नई दिल्ली: अगले साल होने वाले दिल्ली नगर निगम के प्रमुख चुनावों से पहले निगम में बीजेपी की सरकार बैकफुट पर आते हुए नजर आ रही है. विपक्ष के द्वारा लगातार जमीनें लीज पर देने के प्रस्ताव रद्द करने को लेकर बनाए गए दबाव के चलते बीजेपी को दंगल मैदान समेत निगम की कई अन्य जमीनों को लीज पर देने के प्रस्ताव को फिलहाल के लिए रद्द करना पड़ा है. वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दलों द्वारा इसे अपनी जीत बताया जा रहा है. बता दें कि पिछले कुछ महीनों में बीजेपी शासित निगम के द्वारा निगम के अंतर्गत आने वाली कई जमीनों को मनमाने से ढंग से प्रस्ताव पारित कर लीज पर दिया गया है.
दिल्ली की सबसे बड़ी सिविक एजेंसी नॉर्थ एमसीडी वर्तमान में बदहाल आर्थिक स्थिति और तंगी के दौर से गुजर रही है. यहां तक कि निगम के पास अपने कर्मचारियों को त्योहारी सीजन में समय पर वेतन देने तक के लिए पर्याप्त मात्रा में राजस्व नहीं है. इस बीच पिछले कुछ महीनों से निगम के द्वारा लगातार अपने अंतर्गत आने वाली जमीनों को लीज पर दे कर राजस्व जुटाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. लेकिन बीते दिनों में स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में निगम में शासित बीजेपी की सरकार के द्वारा कई जमीनों को लीज पर देने के प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया है. जिसमें दंगल मैदान के साथ-साथ कई अन्य के प्रस्ताव भी शामिल है.
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गौरतलब है कि यह सभी प्रस्ताव निगम में शासित बीजेपी की सरकार द्वारा अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए लाए जाने थे. लेकिन विपक्ष के दबाव में आकर इन सभी प्रस्ताव को फिलहाल के लिए बीजेपी शासित निगम ने रद्द कर दिया है. इन सभी प्रस्तावों को वापस लेने को लेकर लगातार विपक्ष की तरफ से लगातार बीजेपी शासित निगम पर न सिर्फ दबाव बनाया जा रहा है बल्कि विरोध प्रदर्शन भी किए जा रहे थे. आप नेता दुर्गेश पाठक ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जिस तरह से बीजेपी ने स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में निगम की जमीनों को लीज पर देने के प्रस्ताव को रद्द कर दिया है वह दर्शाता है कि आम आदमी पार्टी का संघर्ष रंग लाया है और आम आदमी पार्टी अपनी स्टैंड पर सही थी. इससे पहले भी भाजपा निगम की जमीनों को बेचने का प्रस्ताव लाती रही है और कई बार प्रस्ताव मनमर्जी तरीके से पास भी कराया है. लेकिन आम आदमी पार्टी हमेशा की इस तरह के प्रस्तावों का विरोध करती रही है और आगे भी करती रहेगी. आप मांग करती है कि नॉवल्टी सिनेमा और निगम के बाकी जमीनों को भेजने का प्रस्ताव जो पारित किया जाए उसे भी वापस लेकर रद्द करें. आप का कहना है कि बीजेपी लगातार इस तरह के प्रस्ताव को पारित करके न सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है, बल्कि भाजपा के नेता इस तरह के प्रस्ताव पारित करके अपनी जेब भरने में लगे रहते हैं. इन्हें जनता से किसी प्रकार का कोई सरोकार नहीं है.
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वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकेश गोयल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस लगातार निगम के अंदर अपनी सकारात्मक भूमिका निभाती रही है और सत्ता में शासित बीजेपी के द्वारा लिए जा रहे मनमाने ढंग से फसलों का लगातार विरोध भी किया जाता रहा है. जिस तरह से बीजेपी शासित एमसीडी लगातार निगम की जमीन लीज पर दे कर या फिर कहां जाए तब भेज कर राजस्व एकत्रित करने की कोशिश कर रही है वह गलत है इससे निगम की वर्तमान में जो आर्थिक तंगी की जो समस्या है वह सिर्फ कुछ समय के लिए हल हो सकती है लेकिन उसका स्थाई समाधान नहीं निकलेगा जो कि निकालना जरूरी है.
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बहरहाल इतना तो साफ हो गया है कि बीजेपी शासित नगर निगम ने आगामी समय में नगर निगम के चुनावों के मद्देनजर और विपक्ष के द्वारा बनाए गए. दबाव के चलते दंगल मैदान के साथ निगम की कुछ और जमीनों को लीज पर देने के प्रस्ताव फिलहाल के लिए रद्द कर दिए हैं और विपक्ष इन सभी प्रस्तावों के रद्द होने को अपनी एक बड़ी जीत बता रहा है. वहीं अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वित्तीय तंगी से गुजर रही निगम किस तरह से राजस्व का इंतजाम करके अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन देती हैं. क्योंकि त्योहारी सीजन में बीजेपी निगम में अभी तक कर्मचारियों को पिछले 2 महीने से वेतन नहीं दे पाई है.