नई दिल्ली: एनडीएमसी चेयरमैन अमित यादव ने काउंसिल की बैठक में गुरुवार को वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक बजट प्रस्तुति किया. अपने बजट में उन्होंने वर्ष 2024-25 के लिए 5069.63 की आय और 4888.93 करोड़ रुपये के व्यय की उम्मीद जताई. यह पहला मौका है जब एनडीएमसी बजट अनुमान पांच हजार करोड़ या उससे अधिक है. बजट को वर्ष 2047 के अनुरूप विकसित भारत की संकल्पना के साथ पेश किया गया है. इस बजट में शिक्षा और पर्यावरण पर जोर देने की बात कही गई है.
एनडीएमसी ने इस बार बजट में पर्यावरण को सुधारने के लिए ग्रीन बॉन्ड जारी करने के साथ ही कार्बन और ग्रीन क्रेडिट की दिशा में काम करने का निर्णय लिया है. जिसमें 24 घंटे पानी, बिजली के साथ ही नौवीं और 11वीं के बच्चों को टेबलेट देने का प्लान है. 5वीं क्लास के स्कूलों को बैगलेस किया जाएगा. बच्चों को घर से न तो किताबें लाने की जरूरत है और न ही पानी की बोतल. स्कूलों में आरओ का पानी उपलब्ध होगा. इसी तरह से बच्चों को घर से टिफिन लाने की जरूरत नहीं होगी. इतना ही एनडीएमसी बढ़ते जनसंख्या के बोझ को देखते हुए करीब 90 वर्ष पुराने सीवरेज सिस्टम को भी सुधारने की योजना बनाई है.
एनडीएमसी दिल्ली के सभी सड़कों को तीन माह में विश्वस्तरीय बनाएगी. साथ ही सड़कों के पास आधुनिक स्ट्रीट फर्नीचर, कियोस्क, सिटिंग प्लान और पार्किंग सुविधा सहित अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी. एनडीएमसी वन डे, वन रोड पहल के तहत सड़कों पर सभी संबंधित विभागों को उतारेगी. कर्मचारी सड़कों के अलावा पेड़ों, फुटपाथों की दैनिक सफाई पर ध्यान देंगे. सड़क हादसे रोकने के लिए सड़क सुरक्षा उपकरण लगाए जाएंगे.
वहीं रणजीत सिंह फ्लाईओवर के सौंदर्यीकरण का काम भी अगले साल साल तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया. पैदल चलने वाले लोगों की सुविधा और सुरक्षा के लिए एम्स के गेट नंबर-एक और हाईकोर्ट में गेट नंबर-पांच के पास फुट ओवरब्रिज का निर्माण किया जाएगा. एनडीएमसी ने संपत्ति कर बढ़ाने के लिए अगले वित्तीय सभी संपत्तियों के लिए जियो टैगिंग करने का फैसला लिया है. जिओ टैगिंग में करदाताओं की संपत्तियों की तस्वीरें मोबाइल एप या एनडीएमसी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से अपलोड करने की सुविधा दी जाएगी.