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अगर आपके बच्चे की है स्लो ग्रोथ तो न करें इग्नोर...हो सकती है बड़ी मुसीबत

1 साल की उम्र में भी बच्चा सही से बैठना या बोलना थोड़ा बहुत भी नहीं सीख पा रहा है या उसे जरूरत से ज्यादा समय लग रहा है तो माता-पिता को उस बच्चे का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है और डॉक्टर के पास एक बार जाकर चेकअप कराना जरूरी हो जाता है.

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Published : May 18, 2019, 1:00 PM IST

Updated : May 18, 2019, 1:07 PM IST

बच्चों में बढ़ रही मेंटल-हेल्थ डिसऑर्डर की समस्या

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पिछले काफी समय में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में मेंटल और फिजिकल डिसऑर्डर की समस्याएं सामने आ रही हैं. जिसके चलते बच्चों को बोलने, चलने और समझने की समस्या हो रही है.

अगर इस बीमारी को अर्ली स्टेज में डिटेक्ट कर लिया जाए तो इनका समाधान जल्दी निकल सकता है. ईटीवी भारत ने गंगा राम अस्पताल के स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स से बातचीत की.

गंगा राम अस्पताल के सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉक्टर प्रवीण सुमन बताती हैं कि अगर कोई बच्चा मान लीजिए 1 साल की उम्र में भी सही से बैठना या बोलना थोड़ा बहुत भी नहीं सीख पा रहा है या उसे जरूरत से ज्यादा समय लग रहा है तो उस समय माता-पिता को उस बच्चे का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है और डॉक्टर के पास एक बार जाकर चेकअप कराना जरूरी हो जाता है.

डॉक्टर सुमन बताती हैं कि इंडिया में ज्यादातर लोग इस तरह की चीजों को इग्नोर करते हैं कि अगर बच्चा 1 साल की उम्र में भी सही से बैठ नहीं पा रहा या फिर 2 साल की उम्र तक चल नहीं पा रहा.

ऐसे में इन बच्चों को आगे चलकर बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, और इलाज उतना ही मुश्किल हो जाता है.

क्योंकि छोटे बच्चों को जो बीमारी होती है वो देरी से डिटेक्ट होती है और उसका इलाज भी देरी से शुरू होता है.

बच्चों में बढ़ रही डिसऑर्डर समस्याएं, पेरेंट्स रखें खास ध्यान

'बच्चों पर ज्यादा ध्यान दें माता-पिता'

डॉ प्रवीण सुमन ने इस बात पर खासा जोर दिया कि आजकल की लाइफ में पेरेंट्स को बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. अगर बच्चा सही से बैठ नहीं रहा है, चल नहीं पा रहा है या बोल भी नहीं पा रहा.

उन चीजों को समझ नहीं पा रहा है, जिन सब चीजों को अच्छे से उपयोग करना चाहिए. अगर कुछ भी ऐसा लगे कि बच्चे की एक्टिविटी नॉर्मल नहीं है तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.

जिससे कि अर्ली स्टेज में बीमारी को डिटेक्ट करके उसका इलाज कराया जा सके. डॉ प्रवीण सुमन बताती हैं कि कुछ स्टेप्स को फॉलो करके आप अपने छोटे बच्चा का खास ख्याल रख सकते हैं.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पिछले काफी समय में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में मेंटल और फिजिकल डिसऑर्डर की समस्याएं सामने आ रही हैं. जिसके चलते बच्चों को बोलने, चलने और समझने की समस्या हो रही है.

अगर इस बीमारी को अर्ली स्टेज में डिटेक्ट कर लिया जाए तो इनका समाधान जल्दी निकल सकता है. ईटीवी भारत ने गंगा राम अस्पताल के स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स से बातचीत की.

गंगा राम अस्पताल के सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉक्टर प्रवीण सुमन बताती हैं कि अगर कोई बच्चा मान लीजिए 1 साल की उम्र में भी सही से बैठना या बोलना थोड़ा बहुत भी नहीं सीख पा रहा है या उसे जरूरत से ज्यादा समय लग रहा है तो उस समय माता-पिता को उस बच्चे का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है और डॉक्टर के पास एक बार जाकर चेकअप कराना जरूरी हो जाता है.

डॉक्टर सुमन बताती हैं कि इंडिया में ज्यादातर लोग इस तरह की चीजों को इग्नोर करते हैं कि अगर बच्चा 1 साल की उम्र में भी सही से बैठ नहीं पा रहा या फिर 2 साल की उम्र तक चल नहीं पा रहा.

ऐसे में इन बच्चों को आगे चलकर बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, और इलाज उतना ही मुश्किल हो जाता है.

क्योंकि छोटे बच्चों को जो बीमारी होती है वो देरी से डिटेक्ट होती है और उसका इलाज भी देरी से शुरू होता है.

बच्चों में बढ़ रही डिसऑर्डर समस्याएं, पेरेंट्स रखें खास ध्यान

'बच्चों पर ज्यादा ध्यान दें माता-पिता'

डॉ प्रवीण सुमन ने इस बात पर खासा जोर दिया कि आजकल की लाइफ में पेरेंट्स को बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. अगर बच्चा सही से बैठ नहीं रहा है, चल नहीं पा रहा है या बोल भी नहीं पा रहा.

उन चीजों को समझ नहीं पा रहा है, जिन सब चीजों को अच्छे से उपयोग करना चाहिए. अगर कुछ भी ऐसा लगे कि बच्चे की एक्टिविटी नॉर्मल नहीं है तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.

जिससे कि अर्ली स्टेज में बीमारी को डिटेक्ट करके उसका इलाज कराया जा सके. डॉ प्रवीण सुमन बताती हैं कि कुछ स्टेप्स को फॉलो करके आप अपने छोटे बच्चा का खास ख्याल रख सकते हैं.

Intro:राजधानी दिल्ली में 5 साल से छोटे उम्र के बच्चों को हो रही है को हो रही है मेंटल फिजिकल डिसऑर्डर की बीमारियां जिसके चलते बच्चों को बोलने में चलने में और चीजों को समझने में हो रही है दिक्कत पिछले कुछ समय में राजधानी में बड़े स्तर पर बच्चों के अंदर देखी जा रही है इस तरह की समस्याएं


Body:दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में पिछले काफी समय में 5 साल से कम उम्र के बच्चों के बीच में मेंटल और फिजिकल डिसऑर्डर की समस्या बड़े स्तर पर देखने को मिल रही है जिसके चलते बच्चों को बोलने चलने और समझने की समस्याएं बड़े स्तर पर सामने आ रही है इन बीमारियों को अगर अर्ली स्टेज में डिटेक्ट कर लिया जाए तो इनका समाधान जल्दी निकल सकता है और बच्चों को भी इससे जल्दी निकल सकते हैं इसी पर ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की गंगा राम अस्पताल के सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉक्टर प्रवीण सुमन से उन्होंने माचिस के दौरान बताया की पैरंट्स किस तरह से अर्ली स्टेज में बच्चों की बीमारियों को पहचान करके उसका इलाज कर सकते हैं अगर कोई बच्चा मान लीजिए 1 साल की उम्र में सही से बैठना या बोलना थोड़ा बहुत नहीं सीख पा रहा है उसे जरूरत से ज्यादा समय लग रहा है तो उस समय माता पिता को उस बच्चे का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है और डॉक्टर के पास एक बार जाकर चेकअप कराने आवश्यक हो जाता है इंडिया में ज्यादातर लोग इस तरह की चीजों को इग्नोर करते हैं कि अगर बच्चा 1 साल की उम्र में सही से बैठ नहीं पा रहा है या फिर 2 साल की उम्र तक चल नहीं पा रहा थोड़ा बहुत उसको इग्नोर करते हैं आगे चलकर बच्चों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और इलाज उतना ही मुश्किल हो जाता है क्योंकि छोटे बच्चों को दो परेशानी होती है वह देरी से डिटेक्ट होती है और उसका इलाज भी दिल्ली से शुरू होता है डॉ प्रवीण सुमन ने इस बात पर खासा जोर दिया कि आजकल की लाइफ में पेरेंट्स को बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है अगर बच्चा सही से बैठ नहीं रहा है चल नहीं पा रहा है या बोल भी नहीं पा रहा है यह चीजों को समझ नहीं पा रहा है इन सब चीजों को अच्छे से उपयोग करना चाहिए और अगर कुछ भी ऐसा लगे कि अनयूजुअल है बच्चे सा थे नॉरमल नहीं है तो बच्चों को तुरंत डॉक्टर के पास दिखाना चाहिए जिससे कि अर्ली स्टेज में बीमारी को डिटेक्ट करके उसका इलाज किया जा सके ताकि बच्चों को परेशानी ना उठानी पड़े इंडिया में ज्यादातर फैमिलीज़ रूटीन चेक अप बच्चों का नहीं करवाती है जिसकी वजह से भी इस तरह की परेशानियां सामने आती है अगर बच्चों का चेक अप रुटिनली हो तो इस तरह की बीमारियों का जल्दी और आसानी से इलाज किया जा सकता है।


Conclusion:डॉ परवीन सुमन ने बताया कित इन इजी स्टेप्स को फॉलो करके किस तरह से आप अपने छोटे बच्चों की देखभाल अच्छे तरीके से कर सकते हैं, पेरेंट्स का रोल इन स्टेप्स को फॉलो करने में बहुत अहम है अगर पेरेंट्स इन स्टेप्स को सही ढंग से फॉलो करेंगे तो वह खुद समझ पाएंगे कि उनके बच्चे की ग्रोथ कैसे हो रही है और साथ ही छोटे बच्चों को बीमारियों से दूर भी रख पाएंगे क्योंकि इन सब बीमारियों का एक ही इलाज है की अर्ली स्टेज में इन बीमारियों को डिटेक्ट किया जाए और उनका इलाज किया जाए
Last Updated : May 18, 2019, 1:07 PM IST
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