना ठीक नहीं है. वहीं, करोल बाग ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गुरमीत अरोड़ा का कहना था कि पिछले साल ही लॉकडाउन के कारण 70 फीसदी सेल डाउन हुआ. इस साल हुए लॉकडाउन से और नुकसान हुआ. ऐसे में प्रशासन मदद की बजाय तंग न करे.


ये भी पढ़ें-गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन ने कहा- दिल्ली के बाजारों की संरचना ऑड-ईवन लायक नहीं


गुरमीत अरोड़ा का यह भी कहना था कि मेट्रो के सभी गेट खोले जाएं. साथ ही बाजार की समय सीमा रात 8 बजे की बजाय 10 बजे तक की जाए, इससे बाजार में भीड़ कम होगी.


ये भी पढ़ें-देश की सबसे बड़ी हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर की मार्केट में नाइट कर्फ्यू का असर

मायापुरी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष नवदीप मल्होत्रा का कहना था कि रेहड़ी पटरी और वेंडर के कारण बाजार में भीड़ बढ़ती है और उनकी व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रशासन की है, उन्हें अलग से जगह दी जाए, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन हो सके.

ये भी पढ़ें-किराड़ी: कोरोना नियमों की उड़ी धज्जियां, बिना मास्क के नजर आए लोग

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में कोरोना की रफ्तार लगातार धीमी हो रही है. बीते करीब 1 हफ्ते से हर दिन आने वाले नए मामले 100 से कम हैं. वहीं संक्रमण दर 0.1 फीसदी पर पहुंच गया है. यानी हर एक हजार में एक व्यक्ति संक्रमित पाया जा रहा है. दूसरी तरफ, दिल्ली सरकार लगातार लॉकडाउन में छूट दे रही है और इसके कारण बाजारों में भीड़ बढ़ती जा रही है.



दिल्ली के इन बाजारों से लगातार कोरोना नियमों के उल्लंघन की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं. इस आधार पर प्रशासन बाजारों पर कार्रवाई कर रहा है. बाजार बंद किए जा रहे हैं. बीते 1 हफ्ते के दौरान करीब आधे दर्जन बाजार बंद किए जा चुके हैं, लेकिन दुकानदार और व्यापारिक संगठन पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ हैं और अब खुलकर इसके विरोध में लामबंद होने लगे हैं.

बंद कर रहे बाजार तो SHO और MCD अधिकारी भी हों सस्पेंड
मंगलवार को कनॉट प्लेस में करीब 200 व्यापारिक संगठनों ने चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के बैनर तले एक ऑनलाइन पंचायत की. इस दौरान इस पर सहमति बनी कि एक ज्वाइंट एक्शन कमिटी बनाई जाए, जिससे मार्केट एसोसिएशन, MCD और पुलिस प्रशासन के बीच समन्वय हो सके. साथ ही किसी भी बाजार पर कार्रवाई से पहले वहां के दुकानदारों को नोटिस दिया जाए.ईटीवी भारत से बातचीत में चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (Chamber Of Trade And Industry ) के कन्वीनर बृजेश गोयल ने कहा कि अगर बाजारों पर कार्रवाई हो रही है, तो MCD के अधिकारियों और थाने के अधिकारी (SHO) को भी सस्पेंड किया जाए, क्योंकि कोरोना नियमों के पालन की जिम्मेदारी इनकी भी होती है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं, ऐसे में अगर हम अब व्यापार नहीं करेंगे तो कब करेंगे.बृजेश गोयल ने कहा कि तीसरी कोरोना लहर की आशंका है. ऐसे में हो सकता है कि फिर से लॉकडाउन लगे और फिर दुकानें बंद करनी पड़ जाएं. इसलिए इस तरह की कार्रवाई से व्यापारियों को परेशान न किया जाए. CTI के महासचिव विष्णु भार्गव ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि हम केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और डीडीएमए को इसे लेकर पत्र लिख रहे हैं.CTI वूमेन काउंसिल की सेक्रेटरी हरप्रीत नलवा का कहना था कि ज्वाइंट एक्शन कमिटी एक अच्छा कदम है. साथ ही बिना नोटिस या वार्निंग के बाजारों को बंद करना ठीक नहीं है. वहीं, करोल बाग ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गुरमीत अरोड़ा का कहना था कि पिछले साल ही लॉकडाउन के कारण 70 फीसदी सेल डाउन हुआ. इस साल हुए लॉकडाउन से और नुकसान हुआ. ऐसे में प्रशासन मदद की बजाय तंग न करे.


ये भी पढ़ें-गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन ने कहा- दिल्ली के बाजारों की संरचना ऑड-ईवन लायक नहीं


गुरमीत अरोड़ा का यह भी कहना था कि मेट्रो के सभी गेट खोले जाएं. साथ ही बाजार की समय सीमा रात 8 बजे की बजाय 10 बजे तक की जाए, इससे बाजार में भीड़ कम होगी.


ये भी पढ़ें-देश की सबसे बड़ी हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर की मार्केट में नाइट कर्फ्यू का असर

मायापुरी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष नवदीप मल्होत्रा का कहना था कि रेहड़ी पटरी और वेंडर के कारण बाजार में भीड़ बढ़ती है और उनकी व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रशासन की है, उन्हें अलग से जगह दी जाए, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन हो सके.

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Last Updated : Jul 6, 2021, 11:05 PM IST
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