नई दिल्ली : मानसून से पहले नॉर्थ एमसीडी ने खतरनाक इमारतों को लेकर सर्वे किया है. क्षेत्र में करीब 700 इमारतों को नॉर्थ एमसीडी ने नोटिस भेजा है. डीएमसी एक्ट के तहत भेजे गए नोटिस में इमारतों के मालिकों को रिपेयर कराने के लिए कहा गया है.
हर साल की तरह इस साल भी नॉर्थ एमसीडी ने मानसून से पहले खतरनाक इमारतों का सर्वे करवाया है, जिसमें लगभग निगम ने अब तक 700 इमारतों को खतरनाक श्रेणी में डीएमसी एक्ट 348-349 के तहत नोटिस भेजे हैं. नोटिस में निगम ने इमारतों के मालिकों को तुरंत प्रभाव से इमारतों के रिपेयर वर्क शुरू कराने को कहा है. यदि मालिकों के द्वारा जल्द ही रिपेयर वर्क नहीं कराया जाता और इमारतों को ठीक नहीं करवाया जाता तो उसके बाद निगम इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी और चालान किए जाने के साथ-साथ इन इमारतों को डिमोलिश भी किया जा सकता है.
बता दें कि खतरनाक इमारतों के सर्वे के दौरान निगम के बिल्डिंग इंजीनियर ने बाकायदा मौके पर जाकर इन सभी इमारतों की न सिर्फ जांच की, बल्कि उसकी एक पूरी रिपोर्ट भी बनाई है, जिसके बाद उन सभी इमारतों को नोटिस भेजा गया है जो डीएमसी एक्ट के तय मानकों पर खरी नहीं उतरती है. निगम के द्वारा भेजे गए नोटिस में इमारतों को रिपेयर कराने के लिए एक निश्चित समय अवधि की मोहलत भी इमारतों के मालिकों को नोटिस के माध्यम से दी गई है जो कि 3 हफ्ते से लेकर 3 महीने तक है.
ये भी पढ़ें- नॉर्थ MCD: वेतन को लेकर सफाई कर्मचारियों का इंतजार खत्म, 77 करोड़ की राशि जारी
नॉर्थ एमसीडी के मेयर राजा इकबाल सिंह ने बताया कि उन्होंने निगम अधिकारियों को खतरनाक इमारतों के मुद्दे पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने के कड़े निर्देश पहले ही दे दिए हैं और किसी प्रकार की कोताही निगम के द्वारा इस बार नहीं बरती जाएगी. खतरनाक इमारतों को लेकर नॉर्थ एमसीडी ने रोहिणी जोन में 146 नोटिस जारी किए हैं, जबकि करोल बाग जोन में 96, सिविल लाइन जोन में 83 नोटिस दिए हैं, जबकि सिटी एसपी जोन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अभी तक 21 इमारतों को ही नोटिस दिए गए हैं.
ये भी पढ़ें- छह अस्पतालों को केंद्र या दिल्ली सरकार को सौंपने पर दोबारा विचार करे नॉर्थ MCD: दिल्ली HC
हर साल नॉर्थ एमसीडी के द्वारा मॉनसून से पहले खतरनाक इमारतों के मद्देनजर सर्वे कराया जाता है. जिसमें उन इमारतों को शामिल किया जाता है. जिनके मानसून की भारी बरसात में गिरने या फिर क्षतिग्रस्त होने की आशंका होती है या फिर जिनसे जान माल का नुकसान भी हो सकता है. निगम के इंजीनियर बकायदा मौके पर विजिट करके इमारतों की मजबूती की जांच भी करते हैं.जिसकी रिपोर्ट आने के बाद यदि इमारत डीएमसी एक्ट के तहत तय मानकों पर खरी नहीं तोड़ती तभी उसे नोटिस जारी किए जाते हैं.