नई दिल्ली : पानीपत में हुई कारोबारी की हत्या के आरोपी को 7 साल बाद बिहार से क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपी रंजीत को अदालत ने भगोड़ा घोषित कर रखा था. हत्या के बाद से बिहार स्थित गांव में वह छिप गया था. उसकी गिरफ्तारी की जानकारी विवेक विहार पुलिस को दे दी गई है.
डीसीपी रोहित मीणा के अनुसार 27 जनवरी 2015 को विवेक विहार थाने में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. महिला ने पुलिस को बताया कि उसका पति विजय साहनी से उधार लेने के लिए पानीपत बुलाया गया था. शाम 6 बजे उसने बताया था कि वह पानीपत पहुंच गया है और रात को वापस आ जाएगा. लेकिन 7 बजे उसके पति का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया. इस बाबत विवेक विहार थाने में अपहरण का मामला दर्ज किया गया था. छानबीन के दौरान 24 फरवरी 2015 को रजनीश मिश्रा को गिरफ्तार किया गया.
उसने बताया कि ललित साहनी, विजय साहनी और रंजीत राय ने मिलकर नरेश साहनी की हत्या कर दी है. उसके शव को उन्होंने पानीपत रेलवे स्टेशन के पास उन्होंने फेंक दिया है. रजनीश मिश्रा की निशानदेही पर मृतक की जैकेट, कमीज, पैंट और जूते बरामद हो गए. मृतक का मोबाइल भी बरामद हो गया. आगे छानबीन के दौरान पुलिस ने शव का कुछ हिस्सा भी पानीपत नाले के पास से बरामद कर लिया था. इस एफआईआर में हत्या का मामला भी जोड़ा गया. इस मामले में ललित साहनी और विजय साहनी को मार्च 2016 में अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया था. वहीं मार्च 2016 में ही रंजीत राय को भी भगोड़ा घोषित किया गया था.
अक्टूबर 2021 में पुलिस टीम ने हिमाचल प्रदेश से ललित साहनी को गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में फरार चल रहे आरोपियों को लेकर एसीपी अरविंद कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर अरुण सिंधु की टीम काम कर रही थी. पुलिस को पता चला कि वह बिहार में छिपा हुआ है. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने छापा मारकर समस्तीपुर से रंजीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तार किया गया रंजीत बिहार का रहने वाला है. वह दसवीं कक्षा तक पढ़ा है. वह 2012 में नौकरी की तलाश में दिल्ली आया था. पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास खाने की रेहड़ी लगाता था. इस दौरान वह विजय साहनी और ललित साहनी से मिला और उनके साथ पार्टनरशिप में कारोबार करने लगा. विजय साहनी ने अपने साथियों के साथ मिलकर नरेश साहनी की हत्या कर दी क्योंकि वह अपने 3.5 लाख रुपये वापस मांग रहा था. हत्या के बाद से वह बिहार स्थित अपने गांव में छिपा हुआ था.
7 साल बाद बिहार से पकड़ा गया हत्या का आरोपी - क्राइम ब्रांच ने आरोपी गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच ने पानीपत में हुई कारोबारी की हत्या के आरोपी को बिहार से गिरफ्तार किया है. सात साल बाद यह आरोपी गिरफ्तार किया है.
नई दिल्ली : पानीपत में हुई कारोबारी की हत्या के आरोपी को 7 साल बाद बिहार से क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपी रंजीत को अदालत ने भगोड़ा घोषित कर रखा था. हत्या के बाद से बिहार स्थित गांव में वह छिप गया था. उसकी गिरफ्तारी की जानकारी विवेक विहार पुलिस को दे दी गई है.
डीसीपी रोहित मीणा के अनुसार 27 जनवरी 2015 को विवेक विहार थाने में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. महिला ने पुलिस को बताया कि उसका पति विजय साहनी से उधार लेने के लिए पानीपत बुलाया गया था. शाम 6 बजे उसने बताया था कि वह पानीपत पहुंच गया है और रात को वापस आ जाएगा. लेकिन 7 बजे उसके पति का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया. इस बाबत विवेक विहार थाने में अपहरण का मामला दर्ज किया गया था. छानबीन के दौरान 24 फरवरी 2015 को रजनीश मिश्रा को गिरफ्तार किया गया.
उसने बताया कि ललित साहनी, विजय साहनी और रंजीत राय ने मिलकर नरेश साहनी की हत्या कर दी है. उसके शव को उन्होंने पानीपत रेलवे स्टेशन के पास उन्होंने फेंक दिया है. रजनीश मिश्रा की निशानदेही पर मृतक की जैकेट, कमीज, पैंट और जूते बरामद हो गए. मृतक का मोबाइल भी बरामद हो गया. आगे छानबीन के दौरान पुलिस ने शव का कुछ हिस्सा भी पानीपत नाले के पास से बरामद कर लिया था. इस एफआईआर में हत्या का मामला भी जोड़ा गया. इस मामले में ललित साहनी और विजय साहनी को मार्च 2016 में अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया था. वहीं मार्च 2016 में ही रंजीत राय को भी भगोड़ा घोषित किया गया था.
अक्टूबर 2021 में पुलिस टीम ने हिमाचल प्रदेश से ललित साहनी को गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में फरार चल रहे आरोपियों को लेकर एसीपी अरविंद कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर अरुण सिंधु की टीम काम कर रही थी. पुलिस को पता चला कि वह बिहार में छिपा हुआ है. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने छापा मारकर समस्तीपुर से रंजीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तार किया गया रंजीत बिहार का रहने वाला है. वह दसवीं कक्षा तक पढ़ा है. वह 2012 में नौकरी की तलाश में दिल्ली आया था. पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास खाने की रेहड़ी लगाता था. इस दौरान वह विजय साहनी और ललित साहनी से मिला और उनके साथ पार्टनरशिप में कारोबार करने लगा. विजय साहनी ने अपने साथियों के साथ मिलकर नरेश साहनी की हत्या कर दी क्योंकि वह अपने 3.5 लाख रुपये वापस मांग रहा था. हत्या के बाद से वह बिहार स्थित अपने गांव में छिपा हुआ था.