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डार्कनेट से चल रहा था ड्रग्स का धंधा, NCB ने 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) ने ऐसे ड्रग्स सिंडिकेट (Drugs Syndicate) का पर्दाफाश किया है, जिसके तार देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों से जुड़े थे. एनसीबी ने अलग-अलग ऑपरेशन से अभी तक 22 लाख से ज्यादा नशीली गोलियां, 70 हजार कफ सिरप और 245 किलो ड्रग्स एनसीबी (NCB ) ने जब्त की है. डार्कनेट (Darknet ) के जरिये ड्रग्स का धंधा करने वाले 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

ncb arrested 6 accused of dealing in drugs through darknet
ड्रग्स का धंधा
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Published : Jun 26, 2021, 8:21 PM IST

नई दिल्ली : डार्कनेट (Darknet ) के जरिये ड्रग्स का धंधा करने वाले बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) ने किया है. अलग-अलग ऑपरेशन से अभी तक 22 लाख से ज्यादा नशीली गोलियां, 70 हजार कफ सिरप और 245 किलो ड्रग्स NCB ने जब्त की है. इनके साथ ही छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. भारत में यह गैंग दिल्ली एनसीआर के अलावा यूपी, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में फैला हुआ था. यही नहीं इन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और फिलीपींस में ड्रग्स के कई पार्सल भेजे हैं. ऐसे लाखों ऑर्डर के बारे में NCB को जानकारी मिली है.


NCB के जोनल डायरेक्टर केपीएस मल्होत्रा के अनुसार, उनकी टीम को सूचना मिली थी कि कुछ लोग भारत से विभिन्न देशों को ड्रग्स भेज रहे हैं. ऐसे कुछ पार्सल पकड़े भी गए हैं. उन्हें पता चला कि इन्हें भेजने वाले दिल्ली-एनसीआर में मौजूद हैं. ऐसा ही एक शख्स आगरा निवासी के. अग्रवाल है. इस जानकारी पर उसे एनसीबी (NCB) ने गिरफ्तार कर लिया. उसने बताया कि वह आगरा से ही ड्रग्स लेता है. उसके खुलासे पर आगरा से ए. गोयल को गिरफ्तार किया गया जो उसे ड्रग्स देता था.

डार्कनेट के जरिये चल रहा ड्रग्स का धंधा,
हरिद्वार की दवा कंपनी दे रही थी ड्रग्स
आरोपी ए. गोयल ने पुलिस को बताया कि हरिद्वार की एक दवा कंपनी से वह ड्रग्स लेता है. यह दवा कंपनी वैसे तो कानूनी तौर पर दवाइयां बनाती है, लेकिन इसकी आड़ में चोरी-छिपे ड्रग्स सप्लाई करती है. इस जानकारी पर हरिद्वार स्थित फैक्ट्री एवं आगरा स्थित डिस्ट्रीब्यूटर के गोदाम में छापा मारा गया. यहां से 22 लाख नशीली गोलियां, 70 हजार कफ सिरप एवं 245 किलो ड्रग्स बरामद हुई.


ये भी पढ़ें-एनसीबी ने कुख्यात मादक पदार्थ तस्कर जसबीर सिंह को किया गिरफ्तार

एनसीबी (NCB) को पता चला कि इसके पीछे मास्टरमाइंड ए. शर्मा और पी. शर्मा हैं. एनसीबी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. इनकी निशानदेही पर जे. प्रसाद और जी. कुमार को गिरफ्तार किया गया. यह दोनों वेबसाइट, डार्कनेट (Darknet ) साइट, आर्डर की लिस्ट एवं कुरियर भिजवाने का काम संभालते थे. इनके एजेंट अमेरिका और कनाडा में बैठे हुए हैं जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.

वेबसाइट के जरिये चल रहा था ड्रग्स का धंधा

एनसीबी को जांच में पता चला कि आरोपी ग्राहकों को अपनी तरफ खींचने के लिए अमेरिका सहित कई देशों में अपनी वेबसाइट चला रहे थे. इसके लिए उन्होंने अपनी वेबसाइट को भारत से बाहर दिखाया था और इसका आईपी एड्रेस भी भारत के बाहर आता था. लोगों से रुपये लेने के लिए उन्होंने भारत से बाहर अंतरराष्ट्रीय अकाउंट खोले हुए थे.

आरोपी ड्रग्स के लिए न केवल रुपये और डॉलर बल्कि क्रिप्टोकरंसी जैसे बिटकॉइन भी पेमेंट के रूप में ले रहे थे. अब तक की जांच से पता चला है कि उन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और फिलीपींस में ड्रग्स के कई पार्सल भेजे हैं. ऐसे लाखों ऑर्डर के बारे में एनसीबी को जानकारी मिली है.


डार्कनेट के जरिये ऐसे होता था ड्रग्स का कारोबार

आरोपी डार्कनेट (Darknet ) के जरिये ड्रग्स के लिए आर्डर लेते थे. इसके लिए उन्होंने कुछ वेबसाइट भी बना रखी थी. ऑर्डर मिलने पर इसकी डिलीवरी भी उनके ही गुर्गों द्वारा की जाती थी.

ये भी पढ़ें-डार्कनेट सिंडिकेट मामला: NCB ने तीन और आरोपियों को किया गिरफ्तार

इससे ड्रग्स बेचने एवं खरीदने वाले एक दूसरे से अंजान रहते थे. अपने क्लाइंट से बात करने के लिए वह इंटरनेट कॉलिंग का इस्तेमाल करते थे ताकि जांच एजेंसी उन तक न पहुंच सके. इस गैंग से जुड़े अन्य लोगों की तालश एनसीबी कर रही है.

ये भी पढ़ें-NCB के शिकंजे में आया भारत के पहले डार्क नेट सिंडिकेट का सबसे बड़ा खिलाड़ी

नई दिल्ली : डार्कनेट (Darknet ) के जरिये ड्रग्स का धंधा करने वाले बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) ने किया है. अलग-अलग ऑपरेशन से अभी तक 22 लाख से ज्यादा नशीली गोलियां, 70 हजार कफ सिरप और 245 किलो ड्रग्स NCB ने जब्त की है. इनके साथ ही छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. भारत में यह गैंग दिल्ली एनसीआर के अलावा यूपी, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में फैला हुआ था. यही नहीं इन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और फिलीपींस में ड्रग्स के कई पार्सल भेजे हैं. ऐसे लाखों ऑर्डर के बारे में NCB को जानकारी मिली है.


NCB के जोनल डायरेक्टर केपीएस मल्होत्रा के अनुसार, उनकी टीम को सूचना मिली थी कि कुछ लोग भारत से विभिन्न देशों को ड्रग्स भेज रहे हैं. ऐसे कुछ पार्सल पकड़े भी गए हैं. उन्हें पता चला कि इन्हें भेजने वाले दिल्ली-एनसीआर में मौजूद हैं. ऐसा ही एक शख्स आगरा निवासी के. अग्रवाल है. इस जानकारी पर उसे एनसीबी (NCB) ने गिरफ्तार कर लिया. उसने बताया कि वह आगरा से ही ड्रग्स लेता है. उसके खुलासे पर आगरा से ए. गोयल को गिरफ्तार किया गया जो उसे ड्रग्स देता था.

डार्कनेट के जरिये चल रहा ड्रग्स का धंधा,
हरिद्वार की दवा कंपनी दे रही थी ड्रग्स
आरोपी ए. गोयल ने पुलिस को बताया कि हरिद्वार की एक दवा कंपनी से वह ड्रग्स लेता है. यह दवा कंपनी वैसे तो कानूनी तौर पर दवाइयां बनाती है, लेकिन इसकी आड़ में चोरी-छिपे ड्रग्स सप्लाई करती है. इस जानकारी पर हरिद्वार स्थित फैक्ट्री एवं आगरा स्थित डिस्ट्रीब्यूटर के गोदाम में छापा मारा गया. यहां से 22 लाख नशीली गोलियां, 70 हजार कफ सिरप एवं 245 किलो ड्रग्स बरामद हुई.


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एनसीबी (NCB) को पता चला कि इसके पीछे मास्टरमाइंड ए. शर्मा और पी. शर्मा हैं. एनसीबी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. इनकी निशानदेही पर जे. प्रसाद और जी. कुमार को गिरफ्तार किया गया. यह दोनों वेबसाइट, डार्कनेट (Darknet ) साइट, आर्डर की लिस्ट एवं कुरियर भिजवाने का काम संभालते थे. इनके एजेंट अमेरिका और कनाडा में बैठे हुए हैं जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.

वेबसाइट के जरिये चल रहा था ड्रग्स का धंधा

एनसीबी को जांच में पता चला कि आरोपी ग्राहकों को अपनी तरफ खींचने के लिए अमेरिका सहित कई देशों में अपनी वेबसाइट चला रहे थे. इसके लिए उन्होंने अपनी वेबसाइट को भारत से बाहर दिखाया था और इसका आईपी एड्रेस भी भारत के बाहर आता था. लोगों से रुपये लेने के लिए उन्होंने भारत से बाहर अंतरराष्ट्रीय अकाउंट खोले हुए थे.

आरोपी ड्रग्स के लिए न केवल रुपये और डॉलर बल्कि क्रिप्टोकरंसी जैसे बिटकॉइन भी पेमेंट के रूप में ले रहे थे. अब तक की जांच से पता चला है कि उन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और फिलीपींस में ड्रग्स के कई पार्सल भेजे हैं. ऐसे लाखों ऑर्डर के बारे में एनसीबी को जानकारी मिली है.


डार्कनेट के जरिये ऐसे होता था ड्रग्स का कारोबार

आरोपी डार्कनेट (Darknet ) के जरिये ड्रग्स के लिए आर्डर लेते थे. इसके लिए उन्होंने कुछ वेबसाइट भी बना रखी थी. ऑर्डर मिलने पर इसकी डिलीवरी भी उनके ही गुर्गों द्वारा की जाती थी.

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इससे ड्रग्स बेचने एवं खरीदने वाले एक दूसरे से अंजान रहते थे. अपने क्लाइंट से बात करने के लिए वह इंटरनेट कॉलिंग का इस्तेमाल करते थे ताकि जांच एजेंसी उन तक न पहुंच सके. इस गैंग से जुड़े अन्य लोगों की तालश एनसीबी कर रही है.

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