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कोरोनिल दवा का झूठा प्रचार करने के खिलाफ दायर याचिका पर बाबा रामदेव को नोटिस

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Published : Jun 3, 2021, 2:02 PM IST

कोरोनिल दवाई (coronil medicine) को लेकर कथित झूठे दावे पर रोक लगाने की मांग करने वाली दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव (Baba Ramdev) को नोटिस जारी किया है.

notice issued to Baba Ramdev on petition filed against false propaganda of coronil medicine
बाबा रामदेव

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बाबा रामदेव की ओर से कोरोनिल दवाई को लेकर कथित झूठे दावे पर रोक लगाने की मांग करने वाली दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (Delhi Medical Association) की याचिका पर सुनवाई करते हुए बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया है. जस्टिस सी हरिशंकर (Justice C Harishankar) की बेंच ने ट्विटर समेत कई सोशल मीडिया संगठनों को भी नोटिस जारी किया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी.



सार्वजनिक रूप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी

सुनवाई के दौरान दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (Delhi Medical Association) की ओर से वकील राजीव दत्ता ने कहा बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने सार्वजनिक रूप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी है. तब कोर्ट ने कहा कि आप लोगों को कोरोना का इलाज ढूंढ़ने की जगह कोर्ट में समय बर्बाद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये डॉक्टरों के अधिकार का मामला है. उनके बयान से लोगों का नुकसान हो रहा है. वे मेडिकल साइंस को चुनौती दे रहे हैं. तब कोर्ट ने पूछा कि क्या आपने वीडियो क्लिप दिया है. तब दत्ता ने कहा कि हमने वेबसाइट का लिंक दिया है. तब कोर्ट ने कहा कि वेबलिंक डाउनलोड किए जा सकते हैं. मैं ये कैसे जानता हूं कि वे सही हैं या गलत. केवल ट्रांसक्रिप्ट देने से नहीं होगा. आप वीडियो क्लिप दीजिए.


कोरोनिल को कोरोना की दवा के रूप में प्रचारित किया

दत्ता ने कहा कि बाबा रामदेव ने कोरोनिल दवा (coronil medicine) को कोरोना की दवा के रूप में प्रचारित किया. बाबा ने कहा कि कोरोनिल का मृत्यु-दर शून्य फीसदी है. तब कोर्ट ने कहा कि वेबलिंक के साथ दिक्कत है कि कल उसे हटाया जा सकता है, वे अस्थायी हैं. आप वीडियो क्लिप दाखिल कीजिए. तब दत्ता ने कहा कि हम वीडियो क्लिप दाखिल करेंगे.

ये भी पढ़ें:-फिर बढ़ सकती हैं बाबा रामदेव की मुश्किलें: बिलासपुर न्यायालय में परिवाद दायर

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने भी बाबा रामदेव के विज्ञापन पर रोक लगाने के लिए कहा. तब कोर्ट ने पूछा कि इससे आपदा प्रबंधन अधिनियम कैसे प्रभावित होती है. बाबा ने जो गलत बोला है, उसे बताइए. तब कोर्ट मानेगी कि उससे लोगों का नुकसान हुआ है. तब दत्ता ने कई बयानों को कोर्ट के सामने रखा. तब कोर्ट ने पूछा कि किस प्लेटफार्म पर बयान है, ट्विटर पर या प्रेस में. तब दत्ता ने कहा कि पूरी मीडिया में.

एलोपैथी को लेकर दिया था विवादास्पद बयान

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से बाबा रामदेव और एलोपैथी डॉक्टरों की संस्था आईएमए के बीच विवाद चल रहा है. बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर विवादास्पद बयान किया था, जिसके बाद आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर बाबा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी.

ये भी पढ़ें:-बाबा रामदेव के खिलाफ कोर्ट पहुंची शिकायत, 7 जून को सुनवाई

डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया था

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री (Union Health Minister) ने भी बाबा रामदेव को अपना बयान वापस लेने को कहा था. आईएमए (IMA) ने बाबा रामदेव के खिलाफ लीगल नोटिस भी भेजा था. पिछले 1 जून को देश भर के एलोपैथी डॉक्टरों ने बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर काली पट्टी बांधकर काम किया था.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बाबा रामदेव की ओर से कोरोनिल दवाई को लेकर कथित झूठे दावे पर रोक लगाने की मांग करने वाली दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (Delhi Medical Association) की याचिका पर सुनवाई करते हुए बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया है. जस्टिस सी हरिशंकर (Justice C Harishankar) की बेंच ने ट्विटर समेत कई सोशल मीडिया संगठनों को भी नोटिस जारी किया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी.



सार्वजनिक रूप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी

सुनवाई के दौरान दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (Delhi Medical Association) की ओर से वकील राजीव दत्ता ने कहा बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने सार्वजनिक रूप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी है. तब कोर्ट ने कहा कि आप लोगों को कोरोना का इलाज ढूंढ़ने की जगह कोर्ट में समय बर्बाद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये डॉक्टरों के अधिकार का मामला है. उनके बयान से लोगों का नुकसान हो रहा है. वे मेडिकल साइंस को चुनौती दे रहे हैं. तब कोर्ट ने पूछा कि क्या आपने वीडियो क्लिप दिया है. तब दत्ता ने कहा कि हमने वेबसाइट का लिंक दिया है. तब कोर्ट ने कहा कि वेबलिंक डाउनलोड किए जा सकते हैं. मैं ये कैसे जानता हूं कि वे सही हैं या गलत. केवल ट्रांसक्रिप्ट देने से नहीं होगा. आप वीडियो क्लिप दीजिए.


कोरोनिल को कोरोना की दवा के रूप में प्रचारित किया

दत्ता ने कहा कि बाबा रामदेव ने कोरोनिल दवा (coronil medicine) को कोरोना की दवा के रूप में प्रचारित किया. बाबा ने कहा कि कोरोनिल का मृत्यु-दर शून्य फीसदी है. तब कोर्ट ने कहा कि वेबलिंक के साथ दिक्कत है कि कल उसे हटाया जा सकता है, वे अस्थायी हैं. आप वीडियो क्लिप दाखिल कीजिए. तब दत्ता ने कहा कि हम वीडियो क्लिप दाखिल करेंगे.

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उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने भी बाबा रामदेव के विज्ञापन पर रोक लगाने के लिए कहा. तब कोर्ट ने पूछा कि इससे आपदा प्रबंधन अधिनियम कैसे प्रभावित होती है. बाबा ने जो गलत बोला है, उसे बताइए. तब कोर्ट मानेगी कि उससे लोगों का नुकसान हुआ है. तब दत्ता ने कई बयानों को कोर्ट के सामने रखा. तब कोर्ट ने पूछा कि किस प्लेटफार्म पर बयान है, ट्विटर पर या प्रेस में. तब दत्ता ने कहा कि पूरी मीडिया में.

एलोपैथी को लेकर दिया था विवादास्पद बयान

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से बाबा रामदेव और एलोपैथी डॉक्टरों की संस्था आईएमए के बीच विवाद चल रहा है. बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर विवादास्पद बयान किया था, जिसके बाद आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर बाबा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी.

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डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया था

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री (Union Health Minister) ने भी बाबा रामदेव को अपना बयान वापस लेने को कहा था. आईएमए (IMA) ने बाबा रामदेव के खिलाफ लीगल नोटिस भी भेजा था. पिछले 1 जून को देश भर के एलोपैथी डॉक्टरों ने बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर काली पट्टी बांधकर काम किया था.

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