नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल द्वारा 12 एडहॉक शिक्षकों की नौकरी खत्म करने को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने नोटिस जारी किया है. वहीं आम आदमी पार्टी द्वारा समर्थित शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर एसोसिएशन के प्रभारी डॉ. हंसराज सुमन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 12 शिक्षकों में 5 शिक्षक कोरोना महामारी से संक्रमित हैं, जिनका परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है. बता दें कि नौकरी से हटाए गए 12 शिक्षकों में 4 शिक्षक ओबीसी और 3 शिक्षक एससी वर्ग के हैं.
याचिका की गई थी दायर
डीयू के विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल द्वारा 12 एडहॉक शिक्षकों को नौकरी से हटाए जाने का मुद्दा अब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग पहुंच गया है. बता दें कि टीचर फोरम ने 12 शिक्षकों की नौकरी खत्म करने को लेकर विशेष याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि जिन 12 शिक्षकों की नौकरी खत्म की गई है. उसमें 4 शिक्षक ओबीसी और 3 एससी वर्ग के हैं.
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साथ ही कहा गया था कि जिन 12 शिक्षकों की नौकरी खत्म की गई है, उनमें से पांच एडहॉक शिक्षक ऐसे हैं जो कोरोना से संक्रमित हैं और उनका परिवार इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है. ऐसे में उनकी नौकरी चले जाने से हालत और बदतर हो चुकी है.
7 दिन में कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन से मांगा जवाब
वहीं आरोप लगा है कि विवेकानंद कॉलेज के प्रिंसिपल और कॉलेज के चेयरमैन से बार-बार गुहार लगाने के बाद भी इनकी सुनवाई नहीं हुई है. जबकि यह शिक्षक लंबे समय से कॉलेज में पढ़ा रहे हैं और कॉलेज में वर्क लोड भी काफी है. बाबत इसके बिना किसी जायज कारण के इनकी नौकरी खत्म कर दी गई. वहीं टीचर्स फोरम द्वारा दायर की गई याचिका को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस मसले के संदर्भ में विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल और दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से 7 दिन के अंदर जवाब मांगा है.
इन विभाग में कार्यरत थे ये शिक्षक...
बता दें कि विवेकानंद कॉलेज के जिन 12 शिक्षकों की नौकरी खत्म की गई है, उनमें से 2 शिक्षक कॉमर्स विभाग के, एक इकोनॉमिक्स के, तीन इंग्लिश के, दो कंप्यूटर साइंस के, 1 संस्कृत के, एक फूड टेक्नोलॉजी, एक मैथमेटिक्स और एक एनवायरमेंट साइंस में बतौर एडहॉक शिक्षक कार्यरत थे.