नई दिल्ली: 10 सितंबर 2018 को दिल्ली सरकार ने डोर स्टेप डिलीवरी योजना की शुरुआत की थी. उद्देश्य था कि सरकारी सेवाओं को लोगों के घर तक पहुंचाया जाए. इस योजना के एक साल पूरे हो चुके हैं और सरकार आंकड़ों के जरिए इसकी सफलता दिखा रही है. केजरीवाल सरकार ने जब डोर स्टेप डिलीवरी योजना शुरू की थी, तब इसमें 40 सेवाएं दी जाती थीं. लेकिन बाद में उसे बढ़ाकर 70 कर दिया गया. वर्तमान समय में दिल्ली सरकार के 12 विभागों की 70 सेवाओं की होम डिलीवरी हो रही है. इस योजना के 1 साल पूरे होने पर सरकार ने इससे जुड़े आंकड़े जारी किए हैं.
इस नंबर पर कॉल करके ले सकते हैं जानकारी
1076 नम्बर पर कॉल करके दिल्ली का कोई भी नागरिक इन 70 सेवाओं में से किसी के बारे में भी जानकारी ले सकता है और उनका फायदा भी. लोगों के घर तक इन सेवाओं को पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा मोबाइल सहायक तैनात किए गए हैं. सरकार के आंकड़ों की मानें तो बीते 1 साल में इस 24 घंटे चलने वाले कॉल सेंटर पर एक 13,69,284 कॉल आए. ये कॉल पूछताछ, शिकायत और सर्विस रिक्वेस्ट को लेकर थीं. इनमें से 216054 सेवाओं की रिक्वेस्ट बुक हुई और उसके बाद इतने लोगों के घर मोबाइल सहायक गए और फॉर्म भरने समेत सेवाएं उपलब्ध कराने तक की प्रक्रिया पूरी हुई.
जाति प्रमाण पत्र के लिए आए आवेदन
आंकड़ों की मानें तो टॉप टेन सर्विसेज में सबसे ज्यादा आवेदन जाति प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर आए. करीब 40 फ़ीसदी आवेदन जाति प्रमाण पत्र के थे. इनमें से ओबीसी सर्टिफिकेट के लिए 21 फीसदी, एससी सर्टिफिकेट के लिए 19 फ़ीसदी और एसटी सर्टिफिकेट के लिए 0.43 फीसदी लोगों ने आवेदन किया.
इसके अलावा इनकम सर्टिफिकेट के लिए 17 फ़ीसदी, लर्निंग लाइसेंस के लिए 8 फ़ीसदी, डोमिसाइल सर्टिफिकेट के लिए 5 फीसदी, मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए 2.5 फीसदी, प्रायोरिटी हाउसहोल्ड कार्ड के लिए 2 फीसदी, डिलेड बर्थ ऑर्डर के लिए 1.8 फीसदी और सर्वाइविंग मेम्बर सर्टिफिकेट के लिए 0.82 फीसदी लोगों ने आवेदन किए.
50 रुपये की फीस देनी होती है
इस योजना का फायदा 1076 पर कॉल करने के अलावा एसडीएम या आरटीओ ऑफिस के हेल्प डेस्क के जरिए भी लिया जा सकता है. साथ ही इसकी वेबसाइट www.edistrict.delhigovt.nic.in पर जाकर भी सर्विस बुक की जा सकती है. इसके बाद मोबाइल सहायक आवेदनकर्ता से सम्पर्क करते हैं और जरूरी कागजात उपलब्ध होने पर वे किसी भी दिन सुबह 8 बजे से रात 9 बजे के बीच आवेदनकर्ता के घर पहुंचकर अपने पास उपलब्ध मशीन के जरिए कागजात और फोटो अपलोड करते हैं फिर उसके कुछ दिनों बाद जरूरी सर्टिफिकेट आवेदनकर्ता के घर पहुंच जाता है. इस पूरी प्रक्रिया के लिए 50 रुपये की फीस देनी होती है.
वर्तमान समय में इस सेवा के लिए 125 मोबाइल सहायक काम कर रहे हैं. साथ ही 100 कॉल सेंटर एग्जीक्यूटिव बनाए गए हैं. 11 सुपरवाइजर इस योजना को मॉनिटर कर रहे हैं. इसके लिए 35 डीलिंग असिस्टेंट और 25 कॉर्डिनेटर भी तैनात हैं. डोर स्टेप डिलीवरी अरविंद केजरीवाल की महत्वाकांक्षी योजना रही है आए दिन सियासी मंचों से केजरीवाल इसकी सफलता का जिक्र भी करते रहे हैं. देखने वाली बात होगी कि आगामी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी इसे किस तरह भुनाती है.