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लॉकडाउनः NDTF ने एडहॉक शिक्षकों की सर्विस जारी रखने की मांग की

एडहॉक शिक्षकों की सर्विस ग्रीष्मावकाश के दौरान भी जारी रखने की मांग को लेकर एनडीटीएफ ने DU वीसी को पत्र लिखा है. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि ग्रीष्मावकाश के दौरान भी एडहॉक शिक्षकों की सर्विस रोल पे पर रखी जाए.

NDTF demands continuation of service of adhoc teachers during summer vacation
डॉ. राकेश कुमार पांडे
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Published : May 3, 2020, 5:29 PM IST

नई दिल्लीः कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सभी शैक्षणिक संस्थान बंद है. वहीं यूजीसी ने गाइडलाइंस जारी कर सभी विश्वविद्यालयों को एक अगस्त से नया सत्र शुरू करने के लिए कहा है. 1 जुलाई से लास्ट सेमेस्टर में पढ़ रहे छात्रों की परीक्षा लेने के लिए कहा गया है. नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (NDTF) ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि एडहॉक शिक्षकों की सर्विस रोल पे पर जारी रखें.

एनडीटीएफ ने एडहॉक शिक्षकों की सर्विस जारी रखने की मांग की

वहीं इसको लेकर एनडीटीएफ के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार पांडे ने कहा कि यूजीसी के दिशा निर्देशों के अनुसार 15 मई तक विश्वविद्यालय खुले रहेंगे और उसके बाद ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया जाएगा. 1 जुलाई से फाइनल सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षा शुरू हो जाएगी और 31 जुलाई तक मूल्यांकन प्रक्रिया भी पूरी करनी है.

उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि ग्रीष्मावकाश के दौरान भी एडहॉक शिक्षकों की सर्विस रोल पे पर रखी जाए. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से एडहॉक शिक्षकों पर कोई वित्तीय बोझ भी नहीं पड़ेगा और वह परीक्षा, एडमिशन प्रक्रिया जैसे कार्यों के संचालन के लिए तैयार रहेंगे और मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए विश्वविद्यालय की मदद भी कर पाएंगे.

'एडहॉक शिक्षकों को कार्यरत मानें'

डॉ. राकेश कुमार पांडे ने कहा कि ग्रीष्मावकाश के दौरान एडहॉक शिक्षक विश्वविद्यालय में आधिकारिक रूप से कार्यरत नहीं माने जाते, लेकिन इन असाधारण परिस्थितियों में कभी भी शिक्षकों की आवश्यकता हो सकती है. ऐसे में अगर एडहॉक शिक्षकों की सर्विस जारी रखी जाएगी, तो वह विश्वविद्यालय की सभी अकादमिक गतिविधियों में आवश्यकतानुसार सहायता दे सकेंगे.

नई दिल्लीः कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सभी शैक्षणिक संस्थान बंद है. वहीं यूजीसी ने गाइडलाइंस जारी कर सभी विश्वविद्यालयों को एक अगस्त से नया सत्र शुरू करने के लिए कहा है. 1 जुलाई से लास्ट सेमेस्टर में पढ़ रहे छात्रों की परीक्षा लेने के लिए कहा गया है. नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (NDTF) ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि एडहॉक शिक्षकों की सर्विस रोल पे पर जारी रखें.

एनडीटीएफ ने एडहॉक शिक्षकों की सर्विस जारी रखने की मांग की

वहीं इसको लेकर एनडीटीएफ के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार पांडे ने कहा कि यूजीसी के दिशा निर्देशों के अनुसार 15 मई तक विश्वविद्यालय खुले रहेंगे और उसके बाद ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया जाएगा. 1 जुलाई से फाइनल सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षा शुरू हो जाएगी और 31 जुलाई तक मूल्यांकन प्रक्रिया भी पूरी करनी है.

उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि ग्रीष्मावकाश के दौरान भी एडहॉक शिक्षकों की सर्विस रोल पे पर रखी जाए. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से एडहॉक शिक्षकों पर कोई वित्तीय बोझ भी नहीं पड़ेगा और वह परीक्षा, एडमिशन प्रक्रिया जैसे कार्यों के संचालन के लिए तैयार रहेंगे और मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए विश्वविद्यालय की मदद भी कर पाएंगे.

'एडहॉक शिक्षकों को कार्यरत मानें'

डॉ. राकेश कुमार पांडे ने कहा कि ग्रीष्मावकाश के दौरान एडहॉक शिक्षक विश्वविद्यालय में आधिकारिक रूप से कार्यरत नहीं माने जाते, लेकिन इन असाधारण परिस्थितियों में कभी भी शिक्षकों की आवश्यकता हो सकती है. ऐसे में अगर एडहॉक शिक्षकों की सर्विस जारी रखी जाएगी, तो वह विश्वविद्यालय की सभी अकादमिक गतिविधियों में आवश्यकतानुसार सहायता दे सकेंगे.

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