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वायु प्रदूषण के कारण NGT ने उत्तर रेलवे पर लगाया 71 लाख का जुर्माना

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Published : Jun 24, 2020, 9:07 PM IST

उत्तर रेलवे के शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर एनजीटी ने 71 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया है. रेलवे स्टेशन पर सीमेंट की लोडिंग और अनलोडिंग की जाती है, जिसकी वजह से वहां वायु प्रदूषण होता है. जिसके रोकने में उत्तर रेलवे नाकाम रहा.

Shakurbasti railway station on Northern Railway fined more than 71 lakhs
उत्तर रेलवे के शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर लगा 71 लाख से ज्यादा का जुर्माना

नई दिल्ली: एनजीटी ने दिल्ली के शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर सीमेंट की लोडिंग और अनलोडिंग की वजह से हो रहे वायु प्रदूषण को रोकने में विफल रहने पर उत्तर रेलवे पर 71 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने विशेषज्ञों की कमेटी की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद ये आदेश दिया.

उत्तर रेलवे के शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर लगा 71 लाख से ज्यादा का जुर्माना
नहीं उठाया कोई कदम

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उत्तर रेलवे ने शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर वायु प्रदूषण को रोकने और मजदूरों की स्वास्थ्य जांच के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाया. एनजीटी ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट तथ्यों पर आधारित है, जिस पर कार्रवाई करने की जरूरत है. उसके बाद एनजीटी ने उत्तर रेलवे पर 71 लाख 62 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सेंट्रल रेलवे वेयरहाउस से 28 लाख 65 हजार रुपये जुर्माने के रुप में वसूलने का निर्देश दिया.

विशेषज्ञों की टीम ने की थी अनुशंसा

एनजीटी ने विशेषज्ञों की चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. प्रशांत गर्गव, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. मुकेश खरे और आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर डॉ. मुकेश शर्मा और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के सदस्य सचिव शामिल थे. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उत्तर रेलवे को शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर सीमेंट की लोडिंग और अनलोडिंग करने का काम बंद करने का आदेश देना चाहिए.

इसके अलावा वहां काम करनेवाले मजदूरों की जांच अल्ट्राटेक सीमेंट की ओर से कराने की अनुशंसा की गई थी. कमेटी ने कहा कि एसीसी सीमेंट, वंडर सीमेंट, मंगलम सीमेंट और अंबुजा सीमेंट की ओर से मजदूरों की जांच की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.



सीमेंट की लोडिंग से होता है वायु प्रदूषण

याचिका दिल्ली निवासी अनुभव कुमार ने दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि शकूरबस्ती स्टेशन पर सीमेंट की लोडिंग और अनलोडिंग की वजह से आसपास के इलाकों जैसे रानी बाग, शकूरबस्ती, राजा पार्क, पंजाबी बाग, श्रीनगर, मादीपुर में वायु प्रदूषण की समस्या हो गई है. याचिका में कहा गया है कि स्टेशन पर सीमेंट की लोडिंग और अनलोडिंग करने का तरीका अवैज्ञानिक है.

इससे इलाके के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. याचिकाकर्ता ने इसे लेकर रेल अधिकारियों के समक्ष कई बार अपनी बातें रखीं, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला. याचिका में कुछ फोटो भी लगाए गए हैं जिसमें दिखाया गया है कि सीमेंट को खुले में रखा गया है. उससे हवा में उड़ने वाली धूल से वायु प्रदूषण हो रहा है.

नई दिल्ली: एनजीटी ने दिल्ली के शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर सीमेंट की लोडिंग और अनलोडिंग की वजह से हो रहे वायु प्रदूषण को रोकने में विफल रहने पर उत्तर रेलवे पर 71 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने विशेषज्ञों की कमेटी की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद ये आदेश दिया.

उत्तर रेलवे के शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर लगा 71 लाख से ज्यादा का जुर्माना
नहीं उठाया कोई कदम

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उत्तर रेलवे ने शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर वायु प्रदूषण को रोकने और मजदूरों की स्वास्थ्य जांच के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाया. एनजीटी ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट तथ्यों पर आधारित है, जिस पर कार्रवाई करने की जरूरत है. उसके बाद एनजीटी ने उत्तर रेलवे पर 71 लाख 62 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सेंट्रल रेलवे वेयरहाउस से 28 लाख 65 हजार रुपये जुर्माने के रुप में वसूलने का निर्देश दिया.

विशेषज्ञों की टीम ने की थी अनुशंसा

एनजीटी ने विशेषज्ञों की चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. प्रशांत गर्गव, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. मुकेश खरे और आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर डॉ. मुकेश शर्मा और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के सदस्य सचिव शामिल थे. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उत्तर रेलवे को शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर सीमेंट की लोडिंग और अनलोडिंग करने का काम बंद करने का आदेश देना चाहिए.

इसके अलावा वहां काम करनेवाले मजदूरों की जांच अल्ट्राटेक सीमेंट की ओर से कराने की अनुशंसा की गई थी. कमेटी ने कहा कि एसीसी सीमेंट, वंडर सीमेंट, मंगलम सीमेंट और अंबुजा सीमेंट की ओर से मजदूरों की जांच की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.



सीमेंट की लोडिंग से होता है वायु प्रदूषण

याचिका दिल्ली निवासी अनुभव कुमार ने दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि शकूरबस्ती स्टेशन पर सीमेंट की लोडिंग और अनलोडिंग की वजह से आसपास के इलाकों जैसे रानी बाग, शकूरबस्ती, राजा पार्क, पंजाबी बाग, श्रीनगर, मादीपुर में वायु प्रदूषण की समस्या हो गई है. याचिका में कहा गया है कि स्टेशन पर सीमेंट की लोडिंग और अनलोडिंग करने का तरीका अवैज्ञानिक है.

इससे इलाके के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. याचिकाकर्ता ने इसे लेकर रेल अधिकारियों के समक्ष कई बार अपनी बातें रखीं, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला. याचिका में कुछ फोटो भी लगाए गए हैं जिसमें दिखाया गया है कि सीमेंट को खुले में रखा गया है. उससे हवा में उड़ने वाली धूल से वायु प्रदूषण हो रहा है.

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