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जानलेवा बन रहे हैं आवारा कुत्ते! दिल्ली में इनसे निपटने को लेकर हुई चर्चा - National Conference regarding problem of stray dog

National Conference regarding problem of stray dog: आवारा कुत्तों के काटने की समस्या को लेकर दिल्ली के कान्सटीट्यूशन क्लब में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया. जिसमें कुत्तों की स्ट्रलाइजेशन, वैक्सिनेशन और कंपनसेशन पर चर्चा हुई.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 21, 2023, 12:34 PM IST

Updated : Dec 21, 2023, 12:49 PM IST

जानलेवा बन रहे हैं आवारा कुत्ते!

नई दिल्लीः आवारा कुत्तों का आतंक बड़ी समस्या है. इसे लेकर दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब आफ इंडिया में बुधवार को आवारा कुत्तों की समस्या पर आरडब्ल्यूएज का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया. इस बैठक में कुत्तों की स्ट्रलाइजेशन, वैक्सिनेशन और कंपनसेशन पर चर्चा की गई. भाजपा नेता व पूर्व मंत्री विजय गोयल के अनुसार देश भर में करीब 6 करोड़ 40 लाख आवारा कुत्ते हैं. केवल दिल्ली में ही 8 लाख कुत्ते हैं जो हर महिने 60 हजार लोगों को काट रहे हैं. यह गंभीर समस्या है इसपर सभी राज्य के सरकारों को ध्यान देने की जरूरत है.

देश के कई राज्यों से पहुंचे लोग: गौरतलब है कि, देश में हाल के दिनों में कुछ घटनाएं ऐसी घटी हैं, जिसके बाद आवारा कुत्ते गंभीर समस्या बनकर उभरे हैं. खासकर बड़े शहरों में यह भयानक शक्ल अख्तियार कर चुका है. इस समस्या को लेकर विजय गोयल लंबे समय से काम कर रहे हैं. वह इस समस्या को लेकर लोगों से आवाज उठाने की अपील भी करते रहे हैं. बुधवार को हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरिणाया, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों की आरडब्ल्यूए के लोग पहुंचे और वहां अपनी समस्याओं को रखी.

सम्मेलन में पहुंचे लोगों ने कही ये बात: नोएडा से आए सुबोध अग्रवाल ने कहा कि, "आवारा कुत्तों के काटने या शिकायत करने पर एनिमल से जुड़ी संस्थाएं उन्हें नोटिस भेज देती हैं. आज तक किसी भी नेता ने आवारा कुत्तों की समस्या पर बात नहीं की, जबकि यह एक बड़ी समस्या बनती जा रही है."

पूणे से आए नागेंद्र का कहना है कि, "यदि पालतू कुत्ता काटता है तो उसके मालिक की जवाबदेही होती है. आईपीसी की धारा 289 के तहत मालिक पर एफआइआर भी दर्ज करा सकते हैं. लेकिन आवारा कुत्तों के काटने पर किसी की कोई जवाबदेही नहीं होती है. जबकि सोसायटियों में कुत्तों को फीड करने वाले लोगों की जवाबदेही होनी चाहिए."

राज्यसभा सदस्य व नृत्यांगना सोनल मानसिंह ने कहा कि, "यदि आवारा कुत्तों के काटने से किसी को रेबीज हो गई तो उसका बचना मुस्किल है. हम सबको मिलकर इस समस्या के प्रति आवाज उठानी होगी.''

यह भी पढ़ें- Stray Dog Attack: कुत्तों के आतंक से सहमे गाजियाबाद के बच्चे, कहा- हम कुत्तों का खाना नहीं है

दिल्ली में हर रोज 2,000 लोगों को काट रहे कुत्तेः सम्मेलन में विजय गोलय ने कहा कि देश में 6 करोड़ 40 लाख आवारा कुत्ते हैं. अकेले दिल्ली के अंदर आठ लाख कुत्ते हैं. दिल्ली में रोजाना करीब 2,000 और हर माह करीब 60,000 लोगों को कुत्ते काट रहे हैं. दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में रोजाना 200 से 250 कुत्ते काटने के मामले आते हैं. हरिश्चंद्र अस्पताल में हर माह 3,000 और जीटीबी में हर माह करीब 9,000 हजार कुत्ते काटने के मामले आ रहे हैं. कुत्ते काटने के जो मरीज प्राइवेट अस्पतालों में जाते हैं उनकी कोई गणना नहीं है. एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में कुत्ते सबसे अधिक रेबीज फैला रहे हैं. 150 से अधिक देश रेबीज के चपेट में हैं.

एबीसी रूल खारिज या संशोधित होः आवारा कुत्तों की समस्या पर कानूनी रूप से काम कर रहीं मेघना उनियाल ने कहा कि, एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) रूल्स के तहत बाहर से सोसायटी के अंदर आवारा कुत्तों को लाया जा सकता है, निकाला नहीं जा सकता. वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत जानवर अगर इंसान की जान के लिए खतरा बनने लगता है तो उसे मार दिया जाता है. कुत्ते के लिए ऐसा नियम नहीं है."

एबीसी रूल के अनुसार जहां कुत्ता बैठ गया और खाना खाया वह उसका घर हो गया. भले ही वह किसी को भी काटे उसे हटाया नहीं जा सकता है. एबीसी के रूल नंबर 16 के तहत यदि किसी को कुत्ता काटता है तो एनीमल से जुड़ी एनजीओ तय करेगी कि गलती कुत्ते की थी या इंसान की. रूल नंबर 20 के अनुसार कुत्ते आफिस, अस्पताल और रेजीडेंस सभी जगह रह सकते हैं. वहीं खाना भी खाएंगे. भले ही वह किसी को काटें. मेघना ने कहा कि इस एबीसी रूट को खारिज किया जाना चाहिए या इसमें संशोधन किया जाना चाहिए, जिससे लोगों को कुत्तों की समस्या से निजात मिल सके.

जानलेवा बन रहे हैं आवारा कुत्ते!

नई दिल्लीः आवारा कुत्तों का आतंक बड़ी समस्या है. इसे लेकर दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब आफ इंडिया में बुधवार को आवारा कुत्तों की समस्या पर आरडब्ल्यूएज का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया. इस बैठक में कुत्तों की स्ट्रलाइजेशन, वैक्सिनेशन और कंपनसेशन पर चर्चा की गई. भाजपा नेता व पूर्व मंत्री विजय गोयल के अनुसार देश भर में करीब 6 करोड़ 40 लाख आवारा कुत्ते हैं. केवल दिल्ली में ही 8 लाख कुत्ते हैं जो हर महिने 60 हजार लोगों को काट रहे हैं. यह गंभीर समस्या है इसपर सभी राज्य के सरकारों को ध्यान देने की जरूरत है.

देश के कई राज्यों से पहुंचे लोग: गौरतलब है कि, देश में हाल के दिनों में कुछ घटनाएं ऐसी घटी हैं, जिसके बाद आवारा कुत्ते गंभीर समस्या बनकर उभरे हैं. खासकर बड़े शहरों में यह भयानक शक्ल अख्तियार कर चुका है. इस समस्या को लेकर विजय गोयल लंबे समय से काम कर रहे हैं. वह इस समस्या को लेकर लोगों से आवाज उठाने की अपील भी करते रहे हैं. बुधवार को हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरिणाया, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों की आरडब्ल्यूए के लोग पहुंचे और वहां अपनी समस्याओं को रखी.

सम्मेलन में पहुंचे लोगों ने कही ये बात: नोएडा से आए सुबोध अग्रवाल ने कहा कि, "आवारा कुत्तों के काटने या शिकायत करने पर एनिमल से जुड़ी संस्थाएं उन्हें नोटिस भेज देती हैं. आज तक किसी भी नेता ने आवारा कुत्तों की समस्या पर बात नहीं की, जबकि यह एक बड़ी समस्या बनती जा रही है."

पूणे से आए नागेंद्र का कहना है कि, "यदि पालतू कुत्ता काटता है तो उसके मालिक की जवाबदेही होती है. आईपीसी की धारा 289 के तहत मालिक पर एफआइआर भी दर्ज करा सकते हैं. लेकिन आवारा कुत्तों के काटने पर किसी की कोई जवाबदेही नहीं होती है. जबकि सोसायटियों में कुत्तों को फीड करने वाले लोगों की जवाबदेही होनी चाहिए."

राज्यसभा सदस्य व नृत्यांगना सोनल मानसिंह ने कहा कि, "यदि आवारा कुत्तों के काटने से किसी को रेबीज हो गई तो उसका बचना मुस्किल है. हम सबको मिलकर इस समस्या के प्रति आवाज उठानी होगी.''

यह भी पढ़ें- Stray Dog Attack: कुत्तों के आतंक से सहमे गाजियाबाद के बच्चे, कहा- हम कुत्तों का खाना नहीं है

दिल्ली में हर रोज 2,000 लोगों को काट रहे कुत्तेः सम्मेलन में विजय गोलय ने कहा कि देश में 6 करोड़ 40 लाख आवारा कुत्ते हैं. अकेले दिल्ली के अंदर आठ लाख कुत्ते हैं. दिल्ली में रोजाना करीब 2,000 और हर माह करीब 60,000 लोगों को कुत्ते काट रहे हैं. दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में रोजाना 200 से 250 कुत्ते काटने के मामले आते हैं. हरिश्चंद्र अस्पताल में हर माह 3,000 और जीटीबी में हर माह करीब 9,000 हजार कुत्ते काटने के मामले आ रहे हैं. कुत्ते काटने के जो मरीज प्राइवेट अस्पतालों में जाते हैं उनकी कोई गणना नहीं है. एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में कुत्ते सबसे अधिक रेबीज फैला रहे हैं. 150 से अधिक देश रेबीज के चपेट में हैं.

एबीसी रूल खारिज या संशोधित होः आवारा कुत्तों की समस्या पर कानूनी रूप से काम कर रहीं मेघना उनियाल ने कहा कि, एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) रूल्स के तहत बाहर से सोसायटी के अंदर आवारा कुत्तों को लाया जा सकता है, निकाला नहीं जा सकता. वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत जानवर अगर इंसान की जान के लिए खतरा बनने लगता है तो उसे मार दिया जाता है. कुत्ते के लिए ऐसा नियम नहीं है."

एबीसी रूल के अनुसार जहां कुत्ता बैठ गया और खाना खाया वह उसका घर हो गया. भले ही वह किसी को भी काटे उसे हटाया नहीं जा सकता है. एबीसी के रूल नंबर 16 के तहत यदि किसी को कुत्ता काटता है तो एनीमल से जुड़ी एनजीओ तय करेगी कि गलती कुत्ते की थी या इंसान की. रूल नंबर 20 के अनुसार कुत्ते आफिस, अस्पताल और रेजीडेंस सभी जगह रह सकते हैं. वहीं खाना भी खाएंगे. भले ही वह किसी को काटें. मेघना ने कहा कि इस एबीसी रूट को खारिज किया जाना चाहिए या इसमें संशोधन किया जाना चाहिए, जिससे लोगों को कुत्तों की समस्या से निजात मिल सके.

Last Updated : Dec 21, 2023, 12:49 PM IST
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