नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव की प्रक्रिया आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ पार्षद मुकेश गोयल पीठासीन अधिकारी के तौर पर संपन्न कराएंगे. दिल्ली सरकार ने पिछले दिनों गोयल के नाम का प्रस्ताव उपराज्यपाल के पास भेजा था. सोमवार को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने उनके नाम पर मुहर लगा दी.
हालांकि, जनवरी में जब दिल्ली सरकार ने मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी के तौर पर मुकेश गोयल का नाम भेजा था तब उपराज्यपाल ने इसे खारिज कर दिया था. अब उनकी अध्यक्षता में मेयर का चुनाव 26 अप्रैल को निगम मुख्यालय में होगा. गोयल नगर निगम के वरिष्ठ पार्षदों में से एक हैं. आम आदमी पार्टी ने इन्हें नेता सदन नियुक्त किया है.
LG के पास पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का अधिकारः दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 की धारा 77 A के तहत मेयर, डिप्टी मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी चुनने का अधिकार उपराज्यपाल का है. वह किसी भी पार्षद को विवेक के आधार पर पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर सकते हैं. केवल वह चुनाव का प्रत्याशी नहीं होना चाहिए. अभी तक यही परंपरा रही है कि उपराज्यपाल की तरफ से किसी अनुभवी या वरिष्ठ पार्षद को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया जाता है.
मेयर चुनाव का समीकरणः मेयर चुनाव को लेकर समीकरण की बात करें तो दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के कुल 132 निगम पार्षद हैं. वहीं, बीजेपी के 106 निगम पार्षद. कांग्रेस के 9 निगम पार्षद हैं, जबकि निर्दलीय पार्षदों की संख्या 3 है. चुनाव के लिए दिल्ली के लोकसभा व राज्यसभा सदस्य और मनोनीत विधायक सदस्यों को मिलाकर कुल 274 मतों में से 147 वोट अभी भी आम आदमी पार्टी के पक्ष में है. जबकि, 116 वोट बीजेपी के पास है. ऐसे में अगर क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो आम आदमी पार्टी का मेयर चुना जाना तय है. आम आदमी पार्टी की पार्षद शैली ओबरॉय और बीजेपी के पार्षद शिखा राय के बीच मुकाबला है.
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