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आपराधिक मामलों की सुनवाई में तेजी लाने की जरूरत, एफएसएल की रिपोर्ट हर हाल में हो आईसीजेएस पर अपलोड: कानून मंत्री

कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि आपराधिक मामलों की सुनवाई में तेजी लाने की जरूरत है. गहलोत ने कहा कि इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पोर्टल पर फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं की रिपोर्ट एक्सेस के लिए एपीआई प्रदान करना जरूरी है ताकि एफएसएल सही तरीके से काम कर सके.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 25, 2023, 11:01 PM IST

नई दिल्ली: आपराधिक मामलों की सुनवाई में तेजी लाने की दिशा में कानून, न्याय और विधायी मामलों के मंत्री कैलाश गहलोत ने एक कदम बढ़ाया. गहलोत ने इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) पोर्टल पर फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (एफएसएल) की रिपोर्ट एक्सेस के लिए एपीआई प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की. इसमें फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक, अभियोजन निदेशक, दिल्ली हाई कोर्ट के स्टैंडिंग कौंसिल (आपराधिक) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.

आईसीजेएस पर प्रेजेंटेशन: बैठक के दौरान कैलाश गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार कुशल और उत्तरदायी न्याय प्रणाली की दिशा में दृढ़ता से आगे बढ़ रही है. बैठक के दौरान राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के विशेषज्ञों द्वारा आईसीजेएस पर एक व्यापक प्रेजेंटेशन दिया गया. यह प्रजेंटेशन अदालत में मामलों को तेजी से निपटाने में अभियोजन पक्ष की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने पर केंद्रित थी.

चर्चा के दौरान यह सुझाव दिया गया कि यह अत्याधुनिक आईसीजेएस पोर्टल हाई कोर्ट के भीतर स्टैंडिंग कौंसिल, एडिशनल स्टैंडिंग कौंसिल और अतिरिक्त लोक अभियोजकों के लिए सुलभ होना चाहिए ताकि वे आसानी से आरोपपत्र प्राप्त कर सकें और विभिन्न अदालती आवेदनों को बेहतर तरीक़े से हैंडल कर सकें.

ये भी पढ़ें: रीजीजू बोले, यदि एक न्यायाधीश 50 मामलों का निपटारा करता है, तो 100 और मामले दायर हो जाते हैं

सही तरीके से काम करे एफएसएल: एफएसएल के निदेशक ने कहा कि कई मामलों में एफएसएल रिपोर्ट तैयार होने के बावजूद इसे समय पर एकत्र नहीं किया जाता है. यदि यह एकत्र कर भी लिया जाता है तो आईओ द्वारा समय के भीतर अदालत में जमा नहीं किया जाता है. कानून मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि एफएसएल को इस आईसीजेएस पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोड करनी चाहिए. इससे सभी हितधारकों के लिए यह फायदेमंद होगा. इससे अदालत रिपोर्ट ऐक्सेस कर सकेगी और जिला अदालतों और हाई कोर्ट में अभियोजन एजेंसी भी रिपोर्ट देख सकेगी. कानून मंत्री ने अभियोजन निदेशक (डीओपी) से उन मामलों का विवरण साझा करने को कहा जो केवल एफएसएल रिपोर्ट के अभाव में लंबित हैं, ताकि एफएसएल उन मामलों में रिपोर्ट तैयार करने में तेजी ला सके.

ये भी पढ़ें: कभी जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने कहा था- लंबित मामले निपटाने में 300 साल लगेंगे, संसद में सरकार से पूछा गया तीखा सवाल

नई दिल्ली: आपराधिक मामलों की सुनवाई में तेजी लाने की दिशा में कानून, न्याय और विधायी मामलों के मंत्री कैलाश गहलोत ने एक कदम बढ़ाया. गहलोत ने इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) पोर्टल पर फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (एफएसएल) की रिपोर्ट एक्सेस के लिए एपीआई प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की. इसमें फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक, अभियोजन निदेशक, दिल्ली हाई कोर्ट के स्टैंडिंग कौंसिल (आपराधिक) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.

आईसीजेएस पर प्रेजेंटेशन: बैठक के दौरान कैलाश गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार कुशल और उत्तरदायी न्याय प्रणाली की दिशा में दृढ़ता से आगे बढ़ रही है. बैठक के दौरान राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के विशेषज्ञों द्वारा आईसीजेएस पर एक व्यापक प्रेजेंटेशन दिया गया. यह प्रजेंटेशन अदालत में मामलों को तेजी से निपटाने में अभियोजन पक्ष की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने पर केंद्रित थी.

चर्चा के दौरान यह सुझाव दिया गया कि यह अत्याधुनिक आईसीजेएस पोर्टल हाई कोर्ट के भीतर स्टैंडिंग कौंसिल, एडिशनल स्टैंडिंग कौंसिल और अतिरिक्त लोक अभियोजकों के लिए सुलभ होना चाहिए ताकि वे आसानी से आरोपपत्र प्राप्त कर सकें और विभिन्न अदालती आवेदनों को बेहतर तरीक़े से हैंडल कर सकें.

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सही तरीके से काम करे एफएसएल: एफएसएल के निदेशक ने कहा कि कई मामलों में एफएसएल रिपोर्ट तैयार होने के बावजूद इसे समय पर एकत्र नहीं किया जाता है. यदि यह एकत्र कर भी लिया जाता है तो आईओ द्वारा समय के भीतर अदालत में जमा नहीं किया जाता है. कानून मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि एफएसएल को इस आईसीजेएस पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोड करनी चाहिए. इससे सभी हितधारकों के लिए यह फायदेमंद होगा. इससे अदालत रिपोर्ट ऐक्सेस कर सकेगी और जिला अदालतों और हाई कोर्ट में अभियोजन एजेंसी भी रिपोर्ट देख सकेगी. कानून मंत्री ने अभियोजन निदेशक (डीओपी) से उन मामलों का विवरण साझा करने को कहा जो केवल एफएसएल रिपोर्ट के अभाव में लंबित हैं, ताकि एफएसएल उन मामलों में रिपोर्ट तैयार करने में तेजी ला सके.

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