नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पिछले काफी समय में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में मेंटल और फिजिकल डिसऑर्डर की समस्याएं सामने आ रही हैं. जिसके चलते बच्चों को बोलने, चलने और समझने की समस्या हो रही है.
अगर इस बीमारी को अर्ली स्टेज में डिटेक्ट कर लिया जाए तो इनका समाधान जल्दी निकल सकता है. ईटीवी भारत ने गंगा राम अस्पताल के स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स से बातचीत की.
गंगा राम अस्पताल के सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉक्टर प्रवीण सुमन बताती हैं कि अगर कोई बच्चा मान लीजिए 1 साल की उम्र में भी सही से बैठना या बोलना थोड़ा बहुत भी नहीं सीख पा रहा है या उसे जरूरत से ज्यादा समय लग रहा है तो उस समय माता-पिता को उस बच्चे का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है और डॉक्टर के पास एक बार जाकर चेकअप कराना जरूरी हो जाता है.
डॉक्टर सुमन बताती हैं कि इंडिया में ज्यादातर लोग इस तरह की चीजों को इग्नोर करते हैं कि अगर बच्चा 1 साल की उम्र में भी सही से बैठ नहीं पा रहा या फिर 2 साल की उम्र तक चल नहीं पा रहा.
ऐसे में इन बच्चों को आगे चलकर बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, और इलाज उतना ही मुश्किल हो जाता है.
क्योंकि छोटे बच्चों को जो बीमारी होती है वो देरी से डिटेक्ट होती है और उसका इलाज भी देरी से शुरू होता है.
'बच्चों पर ज्यादा ध्यान दें माता-पिता'
डॉ प्रवीण सुमन ने इस बात पर खासा जोर दिया कि आजकल की लाइफ में पेरेंट्स को बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. अगर बच्चा सही से बैठ नहीं रहा है, चल नहीं पा रहा है या बोल भी नहीं पा रहा.
उन चीजों को समझ नहीं पा रहा है, जिन सब चीजों को अच्छे से उपयोग करना चाहिए. अगर कुछ भी ऐसा लगे कि बच्चे की एक्टिविटी नॉर्मल नहीं है तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.
जिससे कि अर्ली स्टेज में बीमारी को डिटेक्ट करके उसका इलाज कराया जा सके. डॉ प्रवीण सुमन बताती हैं कि कुछ स्टेप्स को फॉलो करके आप अपने छोटे बच्चा का खास ख्याल रख सकते हैं.