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Photo Album: पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क में कैद हो रही यादें, 50 फीसदी गिरा फोटो एल्बम का बाजार - फोटो एल्बम का इतिहास

भारत में रहने वाले हर छोटे बड़े परिवार में कई तरह की फोटो एल्बम मौजूद हैं, जिसमें उनकी यादें बसी हुई हैं. आज के हाईटेक दौर ने इस पर गहरा असर डाल दिया है. हालांकि आज भी बुजुर्गों की पहली पसंद फोटो एल्बम है.

पैन ड्राइव और हार्ड डिस्क में कैद हो रही यादें
पैन ड्राइव और हार्ड डिस्क में कैद हो रही यादें
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Published : Jun 24, 2023, 4:37 PM IST

Updated : Jun 24, 2023, 4:58 PM IST

पैन ड्राइव और हार्ड डिस्क में कैद हो रही यादें

नई दिल्ली: अपनी यादों को सहेज कर रखने का सबसे अच्छा जरिया है फोटो. इसको और खास बना देती है फोटो एल्बम. भारत में शादी समरोह किसी त्योहार से कम नहीं है. इन खास यादों को जीवनभर ताज़ा रखने के लिए लोग महंगी से महंगी एल्बम बनवाते हैं. फोटो एल्बम आपकी अगली और पिछली दोनों पीढ़ियों के लिए अनमोल यादें सहेज कर रखती है, लेकिन आज तकनीकी दौर ने इसको नया रूप दे दिया है. वर्तमान में ज्यादातर युवा वर्ग फोटोज की सॉफ्ट कॉपी लेना पसंद करते हैं.

दिल्ली में फोटो एल्बम का सबसे बड़ा बाजार चांदनी चौक के कूचा चौधरी में है. यहां देश के अलग-अलग राज्यों से लोग अपनी शादी या पार्टी की फोटो एल्बम बनवाने आते हैं. तीन पीढ़ी से चल रही फोटो एल्बम की दुकान के मालिक मोहित गुप्ता ने बताया कि अब ज्यादातर लोग फोटोज को पेन ड्राइव या हार्ड ड्राइव में सॉफ्ट कॉपी के रूप में लेना पसंद कर रहे हैं. इस समय फोटो की हार्ड कॉपी और सॉफ्ट का 50-50 का बाजार है. लेकिन आज भी सॉफ्ट कॉपी के मुकाबले ज्यादा महत्व फोटो एल्बम का है.

मोहित के अनुसार, अगर कोई अपनी शादी में एल्बम बनवाता है, तो वह हमेशा घर में होती है. जिसे कोई भी कभी भी देख सकता है. वही सॉफ्ट कॉपी वाली फोटोज देखने के लिए लाइट, लैपटॉप या फ़ोन का होना जरुरी है.

कस्बों और देहात में फोटो एल्बम का चलन: मोहित ने बताया कि छोटे कस्बे और गांव में रहने वाले लोग आज भी शादी समारोह की फोटो एल्बम बनवाना पसंद करते हैं. वहीं कुछ ऐसे युवा जो अपने परिवार से दूर रहते हैं, वह फोटो को पेन ड्राइव में लेना पसंद करते हैं. हालांकि दिल्ली में रहने वाले कुछ परिवार आज भी फोटो एल्बम को ही तवज्जों देते हैं.

हाईटेक दौर ने असर डाला: भारत में रहने वाले हर छोटे बड़े परिवार में कई तरह की फोटो एल्बम मौजूद हैं, जिसमें उनकी यादें बसी हुई हैं, लेकिन आज के हाईटेक दौर ने इस पर गहरा असर डाल दिया है. एल्बम की जगह पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क में फोटो रखने का चलन बढ़ने के कारण मार्केट में फोटो एल्बम बनाने वालों का बिजनेस 50 फीसदी गिरा दिया है. मोहित ने बताया कि आज लोग बच्चों की बहुत ही कम फोटो प्रिंट करवाते हैं. फोटो प्रिंटिंग की दुकान होने के बावजूद उन्होंने (मोहित) खुद अपने बच्चों की मात्र दो एल्बम बनवाई है. वहीं उनकी बचपन की यादों की फोटो एल्बम से पूरा बेड भरा हुआ है.

फोटो एल्बम का इतिहास: वाशिंगटन, डीसी में लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस के संग्रह में सबसे पुराने फोटोग्राफी एल्बम 1850 के दशक के हैं. शुरुआती पारिवारिक फोटो एल्बम अक्सर घर में प्रदर्शित किए जाते थे. जो परिवार केवल कुछ तस्वीरें खरीद सकते थे, वे उन्हें एक एल्बम में डाल देते थे. मोहित ने बताया कि पहले शादी समारोह में बनने वाली सभी एल्बम की फोटो का साइज 4/6 या 5/7 होता था. वहीं अब एल्बम की फोटो का साइज 12/18 या 14/40 है. अब एक साथ में दो तीन फोटो को लगाया जा रहा है. इसे फोटो ग्राफर डिजाइन करके तैयार करता है.

पैन ड्राइव और हार्ड डिस्क में कैद हो रही यादें

नई दिल्ली: अपनी यादों को सहेज कर रखने का सबसे अच्छा जरिया है फोटो. इसको और खास बना देती है फोटो एल्बम. भारत में शादी समरोह किसी त्योहार से कम नहीं है. इन खास यादों को जीवनभर ताज़ा रखने के लिए लोग महंगी से महंगी एल्बम बनवाते हैं. फोटो एल्बम आपकी अगली और पिछली दोनों पीढ़ियों के लिए अनमोल यादें सहेज कर रखती है, लेकिन आज तकनीकी दौर ने इसको नया रूप दे दिया है. वर्तमान में ज्यादातर युवा वर्ग फोटोज की सॉफ्ट कॉपी लेना पसंद करते हैं.

दिल्ली में फोटो एल्बम का सबसे बड़ा बाजार चांदनी चौक के कूचा चौधरी में है. यहां देश के अलग-अलग राज्यों से लोग अपनी शादी या पार्टी की फोटो एल्बम बनवाने आते हैं. तीन पीढ़ी से चल रही फोटो एल्बम की दुकान के मालिक मोहित गुप्ता ने बताया कि अब ज्यादातर लोग फोटोज को पेन ड्राइव या हार्ड ड्राइव में सॉफ्ट कॉपी के रूप में लेना पसंद कर रहे हैं. इस समय फोटो की हार्ड कॉपी और सॉफ्ट का 50-50 का बाजार है. लेकिन आज भी सॉफ्ट कॉपी के मुकाबले ज्यादा महत्व फोटो एल्बम का है.

मोहित के अनुसार, अगर कोई अपनी शादी में एल्बम बनवाता है, तो वह हमेशा घर में होती है. जिसे कोई भी कभी भी देख सकता है. वही सॉफ्ट कॉपी वाली फोटोज देखने के लिए लाइट, लैपटॉप या फ़ोन का होना जरुरी है.

कस्बों और देहात में फोटो एल्बम का चलन: मोहित ने बताया कि छोटे कस्बे और गांव में रहने वाले लोग आज भी शादी समारोह की फोटो एल्बम बनवाना पसंद करते हैं. वहीं कुछ ऐसे युवा जो अपने परिवार से दूर रहते हैं, वह फोटो को पेन ड्राइव में लेना पसंद करते हैं. हालांकि दिल्ली में रहने वाले कुछ परिवार आज भी फोटो एल्बम को ही तवज्जों देते हैं.

हाईटेक दौर ने असर डाला: भारत में रहने वाले हर छोटे बड़े परिवार में कई तरह की फोटो एल्बम मौजूद हैं, जिसमें उनकी यादें बसी हुई हैं, लेकिन आज के हाईटेक दौर ने इस पर गहरा असर डाल दिया है. एल्बम की जगह पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क में फोटो रखने का चलन बढ़ने के कारण मार्केट में फोटो एल्बम बनाने वालों का बिजनेस 50 फीसदी गिरा दिया है. मोहित ने बताया कि आज लोग बच्चों की बहुत ही कम फोटो प्रिंट करवाते हैं. फोटो प्रिंटिंग की दुकान होने के बावजूद उन्होंने (मोहित) खुद अपने बच्चों की मात्र दो एल्बम बनवाई है. वहीं उनकी बचपन की यादों की फोटो एल्बम से पूरा बेड भरा हुआ है.

फोटो एल्बम का इतिहास: वाशिंगटन, डीसी में लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस के संग्रह में सबसे पुराने फोटोग्राफी एल्बम 1850 के दशक के हैं. शुरुआती पारिवारिक फोटो एल्बम अक्सर घर में प्रदर्शित किए जाते थे. जो परिवार केवल कुछ तस्वीरें खरीद सकते थे, वे उन्हें एक एल्बम में डाल देते थे. मोहित ने बताया कि पहले शादी समारोह में बनने वाली सभी एल्बम की फोटो का साइज 4/6 या 5/7 होता था. वहीं अब एल्बम की फोटो का साइज 12/18 या 14/40 है. अब एक साथ में दो तीन फोटो को लगाया जा रहा है. इसे फोटो ग्राफर डिजाइन करके तैयार करता है.

Last Updated : Jun 24, 2023, 4:58 PM IST
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