नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के होटलों एवं गेस्ट हाउस के एग्जिट रास्ते पर अब लकड़ी एवं फोम की सजावट नहीं दिखेगी. दमकल विभाग ने राजधानी के सभी गेस्ट हाउस, होटल एवं नर्सिंग अस्पतालों को इस बाबत निर्देश जारी किए हैं. उन्हें यह सजावट हटाने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है.
दरअसल आगजनी के दौरान इनकी वजह से आग भड़कती है. इसके चलते दमकल विभाग ने इन्हें हटवाने का निर्णय लिया है. दमकल विभाग के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग ने बताया कि बीते फरवरी माह में करोल बाग के अर्पित होटल में रात के समय आग लगी थी. इस आगजनी में वहां ठहरे हुए 17 लोगों की मौत हो गई थी.
![arpit hotel](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/del-amitjha-arpithotel_10052019095844_1005f_1557462524_648.jpg)
दमकल की टीम जब आग बुझाकर अंदर पहुंची तो उन्हें सीढ़ियों एवं गैलेरी में लोगों के शव पड़े हुए मिले थे. इस हादसे में बचने वाले लोगों ने बाद में बताया कि गैलेरी एवं सीढ़ियों पर लकड़ी एवं फोम होने के चलते सबसे ज्यादा आग वहां लगी हुई थी.
इसलिए वह बाहर नहीं निकल पा रहे थे. वहां से जिन लोगों ने निकलने का प्रयास किया उनमें से अधिकांश मारे गए थे.
दमकल ने जारी किए निर्देश
अतुल गर्ग ने बताया कि इस हादसे से सबक लेकर ही दमकल विभाग ने यह निर्णय लिया है कि सभी होटल एवं गेस्ट हाउस में गैलरी एवं सीढ़ियों पर लकड़ी एवं फोम का काम नहीं होगा.
![exit gate](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/del-amitjha-arpithotel_10052019095844_1005f_1557462524_4.jpg)
दमकल की तरफ से ऐसे होटलों एवं गेस्ट हाउस को लकड़ी एवं फोम हटाने के निर्देश दिए गए हैं. जिनकी गैलेरी एवं सीढ़ियों में इनका इस्तेमाल किया गया है. इसके लिए 15 दिनों का समय उन्हें दिया गया है.
इस समय अवधि के दौरान उन्हें लकड़ी एवं फोम को अपनी गैलेरी एवं सीढ़ियों के पास से हटाकर इसकी जानकारी दमकल विभाग को देनी होगी.
अगर इस समय अवधि के दौरान ऐसा नहीं किया गया तो होटल एवं गेस्ट हाउस मालिकों के खिलाफ कार्यवाई की जाएगी.
नियमों में होगा संशोधन
अतुल गर्ग ने बताया कि दमकल विभाग अपने नियमों में भी संशोधन करने जा रही है. इस संशोधन के बाद दमकल से एनओसी उन्हीं होटल एवं गेस्ट हाउस को मिलेगी जो अपनी गैलेरी, सीढ़ियों एवं बाहर निकलने के रास्ते पर लकड़ी एवं फोम का इस्तेमाल कम से कम करेंगे. इन जगहों पर ज्वलनशील पदार्थ नहीं होने चाहिए.
नियमों में संशोधन के बाद यह सभी बिल्डिंग के लिए लागू किया जाएगा फिर वह भले ही कोई दफ्तर क्यों न हो. उन्होंने बताया कि अभी तक बिल्डिंग बायलॉज में इसे लेकर स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा गया था, लेकिन अर्पित होटल कांड के बाद ही इसमें संशोधन किया जा रहा है.