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Sanyukt Yuva Morcha की राष्ट्रीय परिषद का हुआ गठन, रोजगार के मुद्दे पर होगा आंदोलन

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Published : Apr 4, 2023, 5:14 PM IST

दिल्ली में देश के विभिन्न संगठनों ने साथ आकर संयुक्त युवा मोर्चा गठन किया. इस दौरान कहा गया है कि रोजगार के पेपर लिक जैसे मुद्दों पर लोगों को एक देशव्यापी आंदोलन की जरूरत है.

National Council of Sanyukt Yuva Morcha
National Council of Sanyukt Yuva Morcha

113 समूहों और संगठनों ने साथ आकर 'संयुक्त युवा मोर्चा' का गठन किया है.

नई दिल्ली: किसान आंदोलन के बाद अब एक देशव्यापी युवा आंदोलन की तैयारी जोरों पर है. देशभर के 113 समूहों और संगठनों ने साथ आकर 'संयुक्त युवा मोर्चा' का गठन किया है. यह जानकारी युवा नेता अनुपम ने प्रेस वार्ता के दौरान दी. उन्होंने बताया कि सोमवार 3 अप्रैल को देश के 22 राज्यों से आए समूह और संगठनों के साथ रोजगार के मसले पर दिल्ली में बैठक आयोजित की गई. इसमें प्रतिनिधियों, युवा नेताओं और विभिन्न राज्यों के भर्ती समूह और रोजगार के मसले पर कार्य कर रहे संगठनों ने हिस्सा लिया.

प्रेस वार्ता में मौजूदा समय में देश के अंदर चल रहे हालातों को लेकर तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई. इसमें देशभर के अलग-अलग राज्यों में सरकारी भर्तियों को लेकर जिस तरीके पेपर लिक, बेरोजगारी आदि विषयों पर बात की गई. अनुपम ने बैठक में पेश प्रस्ताव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज रोजगार, युवाओं के लिए जीवन मरण का सवाल बन चुका है. बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की खबरें बढ़ती जा रही है. देश के युवाओं को सरकार से 'भरोसा' यानी 'भारत रोजगार संहिता' की जरूरत है. इसके लिए हमें सामूहिक रूप से संघर्ष करना होगा. जनता के बीच परिवर्तन की इस आशा को जगाने के लिए एक जन आंदोलन की आवश्यकता है.

इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि आज के दौर में देश के अंदर हालात बहुत बुरे हैं. हमारे देश की सबसे ज्यादा आबादी युवाओं के ऊपर निर्भर है और जब युवाओं को ही नौकरी नहीं मिलेगी तो देश किस ओर जा रहा है हम समझ सकते हैं. सभी सरकारी संपत्तियों को प्राइवेट किया जा रहा है और सिर्फ एक दो उद्योगपतियों और पूंजी पतियों को ही बढ़ावा दिया जा रहा है. चाहे एयरपोर्ट हो या सरकारी बैंक, सभी चीजों को प्राइवेट किया जा रहा है. हम सिर्फ समस्या को लेकर शोर नहीं मचा रहे, बल्कि समाधान भी सुझा रहे हैं.

यह भी पढ़ें-Protest at Jantar-Mantar: हिमाचल, कश्मीर और उत्तराखंड के सेब उत्पादक जंतर-मंतर पहुंचे, मांगों को लेकर दे रहे धरना

उन्होंने मांगों को रेखांकित करते हुए कहा कि हर वयस्क को रोजगार का अधिकार हो. 21-60 आयु वर्ग के प्रत्येक वयस्क के लिए उसके निवास के 50 किलोमीटर के दायरे में बुनियादी न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करने के लिए एक कानूनी गारंटी हो और सार्वजनिक क्षेत्र में सभी रिक्त पदों को निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से भरा जाए. साथ ही स्थाई प्रकृति की नौकरियों में बड़े पैमाने पर संविदाकरण को समाप्त किया जाए.

उन्होंने आगे कहा कि मोडानीकरण अर्थात घाटे का राष्ट्रीयकरण और लाभ का निजीकरण बंद होना चाहिए. इसने सामाजिक न्याय को बुरी तरह प्रभावित किया है इसके कारण असमानता हो गई है. इस प्रेस वार्ता में पूर्व आईपीएस यशोवर्धन आजाद, उत्तरप्रदेश से राजेश सचान, पंजाब के लवप्रीत सिंह और अमनदीप कौर, तमिलनाडु से डॉक्टर पी. ज्योति कुमार और जम्मू कश्मीर से विंकल शर्मा आदि भी उपस्थित रहे.

यह भी पढ़ें-Bank Protest: देश के अलग-अलग राज्यों से दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचे बैंककर्मी, निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन

113 समूहों और संगठनों ने साथ आकर 'संयुक्त युवा मोर्चा' का गठन किया है.

नई दिल्ली: किसान आंदोलन के बाद अब एक देशव्यापी युवा आंदोलन की तैयारी जोरों पर है. देशभर के 113 समूहों और संगठनों ने साथ आकर 'संयुक्त युवा मोर्चा' का गठन किया है. यह जानकारी युवा नेता अनुपम ने प्रेस वार्ता के दौरान दी. उन्होंने बताया कि सोमवार 3 अप्रैल को देश के 22 राज्यों से आए समूह और संगठनों के साथ रोजगार के मसले पर दिल्ली में बैठक आयोजित की गई. इसमें प्रतिनिधियों, युवा नेताओं और विभिन्न राज्यों के भर्ती समूह और रोजगार के मसले पर कार्य कर रहे संगठनों ने हिस्सा लिया.

प्रेस वार्ता में मौजूदा समय में देश के अंदर चल रहे हालातों को लेकर तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई. इसमें देशभर के अलग-अलग राज्यों में सरकारी भर्तियों को लेकर जिस तरीके पेपर लिक, बेरोजगारी आदि विषयों पर बात की गई. अनुपम ने बैठक में पेश प्रस्ताव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज रोजगार, युवाओं के लिए जीवन मरण का सवाल बन चुका है. बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की खबरें बढ़ती जा रही है. देश के युवाओं को सरकार से 'भरोसा' यानी 'भारत रोजगार संहिता' की जरूरत है. इसके लिए हमें सामूहिक रूप से संघर्ष करना होगा. जनता के बीच परिवर्तन की इस आशा को जगाने के लिए एक जन आंदोलन की आवश्यकता है.

इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि आज के दौर में देश के अंदर हालात बहुत बुरे हैं. हमारे देश की सबसे ज्यादा आबादी युवाओं के ऊपर निर्भर है और जब युवाओं को ही नौकरी नहीं मिलेगी तो देश किस ओर जा रहा है हम समझ सकते हैं. सभी सरकारी संपत्तियों को प्राइवेट किया जा रहा है और सिर्फ एक दो उद्योगपतियों और पूंजी पतियों को ही बढ़ावा दिया जा रहा है. चाहे एयरपोर्ट हो या सरकारी बैंक, सभी चीजों को प्राइवेट किया जा रहा है. हम सिर्फ समस्या को लेकर शोर नहीं मचा रहे, बल्कि समाधान भी सुझा रहे हैं.

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उन्होंने मांगों को रेखांकित करते हुए कहा कि हर वयस्क को रोजगार का अधिकार हो. 21-60 आयु वर्ग के प्रत्येक वयस्क के लिए उसके निवास के 50 किलोमीटर के दायरे में बुनियादी न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करने के लिए एक कानूनी गारंटी हो और सार्वजनिक क्षेत्र में सभी रिक्त पदों को निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से भरा जाए. साथ ही स्थाई प्रकृति की नौकरियों में बड़े पैमाने पर संविदाकरण को समाप्त किया जाए.

उन्होंने आगे कहा कि मोडानीकरण अर्थात घाटे का राष्ट्रीयकरण और लाभ का निजीकरण बंद होना चाहिए. इसने सामाजिक न्याय को बुरी तरह प्रभावित किया है इसके कारण असमानता हो गई है. इस प्रेस वार्ता में पूर्व आईपीएस यशोवर्धन आजाद, उत्तरप्रदेश से राजेश सचान, पंजाब के लवप्रीत सिंह और अमनदीप कौर, तमिलनाडु से डॉक्टर पी. ज्योति कुमार और जम्मू कश्मीर से विंकल शर्मा आदि भी उपस्थित रहे.

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