नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने उत्तरप्रदेश के इटावा और जालौन जिले में नदी से होने वाले अवैध बालू खनन की जांच करने का निर्देश ओवरसाईट कमेटी को दिया है. ओवरसाईट कमेटी की अध्यक्षता इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एसवीएस राठौर कर रहे हैं. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कमेटी को 23 सितंबर के पहले रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.
ओवरसाईट कमेटी संबंधित जिलों के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और दूसरे प्रशासनिक अमलों से जानकारी एकत्र कर रिपोर्ट बनाएगी. उत्तरप्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्टेट एनवायरमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी की ओर ने एनजीटी को इस संबंध में रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि दोनों जिलों में बालू का अवैध खनन नहीं हो रहा है, लेकिन इस रिपोर्ट को याचिकाकर्ता ने चुनौती देते हुए कहा कि अभी भी बालू का अवैध खनन चल रहा है. याचिकाकर्ता ने बालू खनन के कुछ फोटोग्राफ्स भी एनजीटी को सौंपे. यहां तक कि एक अखबार में भी खबर छपी थी जिसमें बिना नंबर के ट्रकों के जरिये बालू का परिवहन किया जा रहा था.
ओवरसाईट कमेटी से मांगी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट और याचिकाकर्ता की दलील देखने के बाद एनजीटी ने कहा कि उत्तप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट स्वीकार नहीं की जा सकती है. एनजीटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एसवीएस राठौर की अध्यक्षता में गठित ओवरसाईट कमेटी को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.
इटावा, जालौन और औरैया में बालू खनन की शिकायत
याचिका यूपी के निवासी अजय पांडेय ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि यूपी के इटावा, जालौन और औरैया जिलों में नदी किनारे बालू का अवैध खनन किया जा रहा है. याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने 24 मई 2019 को उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.