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BLK अस्पताल में 2 मरीजों को दी गई 'मोनोक्लोनल एंटीबॉडी', दोनों की हालत में पहले से सुधार

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Published : Jun 4, 2021, 12:31 PM IST

दिल्ली में कोरोना के इलाज (corona treatment) में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दवा मरीजों को दी जा रही है. इसी कड़ी में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल (Indraprastha Apollo Hospital) के बाद ये दवा बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (BLK Hospital) में भी 2 मरीजों को दी जा चुकी है. जिनकी हालत में पहले से सुधार है.

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बीएलके अस्पताल

नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ राजधानी दिल्ली में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दवा (monoclonal antibody medicine) का तेजी से इस्तेमाल हो रहा है. इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल (Indraprastha Apollo Hospital) के बाद ये दवा बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (BLK Hospital) में भी 2 मरीजों को दी जा चुकी है.

वीडियो रिपोर्ट

जिसके बाद राजधानी में कॉकटेल ड्रग कुल 4 मरीजों को दी जा चुकी है. अस्पतालों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सभी मरीज स्वस्थ हैं. दवा देने के बाद मरीजों में किसी भी तरीके की कोई परेशानी देखने को नहीं मिली है.

बीएलके अस्पताल (BLK Hospital) के रेस्पिरेटरी डिपार्टमेंट (respiratory department) के एचओडी डॉ. संदीप नायर ने बताया अस्पताल में यह दवा दो बुजुर्गों को दी गई है, जिसमें से एक मरीज की उम्र 70 साल दूसरे की 65 साल है. दोनों मरीज पूरी तरीके से स्वस्थ है यह दवा मरीजों को मंगलवार (1 जून) को दी गई.

ये भी पढ़ें:-Monoclonal Drug: दिल्ली-NCR में एक दर्जन से ज्यादा मरीजों को दी गयी एंटीबॉडी दवा

दोनों मरीज हार्ट पेशेंट है, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा था. डॉक्टर संदीप ने बताया यह दवा दो प्रकार की एंटीबॉडी को मिलाकर बनी है. इस दवा में दो अलग-अलग दवाओं के 5-5 ml के बॉयल आते हैं, जिन्हें एक साथ मिक्स करके दो मरीजों को दिया जाता है. 5ml एक मरीज को और दूसरे मरीज को 5ml. क्योंकि एक पैकेट से 2 मरीजों को यह दवा दी जा सकती है.

ये भी पढ़ें:-Corona Treatment: DRDO की 2-डीजी दवा नहीं उपलब्ध, डॉक्टर कर रहे हैं प्रिसक्राइब

डॉक्टर ने बताया दोनों दबाव को मिक्स करने के बाद 48 घंटे के भीतर मरीज को यह दवा दी जा सकती है, क्योंकि एक दवा की कीमत ₹60000 है, ऐसे में दूसरी डोज को बर्बाद नहीं किया जा सकता. इसलिए ये दवा एक ही दिन में दो मरीजों को दी गई. अस्पताल को एक ही दिन में दो मरीज मिल गए, जिसमें से एक मरीज की उम्र 70 साल और दूसरे की 65 साल है.

डॉ. नायर ने बताया कि दोनों मरीजों में ऑक्सीजन सैचुरेनशन 95% से अधिक था और लक्षण विकसित होने के 3 दिनों के भीतर ही दोनों अस्पताल आ गए थे, उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहने वाले मरीजों को यह दवा नहीं दी जा सकती.

हालांकि यह दोनों मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर नहीं थे, दोनों का ऑक्सीजन सैचुरेशन सामान्य था, जिसकों ध्यान में रखते हुए ये दवा दोनों मरीज़ो को दी गई.

नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ राजधानी दिल्ली में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दवा (monoclonal antibody medicine) का तेजी से इस्तेमाल हो रहा है. इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल (Indraprastha Apollo Hospital) के बाद ये दवा बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (BLK Hospital) में भी 2 मरीजों को दी जा चुकी है.

वीडियो रिपोर्ट

जिसके बाद राजधानी में कॉकटेल ड्रग कुल 4 मरीजों को दी जा चुकी है. अस्पतालों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सभी मरीज स्वस्थ हैं. दवा देने के बाद मरीजों में किसी भी तरीके की कोई परेशानी देखने को नहीं मिली है.

बीएलके अस्पताल (BLK Hospital) के रेस्पिरेटरी डिपार्टमेंट (respiratory department) के एचओडी डॉ. संदीप नायर ने बताया अस्पताल में यह दवा दो बुजुर्गों को दी गई है, जिसमें से एक मरीज की उम्र 70 साल दूसरे की 65 साल है. दोनों मरीज पूरी तरीके से स्वस्थ है यह दवा मरीजों को मंगलवार (1 जून) को दी गई.

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दोनों मरीज हार्ट पेशेंट है, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा था. डॉक्टर संदीप ने बताया यह दवा दो प्रकार की एंटीबॉडी को मिलाकर बनी है. इस दवा में दो अलग-अलग दवाओं के 5-5 ml के बॉयल आते हैं, जिन्हें एक साथ मिक्स करके दो मरीजों को दिया जाता है. 5ml एक मरीज को और दूसरे मरीज को 5ml. क्योंकि एक पैकेट से 2 मरीजों को यह दवा दी जा सकती है.

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डॉक्टर ने बताया दोनों दबाव को मिक्स करने के बाद 48 घंटे के भीतर मरीज को यह दवा दी जा सकती है, क्योंकि एक दवा की कीमत ₹60000 है, ऐसे में दूसरी डोज को बर्बाद नहीं किया जा सकता. इसलिए ये दवा एक ही दिन में दो मरीजों को दी गई. अस्पताल को एक ही दिन में दो मरीज मिल गए, जिसमें से एक मरीज की उम्र 70 साल और दूसरे की 65 साल है.

डॉ. नायर ने बताया कि दोनों मरीजों में ऑक्सीजन सैचुरेनशन 95% से अधिक था और लक्षण विकसित होने के 3 दिनों के भीतर ही दोनों अस्पताल आ गए थे, उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहने वाले मरीजों को यह दवा नहीं दी जा सकती.

हालांकि यह दोनों मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर नहीं थे, दोनों का ऑक्सीजन सैचुरेशन सामान्य था, जिसकों ध्यान में रखते हुए ये दवा दोनों मरीज़ो को दी गई.

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