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ESI अस्पताल की बदल रही छवि, लैंडफिल साइट से बचाव के लिए लगेंगे 50 हजार पेड़

ओखला ईएसआई हॉस्पिटल की बदतर हालात को बेहतर करने के लिए इन दिनों सुसज्जित किया जा रहा है.साथ ही लैंडफिल साइट से आने वाली जहरीली गैस से बचाव के लिए यहां पर काफी संख्या में पोधे लगाए जा रहे हैं.

अस्पताल में जहरीली गैसों का असर
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Published : Mar 18, 2019, 9:58 PM IST

नई दिल्ली: ओखला ईएसआई अस्पताल में 250 बेड है. 100 बेड और बनने का काम यहां पर चल रहा है.इसी के साथ अस्पताल के कई हिस्से पहले जर्जर हालत में पड़े हुए थे. लेकिन अब अस्पताल की छवि को सुधारा जा रहा है.साथ ही यहां पर पेंटिंग बनाकर पर्यावरण का संदेश दिया जा रहा है.इसके अलावा यहां पर कई तरह की पेंटिंग भी बना कर पर्यावरण बचाओ का संदेश दिया जा रहा है. इसके लिए यहां लगातार काम चल रहा है.

अस्पताल में जहरीली गैसों का असर

अस्पताल में जहरीली गैसों का असर
लैंडफिल साइट के होने से अस्पताल में जहरीली गैसों का असर देखने को मिलता है. इस बाबत अस्पताल प्रबंधन ने भी कई बार सरकार से लेकर आला अधिकारियों को इस बात की जानकारी लिखित में दी है, लेकिन लैंडफिल साइट पर आज भी कूड़ा डाला जा रहा है. जिसकी वजह से उसमें बनने वाली जहरीली गैसें मरीजों की सेहत पर असर पड़ रहा है. अस्पताल प्रबंधन ने निर्णय लिया कि अस्पताल के पास के एरिया में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए जाएं. ताकि जहरीली गैसों प्रभाव है कुछ हद तक कम हो सके.

50हज़ार पौधे लगाए जा चुके हैं
अस्पताल की मेडिकल सुप्रिडेंट अंजू कुमारी ने बताया कि अभी तक 50हजार पौधे यहां पर लगाए जा चुके हैं .और यह निरंतर काम शुरू है.लैंडफिल साइट की परेशानी को देखते हुए यहां पर पौधे लगाना जरूरी हो गया था.इसलिए यहां पर काफी संख्या में पौधे और लगाए जाएंगे. साथ ही यहां पर रिनोवेशन का जो काम है वह चल रहा है इससे की अस्पताल की छवि साफ हो सके.

नई दिल्ली: ओखला ईएसआई अस्पताल में 250 बेड है. 100 बेड और बनने का काम यहां पर चल रहा है.इसी के साथ अस्पताल के कई हिस्से पहले जर्जर हालत में पड़े हुए थे. लेकिन अब अस्पताल की छवि को सुधारा जा रहा है.साथ ही यहां पर पेंटिंग बनाकर पर्यावरण का संदेश दिया जा रहा है.इसके अलावा यहां पर कई तरह की पेंटिंग भी बना कर पर्यावरण बचाओ का संदेश दिया जा रहा है. इसके लिए यहां लगातार काम चल रहा है.

अस्पताल में जहरीली गैसों का असर

अस्पताल में जहरीली गैसों का असर
लैंडफिल साइट के होने से अस्पताल में जहरीली गैसों का असर देखने को मिलता है. इस बाबत अस्पताल प्रबंधन ने भी कई बार सरकार से लेकर आला अधिकारियों को इस बात की जानकारी लिखित में दी है, लेकिन लैंडफिल साइट पर आज भी कूड़ा डाला जा रहा है. जिसकी वजह से उसमें बनने वाली जहरीली गैसें मरीजों की सेहत पर असर पड़ रहा है. अस्पताल प्रबंधन ने निर्णय लिया कि अस्पताल के पास के एरिया में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए जाएं. ताकि जहरीली गैसों प्रभाव है कुछ हद तक कम हो सके.

50हज़ार पौधे लगाए जा चुके हैं
अस्पताल की मेडिकल सुप्रिडेंट अंजू कुमारी ने बताया कि अभी तक 50हजार पौधे यहां पर लगाए जा चुके हैं .और यह निरंतर काम शुरू है.लैंडफिल साइट की परेशानी को देखते हुए यहां पर पौधे लगाना जरूरी हो गया था.इसलिए यहां पर काफी संख्या में पौधे और लगाए जाएंगे. साथ ही यहां पर रिनोवेशन का जो काम है वह चल रहा है इससे की अस्पताल की छवि साफ हो सके.

Intro:ईएसआई अस्पताल की बदल रही छवि, लैंडफिल साइट से बचाव के लिए दिया जा रहा पर्यावरण का सन्देश

दक्षिणी दिल्ली:ओखला ईएसआई हॉस्पिटल की बदतर हालात को बेहतर करने के लिए इन दिनों सुसज्जित किया जा रहा है.साथ ही लैंडफिल साइट से आने वाली जहरीली गैस से बचाव के लिए यहां पर काफी संख्या में पोधे लगाए जा रहे हैं.इसके अलावा यहां पर कई तरह की पेंटिंग भी बना कर पर्यावरण बचाओ का संदेश दिया जा रहा है. इसके लिए यहां लगातार काम चल रहा है.


Body:आपको बता दें कि ओखला ईएसआई अस्पताल में अभी मौजूदा स्थिति की बात की जाए तो 250 बेड का अस्पताल है. 100 बेड और बनने का काम यहां पर चल रहा है.इसी के साथ अस्पताल के कई हिस्से पहले जर्जर हालत में पड़े हुए थे. लेकिन अब अस्पताल की छवि को सुधारा जा रहा है.साथ ही यहां पर पेंटिंग बनाकर पर्यावरण का संदेश दिया जा रहा है. सबसे अहम बात यह है कि लैंडफिल साइट के होने से अस्पताल में जहरीली गैसों का असर देखने को मिलता है. इस बाबत अस्पताल प्रबंधन ने भी कई बार सरकार से लेकर आला अधिकारियों को इस बात की जानकारी लिखित में दी है, लेकिन लैंडफिल साइट पर आज भी कूड़ा डाला जा रहा है. जिसकी वजह से उसमें बनने वाली जहरीली गैसें मरीजों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती हैं.इस बाबत अस्पताल प्रबंधन ने यह निर्णय लिया था कि अस्पताल के पास के एरिया में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए जाएं, जिससे कि जहरीली गैसों का जो अस्पताल में प्रभाव है, उससे कुछ हद तक हो सके. अस्पताल की मेडिकल सुप्रिडेंट अंजू कुमारी ने बताया कि अभी तक 50हजार पौधे यहां पर लगाए जा चुके हैं .और यह निरंतर काम शुरू है.लैंडफिल साइट की परेशानी को देखते हुए यहां पर पौधे लगाना जरूरी हो गया था.इसलिए यहां पर काफी संख्या में पौधे और लगाए जाएंगे. साथ ही यहां पर रिनोवेशन का जो काम है वह चल रहा है इससे की अस्पताल की छवि साफ हो सके.


Conclusion:फिलहाल देखना होगा कि अस्पताल की छवि सुधारने के बाद लोगों को कितना लाभ मिल पाता है और लैंडफिल साइट से जो प्रदूषण होता है उसमें मरीजों को कितनी राहत मिल पाती है.
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