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पंजाब के फरीदकोट में हुई 400 तोतों की मौत की होगी जांच, NGT का आदेश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने पंजाब के फरीदकोट में 400 तोतों की मौत की जांच का आदेश दिया है. NGT चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने पंजाब के वन विभाग को ये आदेश दिया है.

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Published : Jul 13, 2021, 7:32 PM IST

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने पंजाब के फरीदकोट में 400 तोतों की मौत की जांच का आदेश दिया है. NGT चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने पंजाब के वन विभाग को ये आदेश दिया है.

NGT ने पंजाब के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन और पर्यावरण विभाग को एक-दूसरे के सहयोग से इस संबंध में उपचारात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया. NGT ने कहा कि प्राथमिक तौर पर इन तोतों की मौत की वजह का स्पष्ट रूप से पता लगाना मुश्किल है. इसलिए इस बात का पता लगाया जाए कि इनकी मौत कैसे हुई.

ये भी पढ़ें- देशद्रोह कानून की संवैधानिकता पर उठे सवाल, मीडिया पेशेवरों ने भी दी चुनौती

याचिका वकील एचसी अरोड़ा ने दायर की है, जिसमें कहा गया है कि फरीदकोट के डिप्टी कमिश्नर दफ्तर के परिसर में तोतों की मौत को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया जाए. याचिका में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि इन तोतों की मौत कुछ रसायनों के स्प्रे करने से हुई है.

ये भी पढ़ें- दिल्ली जल बोर्ड पर NGT सख्त, सीवेज प्लांट मामले में हर महीने देना होगा 5 लाख रुपये जुर्माना

तोतों की मौत 2017 से लगातार हो रही है. इस बारे में मीडिया भी लगातार खबरें दे रही है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. याचिका में कहा गया है कि पिछले 11 जून को जामुन के पेड़ पर स्प्रे छींटने के बाद 400 तोतों की मौत हो गई. याचिका में मांग की गई है कि सरकार को जामुन के पेड़ पर स्प्रे छींटने से रोकने का दिशानिर्देश जारी किया जाए.

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने पंजाब के फरीदकोट में 400 तोतों की मौत की जांच का आदेश दिया है. NGT चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने पंजाब के वन विभाग को ये आदेश दिया है.

NGT ने पंजाब के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन और पर्यावरण विभाग को एक-दूसरे के सहयोग से इस संबंध में उपचारात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया. NGT ने कहा कि प्राथमिक तौर पर इन तोतों की मौत की वजह का स्पष्ट रूप से पता लगाना मुश्किल है. इसलिए इस बात का पता लगाया जाए कि इनकी मौत कैसे हुई.

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याचिका वकील एचसी अरोड़ा ने दायर की है, जिसमें कहा गया है कि फरीदकोट के डिप्टी कमिश्नर दफ्तर के परिसर में तोतों की मौत को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया जाए. याचिका में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि इन तोतों की मौत कुछ रसायनों के स्प्रे करने से हुई है.

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तोतों की मौत 2017 से लगातार हो रही है. इस बारे में मीडिया भी लगातार खबरें दे रही है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. याचिका में कहा गया है कि पिछले 11 जून को जामुन के पेड़ पर स्प्रे छींटने के बाद 400 तोतों की मौत हो गई. याचिका में मांग की गई है कि सरकार को जामुन के पेड़ पर स्प्रे छींटने से रोकने का दिशानिर्देश जारी किया जाए.

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