नई दिल्ली : कोरोना (corona) से लड़ाई में वैक्सीनेशन (Vaccination) कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ रहा है. देश भर में अब तक 23 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. यह आंकड़ा लगातार आगे बढ़ रहा है और इसमें 10 करोड़ से ज्यादा पुरुष और 8 करोड़ से ज्यादा महिलाएं वैक्सीन (Vaccine) लगवा चुकी हैं.
वहीं अगर राजधानी दिल्ली की बात करें तो कुल 58 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन (Vaccine) लगी है, जिसमें से 25 लाख से ज्यादा पुरुषों और 18 लाख से ज्यादा महिलाओं को वैक्सीन (Vaccine) लगी है. यह आंकड़े दर्शाते हैं कि महिलाएं वैक्सीनेशन (vaccination) कार्यक्रम में पुरुषों से पीछे हैं .
आखिर ऐसा क्यों है? इसको लेकर ईटीवी भारत ने अलग-अलग महिलाओं से बात की और वैक्सीन (Vaccine) को लेकर उनकी राय जानने की कोशिश की.
55 साल की भाग्य देवी से जब ईटीवी भारत (ETV BHARAT) ने पूछा कि क्या उन्होंने वैक्सीन (Vaccine) लगवा ली है तो उन्होंने बताया कि नहीं, उन्होंने वैक्सीन (Vaccine) नहीं लगवाई है. उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि जब वैक्सीन लगाए जाने के बाद भी लोगों को कोरोना (corona) हो रहा है तो वैक्सीन (Vaccine) लगवाने का क्या फायदा?
वैक्सीन लगवाने के बाद घर-परिवार कौन देखेगा
वहीं 45 साल की आशु ने कहा उन्होंने वैक्सीन (Vaccine) अभी नहीं लगवाई है, उन्हें डर है कि वैक्सीन लगवाने के बाद कहीं उन्हें कुछ हो ना जाए. आशु ने कहा कि कई लोगों का कहना है कि वैक्सीन (Vaccine) लगवाने के बाद लोगों की मौत हो रही है.
इसी डर के चलते वह वैक्सीन नहीं लगवा रही हैं, कि यदि वैक्सीन (Vaccine) लगवाने के बाद उन्हें कुछ हो गया तो उनका घर-परिवार कौन देखेगा, क्या कोई इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है?
स्लॉट ही नहीं बुक हो रहा
32 साल की प्रशंसा कुमारी ने बताया कि वह रोज तड़के सुबह और रात में वैक्सीन (Vaccine) के लिए स्लॉट ढूंढती हैं, लेकिन उनका स्लॉट ही नहीं बुक हो रहा.
महंगी वैक्सीन नहीं लगवाना चाहती
वहीं आरती राजपूत ने बताया कि वह शुरुआत से ही वैक्सीन (Vaccine) लगवाने के लिए कोशिश कर रही हैं, लेकिन उन्हें स्लॉट नहीं मिल पा रहा था और अब जब स्लॉट मिल रहा है, तो वह महंगे प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध है, लेकिन वह इतनी महंगी वैक्सीन (Vaccine) नहीं लगवाना चाहती.
वहीं ऐसी भी महिलाएं हैं जो वैक्सीन (Vaccine) लगवाने के लिए आगे आ रही हैं. दोनों डोज लगवा चुकी 50 साल की कुसुमलता ने कहा कि वैक्सीन (Vaccine) लगवाने को लेकर अधिकतर उन महिलाओं के मन में डर है, जो किसी ना किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं.
वैक्सीन लगवाने से पहले डर था, अब नहीं
वैक्सीन लगवा चुकी 19 साल की वसुधा ने कहा कि वैक्सीन (Vaccine) लगवाने से पहले उन्हें थोड़ा सा डर जरूर था, कि वैक्सीन लगवाने के बाद बुखार कमजोरी महसूस होगी, इसको लेकर भी कुछ लोग वैक्सीन (Vaccine) नहीं लगवा रहे हैं, हालांकि उन्होंने अपनी बोर्ड की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए वैक्सीन लगवा ली, लेकिन मौजूदा समय में परीक्षाएं रद्द कर दी गई है.
वैक्सीनेशन को लेकर जागरूक भी हैं महिलाएं
वैक्सीनेशन (vaccination) को लेकर कुछ महिलाएं जागरूक भी हैं. अधिकतर 18 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में वैक्सीनेशन को लेकर जागरूकता देखने को मिल रही है और इस कैटेगरी में आने वाली कई महिलाओं ने वैक्सीन (Vaccine) लगवा भी ली है.
वैक्सीन संक्रमण को बढ़ने से रोकती है
इसको लेकर पेशे से एक डॉक्टर (doctor) दिव्या यादव ने कहा कि वैक्सीन (Vaccine) लगवाना अनिवार्य है. यह संक्रमण को बढ़ने से रोकती है. यदि वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोरोना होता है तो इसके गंभीर तरीके से फैलने के आसार कम होते हैं और व्यक्ति जल्दी ठीक हो जाता है.
गायनोकॉलोजिस्ट की सलाह
महिलाओं के मन में वैक्सीन के डर और सामने आ रही अफवाहों को लेकर स्त्री रोग विशेषज्ञ (gynecologist) डॉ. शिवानी सचदेव ने बताया कि वैक्सीन (Vaccine) को लेकर खासतौर पर उन महिलाओं के मन में डर देखा जा रहा है, जो महिलाएं बच्चे की प्लानिंग कर रही हैं, या फिर वह ब्रेस्टफीडिंग करती हैं, या गर्भवती हैं.
इसके साथ ही कई महिलाओं के मन में यह सवाल आ रहा है कि वैक्सीन के बाद पीरियड टाइम पर भी असर पड़ सकता है. इस तरीके के अलग-अलग सवालों को लेकर लगातार महिलाएं उन्हें कॉल भी कर रही हैं.
क्यों चिंतित हैं महिलाएं
डॉ. शिवानी ने बताया वैक्सीन लगाए जाने के बाद बुखार आदि आने को लेकर भी महिलाएं चिंतित हैं कि उनकी देखभाल कौन करेगा और यदि वह संक्रमित होती हैं तो उनके परिवार को कौन संभालेगा. इन सभी चीजों से यह साफ है कि सरकार कहीं न कहीं देश की आधी आबादी महिलाओं को जागरूक करने में सफल नहीं हो पाई है.
वैक्सीन के बाद जो साइड इफेक्ट रेट है वह न के बराबर देखने को मिला है. इसीलिए इसको लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं है. वैक्सीन कोरोना संक्रमण को कम करती है, न कि वैक्सीन लगाने के बाद कोरोना होता है.
डॉक्टर शिवानी, गायनोकॉलोजिस्ट
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डॉ. शिवानी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि महिलाओं को जागरूक करने के लिए अलग-अलग अभियान चलाए जाएं, जिस प्रकार से कई राज्यों में पिंक वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं, इसकी शुरुआत हर राज्य में की जानी चाहिए.
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भारत में टीकाकरण की कुल संख्या- 23,83,54,713
पुरुष- 10,38,45,352
महिला- 8,87,11,885
दिल्ली में टीकाकरण की कुल संख्या-58,34,403
पुरुष- 25,95,154
महिला- 18,74,452
(यह नंबर लगातार अपडेट हो रहा है)
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