नई दिल्ली: प्रदूषण कम करने के मकसद से दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन योजना लागू किया. जिसके बाद पहले दिन ही सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर गंभीर चिंता जताई. जिससे अन्य राज्यों के मुख्य सचिव को बुधवार को तलब किया गया है. दिल्ली सरकार ने इसे राहत मिलने वाला कदम बताया है.
'यूपी में भी ऑड-ईवन योजना'
यूपी में प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से ऑड-ईवन योजना लागू को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. इसे उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बेहतर कदम बताया है. उन्होंने कहा कि हम शुक्रगुजार हैं कि सुप्रीम कोर्ट की वजह से उस दिशा में कदम बढ़ रहा है. यूपी में भी ऑड ईवन होगा, अच्छी बात है. प्रदूषण पूरे उत्तर भारत की समस्या है. सभी मिलकर काम करेंगे तो बेहतर परिणाम होगा.
दिल्ली में ऑड ईवन लागू होने से अनुमान किया जा रहा है कि दिल्ली में जो 30 लाख निजी वाहन पंजीकृत हैं. उनमें से ऑड ईवन योजना के दौरान प्रतिदिन 15 लाख वाहन ही सड़कों पर आने की स्थिति में होंगें. परिवहन विभाग का मानना है कि इनमें से भी आधे वाहन ही निकलती होंगें. जिससे प्रदूषण कम होगा. दिल्ली में प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में निजी वाहन एनसीआर के शहरों से आते-जाते हैं. एनसीआर के शहरों में भी जब ऑड-ईवन लागू होगा तो निजी वाहनों की संख्या स्वतः कम हो जाएगी.
दिल्ली में तीसरी बार ऑड-ईवन
बता दें कि 15 नवंबर तक दिल्ली में लागू ऑड-ईवन का समय सुबह 8 से शाम 8 बजे तक रखा गया है. इस दौरान नियम का पालन नहीं करने वालों को 4000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. दिल्ली में तीसरी बार लागू ऑड-ईवन योजना के चलते पहली बार सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव किया गया है. सरकार का मानना है कि कार्यालयों के कामकाज का समय बदलने से रोड पर एक साथ निकलने वाले वाहनों में कमी आएगी और ट्रैफिक जाम की समस्या भी नहीं होगी.