नई दिल्ली: शादी के बाद शुरुआती जिंदगी में कई बार पति-पत्नी के बीच छोटे-छोटे झगड़े हो जाते हैं. कई बार बात अदालत तक जा पहुंचती है. बीते साल भी एक ऐसा ही मामला उत्तरी जिला के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के पास पहुंचा. लॉकडाउन के बीच में डीएलएसए सचिव संदीप गुप्ता और अधिवक्ता शिखा शाह ने पूरे प्रयास करते हुए इस घर को बिखरने से बचा लिया. एक साल से अलग रह रहे पति-पत्नी सोमवार को दोबारा एक हो गए.
लॉकडाउन में किये गए प्रयास हुए सफल
शिखा शाह ने बताया कि इस मामले में लॉकडाउन की वजह से दूसरे पक्ष को नोटिस नहीं भेजा जा सका. ऐसे में उन्होंने युवती के पिता से दूसरे पक्ष का नंबर लिया. उन्होंने युवती के पति से खुद बातचीत की. उन्हें पता चला कि दोनों के बीच मामूली कहासुनी है. उन्होंने दोनों को मिलने के लिए बुलाया. उनकी मुलाकात करवा दोनों को समझाया. इसके बाद दोनों के बीच समझौता हो गया. सोमवार को युवक अपने गांव से गाड़ी में डीएलएसए पहुंचा और यहां से अपनी पत्नी व बच्चे को लेकर चला गया.
उत्तरी जिला डीएलएसए के सचिव संदीप गुप्ता ने बताया कि पति-पत्नी के झगड़े के मामले जब डीएलएसए में आते हैं तो उनका प्रयास समझौता करवाना होता है. समझौता होने पर दोनों पार्टी जीतकर घर जाती है. इस मामले में भी यह देखा गया कि पति-पत्नी के बीच छोटी बातों का झगड़ा है. अधिवक्ता द्वारा दोनों को समझाया गया तो उनका समझौता हो गया. उन्हें खुशी है कि लॉकडाउन के समय में भी डीएलएसए इस घर को बचाने में कामयाब रहा. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने अंडरटेकिंग भी दी है कि वह भविष्य में एक-दूसरे के साथ मिलकर रहेंगे ताकि कभी उन्हें अदालत न जाना पड़े.
युवक ने कहा नो लाइफ विदाउट वाइफ
ईटीवी भारत से बातचीत में युवक ने माना कि छोटी-छोटी बात को लेकर उसका पत्नी से झगड़ा था. लॉकडाउन के दौरान उसे महसूस हुआ कि जीवन में पत्नी अहम हिस्सा है. ऐसे में जब उत्तरी जिला डीएलएसए से उसे कॉल आया तो उसने भूल स्वीकार करते हुए पत्नी को अपना लिया. इस समझौते के बाद पति-पत्नी बेहद खुश हैं. सोमवार को युवक अपनी पत्नी एवं बच्चे को साथ अपने गांव ले गया.