नई दिल्ली: राजधानी में दुष्कर्म की घटनाओं में इस साल फिर बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. इन वारदातों में अंजानों के जरिए की गई वारदात की संख्या में कमी आई है. दूसरी तरफ हैरान करने वाली बात ये है कि महिलाओं के साथ दुष्कर्म की 97 से ज्यादा फीसदी वारदातों में उनके परिचित ही शामिल रहे हैं. इसलिए पुलिस इस तरह के अपराध को रोकने के लिए महिलाओं को जागरूक करने का काम कर रही है.
क्राइम ब्रांच ने दी जानकारी
जानकारी के अनुसार साल 2018 में जहां 31 अगस्त तक दुष्कर्म के 1476 मामले दर्ज हुए थे तो वहीं इस वर्ष 31 अगस्त तक 1525 दुष्कर्म के मामले विभिन्न थानों में दर्ज हो चुके हैं. हाल ही में एक कार्यक्रम में अपराध शाखा के विशेष आयुक्त सतीश गोलचा ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के मामलों में अनजान आरोपियों की संख्या घट रही है, वहीं परिचितों की संख्या बढ़ रही है. परिचितों द्वारा किये जा रहे दुष्कर्म के मामलों को पुलिस भी रोकने में असमर्थ है क्योंकि यह अपराध चारदीवारी के भीतर होते हैं. इसके लिए महिलाओं को खुद जागरूक होना होगा क्योंकि उन्हें ज्यादा खतरा बाहरी लोगों से नहीं बल्कि अपनों से ही है.
दुष्कर्म की वारदात में अंजान आरोपी
- 2015 में 3.97 %
- 2016 में 3.56 %
- 2017 में 3.36 %
- 2018 में 2.48 %
- 2019 में 2.25 % (31 अगस्त तक)
महिला सुरक्षा के लिए प्रयास
- सभी थानों में 24×7 महिला हेल्पलाइन डेस्क खोले गए
- 15 महिला पीसीआर विभिन्न इलाकों में चलाई जा रही है
- गर्ल्स स्कूल एवं कॉलेज के पास गश्त बढ़ाई गई है
- महिला पुलिसकर्मी बाइक पर पेट्रोलिंग कर रही है
- इस वर्ष 1.81 लाख छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी गई
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए हिम्मत प्लस ऐप
- महिलाओं के लिए 100 के अलावा 1091 नंबर की हेल्पलाइन
30% दुष्कर्म के मामले शादी से इनकार करने पर
दिल्ली पुलिस के मुताबिक दुष्कर्म के सबसे ज्यादा मामले लिव-इन एवं शादी से इनकार के चलते दर्ज हो रहे हैं. इस साल लगभग 30 फीसदी दुष्कर्म के मामले इसलिए दर्ज किए गए हैं क्योंकि इनमें आरोपी युवक ने युवती से शादी करने से इनकार कर दिया था. इनके अलावा दोस्त, पिता, पड़ोसी, भाई, दफ्तर के सहकर्मी, सहपाठी बड़ी संख्या में दुष्कर्म के आरोपी हैं. यह सभी महिलाओं के परिचित होते हैं. ऐसे में पुलिस घटना के बाद कार्रवाई तो करती है, लेकिन ऐसी वारदातों को रोक नहीं सकती.