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दिल्ली में लगातार तीसरे हफ्ते नहीं आया डेंगू और मलेरिया का केस, टूट सकता है रिकॉर्ड - Total dengue patients in Delhi in January

राजधानी दिल्ली में लगातार तीन हफ्ते बाद भी डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियों का कोई मामला सामने नहीं आया है. दिल्लीवासियों के लिए इसे एक अच्छी खबर माना जा रहा है. इन्हीं आंकड़ों के चलते ये उम्मीद लगाई जा रही है कि ये बीमारियां दिल्ली में इस बार काबू में रहेंगी.

दिल्ली में टूट सकता है रिकॉर्ड
दिल्ली में टूट सकता है रिकॉर्ड
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Published : Jan 25, 2021, 5:59 PM IST

नई दिल्ली: सोमवार को आई नगर निगम की साप्ताहिक रिपोर्ट में बताया गया कि दिल्ली में वेक्टर जनित बीमारियों का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. जबकि 23 जनवरी तक डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के बीते सालों के मामले थोड़े अलग हैं. ध्यान देने वाली बात है ये है कि गत वर्ष, इस समय तक दिल्ली में मलेरिया के कुल 4 मामले दर्ज किए जा चुके थे. मलेरिया से राजधानी में एक व्यक्ति ने अपनी जान गंवाई थी.

दिल्ली में टूट सकता है रिकॉर्ड
बीते सालों का रिकॉर्ड
डेंगू के मामलों में साल 2017 में अब तक के सबसे अधिक रिकॉर्ड हैं. इस साल यहां डेंगू के 4,726 मामले सामने आए थे जबकि 10 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. इस साल 23 जनवरी तक डेंगू के कुल चार मामले दर्ज किए गए थे. साल 2018 और 2019 में यह आंकड़ा क्रमश 6 और 1 मामले का है. 2017 के बाद जहां एक तरफ मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की गई है तो वहीं दूसरी तरफ डेंगू के चलते मरने वाले लोगों की संख्या भी कम हुई है. बीते साल एक मृत्यु के बाद यहां इस साल की उम्मीद है कि डेंगू जानलेवा न हो. 2019 को छोड़ मलेरिया के मामले भी बीते सालों में गिरावट दर्ज की गई है.



तीन साल की साइकल से मिलेगी मुक्ति!
डेंगू जैसी बीमारी के लिए कहा जाता है कि हर तीन साल में इसका एक साइकल बनता है और ये खतरनाक साबित होती है. साल 2017 में 10 लोगों की जान लेने वाली डेंगू बीमारी के लिए लोगों को आशंका थी कि साल 2020 में इसका असर दिख सकता है. हालांकि ये बहुत हद तक काबू में रहा. निगम में बड़े अधिकारियों की मानें तो लोगों की जागरूकता और निगम कर्मचारियों की मेहनत का ही नतीजा है कि राजधानी दिल्ली में ये बीमारियां काबू में आ पाई हैं. हालांकि अभी चैन की सांस लेने का वक्त नहीं है. उन्होंने कहा कि इन बीमारियों के आंकड़ों में बढ़ोतरी और गिरावट की असल परख बरसात का मौसम नहीं होती है और अभी इसके लिए पूरा साल पड़ा है.

ये भी पढ़ें- निगम के हक का फंड जारी करे दिल्ली सरकार, AAP-BJP बंद करे राजनीति- मुकेश गोयल

कर्मचारी घर-घर जाकर कर रहे जागरूक
गौर करने वाली बात यह भी है कि नगर निगम इस दिशा में जिम्मेदारी से कदम उठा रही है. एक तरफ जहां डीबीसी स्टाफ लगातार घरों में जाकर लोगों को जागरूक कर रहा है और बचाव के तरीके बता रहा है तो वहीं दूसरी ओर लोग भी इन बीमारियों के प्रति सजग हैं. उम्मीद की जा रही है कि 2020 में डेंगू मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले में दिल्ली एक सकारात्मक रिकॉर्ड बनाए.

नई दिल्ली: सोमवार को आई नगर निगम की साप्ताहिक रिपोर्ट में बताया गया कि दिल्ली में वेक्टर जनित बीमारियों का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. जबकि 23 जनवरी तक डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के बीते सालों के मामले थोड़े अलग हैं. ध्यान देने वाली बात है ये है कि गत वर्ष, इस समय तक दिल्ली में मलेरिया के कुल 4 मामले दर्ज किए जा चुके थे. मलेरिया से राजधानी में एक व्यक्ति ने अपनी जान गंवाई थी.

दिल्ली में टूट सकता है रिकॉर्ड
बीते सालों का रिकॉर्ड
डेंगू के मामलों में साल 2017 में अब तक के सबसे अधिक रिकॉर्ड हैं. इस साल यहां डेंगू के 4,726 मामले सामने आए थे जबकि 10 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. इस साल 23 जनवरी तक डेंगू के कुल चार मामले दर्ज किए गए थे. साल 2018 और 2019 में यह आंकड़ा क्रमश 6 और 1 मामले का है. 2017 के बाद जहां एक तरफ मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की गई है तो वहीं दूसरी तरफ डेंगू के चलते मरने वाले लोगों की संख्या भी कम हुई है. बीते साल एक मृत्यु के बाद यहां इस साल की उम्मीद है कि डेंगू जानलेवा न हो. 2019 को छोड़ मलेरिया के मामले भी बीते सालों में गिरावट दर्ज की गई है.



तीन साल की साइकल से मिलेगी मुक्ति!
डेंगू जैसी बीमारी के लिए कहा जाता है कि हर तीन साल में इसका एक साइकल बनता है और ये खतरनाक साबित होती है. साल 2017 में 10 लोगों की जान लेने वाली डेंगू बीमारी के लिए लोगों को आशंका थी कि साल 2020 में इसका असर दिख सकता है. हालांकि ये बहुत हद तक काबू में रहा. निगम में बड़े अधिकारियों की मानें तो लोगों की जागरूकता और निगम कर्मचारियों की मेहनत का ही नतीजा है कि राजधानी दिल्ली में ये बीमारियां काबू में आ पाई हैं. हालांकि अभी चैन की सांस लेने का वक्त नहीं है. उन्होंने कहा कि इन बीमारियों के आंकड़ों में बढ़ोतरी और गिरावट की असल परख बरसात का मौसम नहीं होती है और अभी इसके लिए पूरा साल पड़ा है.

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कर्मचारी घर-घर जाकर कर रहे जागरूक
गौर करने वाली बात यह भी है कि नगर निगम इस दिशा में जिम्मेदारी से कदम उठा रही है. एक तरफ जहां डीबीसी स्टाफ लगातार घरों में जाकर लोगों को जागरूक कर रहा है और बचाव के तरीके बता रहा है तो वहीं दूसरी ओर लोग भी इन बीमारियों के प्रति सजग हैं. उम्मीद की जा रही है कि 2020 में डेंगू मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले में दिल्ली एक सकारात्मक रिकॉर्ड बनाए.

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