नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. तमाम कवायदों के बाद भी प्रदूषण से दिल्ली को राहत नहीं मिल पा रही है. इस समस्या से निबटने के लिए सरकार अब कुछ कड़े फैसले लेने जा रही है. ऐसे में दिल्ली में दोबारा से ऑड-इवन योजना को लागू करने पर विचार किया जा रहा है. इस योजना से दिल्ली की सड़कों से निजी गाड़ियों की संख्या घटकर तकरीबन आधी हो जाएगी. इस योजना से लोगों को सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया जाएगा.
की जा रही है तैयारियां: वर्तमान समय में सरकार इस पर कुछ स्पष्ट तो नहीं कह रही है, लेकिन बीते दिनों में जिस तरह मेट्रो और डीटीसी की बसों के फेरियों में वृद्धि की गई है, इन तैयारी को देखते हुए ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि अगर हालात सामान्य नहीं हुए तो ऑड-इवन योजना को लागू किया जा सकता है. दिल्ली में बीते चार दिनों से एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर श्रेणी को भी पार कर चुका है. ग्रैप के तहत प्रदूषण फैलाने के जो छोटे-छोटे भी कारण है उन सबों पर भी रोक लगा दी गई है. बावजूद इसके हालात सामान्य नहीं हो पा रहे. ऑड-इवन योजना कब से लागू होगी यह तय होने के बाद एवं अलग-अलग नंबर वाले गाड़िया तारीख के हिसाब से सड़कों पर चलेंगी.
निजी बस ऑपरेटर के साथ मीटिंग: परिवहन विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तमाम निजी बस ऑपरेटरों के साथ मीटिंग कर दिल्ली में बसों की स्थिति के बारे में भी जानकारी हासिल की गई है. सरकार के पास बसों की संख्या मौजूदा स्थिति के लिए पर्याप्त नहीं है, ऐसे में निजी वर्षों को भी हायर किया जा सकता है. दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पहले भी केजरीवाल सरकार यह योजना लागू कर चुकी है. हालांकि इस योजना का विपक्षी दलों, तमाम कारोबारी संगठनों ने विरोध भी खूब किया था. यहां तक कि बीजेपी के नेता इस योजना को रद्द करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की थी. ऑड-इवन योजना के तहत दिल्ली में रविवार को छोड़ कार्यदिवस में ऑड-इवन गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर के हिसाब से गाड़ियों को सड़कों पर चलने की इजाजत होती है. अगर कोई पालन नहीं करेगा तो उस पर जुर्माना किया जाएगा.
14 से 16 फीसदी गिरावट का अनुमान: इससे पहले दिल्ली में जब ऑड-इवन योजना को लागू किया गया था तो सरकार ने इसका अध्ययन कराया था. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अनुसार ऑड-इवन योजना के दौरान दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई थी. एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट आफ शिकागो यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों तथा कार्यकारी निदेशक डॉक्टर केन ली के मुताबिक दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 14 से 16 फीसद की गिरावट तब आई थी. ऑड-इवन पॉलिसी को लागू करना भी एक आपातकालीन उपाय हो सकता है. उन्होंने सरकार को सुझाव दिया था कि शहर में निजी ऑटोमोबाइल के अंधाधुंध इस्तेमाल को रोकने के उपायों पर गौर करना चाहिए.
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क्या है ऑड-इवन योजना: ऑड- इवन योजना के तहत दिल्ली की सड़कों ऑड वाले दिन सिर्फ ऑड (विषम) संख्या यानि 1, 3, 5, 7, 9 नंबर वाले गाड़ियों को चलने की इजाजत होती है. वहीं इवन वाले दिन जिस गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर के अंत में संख्या 2, 4, 6, 8 होता था, उसे ही दिल्ली की सड़कों पर चलने की अनुमति दी जाएगी. इसका पालन नहीं करने पर 2000 रुपये जुर्माने लगाने का प्रावधान था.
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