ETV Bharat / state

भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र और UPDA के बीच दिल्ली में हुआ MOU, मक्के की खेती पर होगा अध्य्यन

कृषि अनुसंधान परिषद एवं उतर प्रदेश डिस्टलरी एसोसिएशन के मध्य उन्नत प्रजाति के मक्के के उत्पादन दर में वृद्धि के लिए एमओयू हुआ.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 5, 2023, 2:21 PM IST

नई दिल्ली: एथेनॉल उत्पादन और पोल्ट्री उद्योगके लिए अनाज की बढ़ती मांग के बीच देश के मक्का उत्पादन को अगले पांच वर्षों में बढ़ाकर 4.5 करोड़ टन करने की जरूरत है. जिसे देखते हुए कृषि अनुसंधान परिषद एवं उतर प्रदेश डिस्टलरी एसोसिएशन के मध्य उन्नत प्रजाति के मक्के के उत्पादन दर में वृद्धि के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) हुआ. एमओयू पर आईसीएआर के निदेशक एवं अध्यक्ष डॉ. एके सिंह, तथा आईजीएल के बिजनेस हेड व यूपीडीए के अध्यक्ष एसके शुक्ल ने हस्ताक्षर किया. इस अवसर पर आईसीएआर के डॉ फिरोज एवं यूपीडिए के उपाध्यक्ष मनीष अग्रवाल जनरल सेक्रटरी रजनीश अग्रवाल की उपस्थिति रही.

आईजीएल के बिजनेस हेड एसके शुक्ल एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के निदेशक एवं अध्यक्ष डॉ एके सिंह ने सयुंक्त रूप से बताया की इस एमओयू से सीधा फायदा किसानों को तथा समुचित सरकारों को होगा. पेट्रो ऊर्जा के क्षेत्र में यह एमओयू मील का पत्थर साबित होगा.

वरिष्ठ प्रबंधक प्रशासन एवं जनसंपर्क डॉ सुनील कुमार मिश्रा ने बताया की, "आज केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार एथेनॉल ब्लेंडिंग के उत्पादन पर काफी जोर दे रही है. केंद्र सरकार देश को पूरी तरह से पेट्रो ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने की राह पर अग्रसर है."

जानकारी के अनुसार वर्तमान में 10 प्रतिशत एथेनॉल को पेट्रोल में मिश्रित किया जाता है. सरकार 2025 तक इसे दोगुना करने पर विचार कर रही है. इस योजना का प्रारंभिक परीक्षण प्रदेश के गोरखपुर जनपद में किया जाएगा इसके लिए आईजीएल कंपनी ने स्थानीय किसानो से वार्ता भी कर लिया है और किसानो ने स्वेच्छा से अपना सहमति पत्र भी कंपनी को दे दिया है. यह परीक्षण 20 बीघे में किया जाएगा. जिसमे किसानो को उन्नत प्रजाति के मक्के के बीज मुहैया कराया जाएगा तथा समय समय पर आईसीएआर के वैज्ञानिको द्वारा निरिक्षण करके कीटनाशक एवं अन्य रोगो से बचाने के उपाय भी बताये जाएंगे.

यह भी पढ़ें- Unseasonal rains: बेमौसम बारिश से फसल में भारी नुकसान, किसानों ने की दिल्ली सरकार से मुआवजे की मांग

नई दिल्ली: एथेनॉल उत्पादन और पोल्ट्री उद्योगके लिए अनाज की बढ़ती मांग के बीच देश के मक्का उत्पादन को अगले पांच वर्षों में बढ़ाकर 4.5 करोड़ टन करने की जरूरत है. जिसे देखते हुए कृषि अनुसंधान परिषद एवं उतर प्रदेश डिस्टलरी एसोसिएशन के मध्य उन्नत प्रजाति के मक्के के उत्पादन दर में वृद्धि के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) हुआ. एमओयू पर आईसीएआर के निदेशक एवं अध्यक्ष डॉ. एके सिंह, तथा आईजीएल के बिजनेस हेड व यूपीडीए के अध्यक्ष एसके शुक्ल ने हस्ताक्षर किया. इस अवसर पर आईसीएआर के डॉ फिरोज एवं यूपीडिए के उपाध्यक्ष मनीष अग्रवाल जनरल सेक्रटरी रजनीश अग्रवाल की उपस्थिति रही.

आईजीएल के बिजनेस हेड एसके शुक्ल एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के निदेशक एवं अध्यक्ष डॉ एके सिंह ने सयुंक्त रूप से बताया की इस एमओयू से सीधा फायदा किसानों को तथा समुचित सरकारों को होगा. पेट्रो ऊर्जा के क्षेत्र में यह एमओयू मील का पत्थर साबित होगा.

वरिष्ठ प्रबंधक प्रशासन एवं जनसंपर्क डॉ सुनील कुमार मिश्रा ने बताया की, "आज केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार एथेनॉल ब्लेंडिंग के उत्पादन पर काफी जोर दे रही है. केंद्र सरकार देश को पूरी तरह से पेट्रो ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने की राह पर अग्रसर है."

जानकारी के अनुसार वर्तमान में 10 प्रतिशत एथेनॉल को पेट्रोल में मिश्रित किया जाता है. सरकार 2025 तक इसे दोगुना करने पर विचार कर रही है. इस योजना का प्रारंभिक परीक्षण प्रदेश के गोरखपुर जनपद में किया जाएगा इसके लिए आईजीएल कंपनी ने स्थानीय किसानो से वार्ता भी कर लिया है और किसानो ने स्वेच्छा से अपना सहमति पत्र भी कंपनी को दे दिया है. यह परीक्षण 20 बीघे में किया जाएगा. जिसमे किसानो को उन्नत प्रजाति के मक्के के बीज मुहैया कराया जाएगा तथा समय समय पर आईसीएआर के वैज्ञानिको द्वारा निरिक्षण करके कीटनाशक एवं अन्य रोगो से बचाने के उपाय भी बताये जाएंगे.

यह भी पढ़ें- Unseasonal rains: बेमौसम बारिश से फसल में भारी नुकसान, किसानों ने की दिल्ली सरकार से मुआवजे की मांग

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.