नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने तमिलनाडु के नेवेली लिग्नाइट पावर प्लांट के बॉयलर में हुए विस्फोट के मामले में नेवेली लिग्नाइट पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने विस्फोट में मृतक 13 लोगों के परिजनों को तीस-तीस लाख रुपये की अंतरिम सहायता देने का आदेश दिया.
एनजीटी ने जुर्माने की पांच करोड़ रुपये की रकम कुड्डालोर के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के यहां दो हफ्ते के अंदर जमा करने का निर्देश दिया. एनजीटी ने इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी के गठन का आदेश दिया है. इस कमेटी में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कुड्डालोर के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, नीरी के प्रतिनिधि और आईआईटी चेन्नई का एक प्रतिनिधि शामिल होगा. ये कमेटी मौके पर जाकर मुआयना करेगा और एनजीटी को तीन महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपेगा.
13 की मौत हुई थी और 10 घायल हुए थे
एक जुलाई को बॉयलर में हुए विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई थी और 10 लोग जख्मी हो गए थे. तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नेवेली लिग्नाइट पावर प्लांट के सात बॉयलर हैं, जो 1470 मेगावाट बिजली का उत्पादन करते हैं. हादसा पावर प्लांट के पांचवी युनिट के थर्मल पावर स्टेशन-2 में तब हुआ था, जब इसे चालू किया जा रहा था.