नई दिल्लीः अनाधिकृत कॉलोनी कॉलोनी में रहने वाले लोगों को पीएम उदय योजना के तहत उनके मकान का मालिकाना हक डीडीए द्वारा दिया जा रहा है. इसके लिए अब तक डीडीए में 36 हजार से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं. इसके साथ ही लोगों को इस योजना के बारे में बताने के लिए डीडीए द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. ऐसी ही एक बैठक खिड़की एक्सटेंशन स्थित आरडब्लूए के साथ आयोजित की गई जिसमें खुद डीडीए उपाध्यक्ष भी शामिल हुए.
डीडीए के अनुसार पीएम उदय योजना 29 अक्टूबर 2019 को लॉन्च की गई थी, जिसके तहत 1731 अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को उनके मकान का मालिकाना हक दिया जाना है. 3,35,829 लोगों ने अब तक अपना पंजीकरण कराया है और 36,023 लोगों ने अब तक मालिकाना हक पाने के लिए आवेदन किया है. डीडीए इस योजना के लिए लोगों को लगातार जागरूक करने का काम कर रही है. इसके लिए कई कैंप और बैठक आरडब्ल्यूए के साथ विभिन्न हिस्सों में आयोजित की जा चुकी हैं.
खिड़की एक्सटेंशन में हुई बैठक आयोजित
जागरूकता को बढ़ाने के लिए खुद डीडीए उपाध्यक्ष अनुराग जैन ने 20 वरिष्ठ अधिकारियों के साथ खिड़की एक्सटेंशन अनधिकृत कॉलोनी में जाकर आरडब्ल्यूए के अधिकारियों के साथ मुलाकात की. उपाध्यक्ष अनुराग जैन द्वारा उन्हें बताया गया कि पीएम उदय योजना क्या है और इसे कैसे डीडीए लागू कर रहा है. इससे किस तरीके का फायदा उन लोगों को होगा, यह भी डीडीए उपाध्यक्ष द्वारा बताया गया. उपाध्यक्ष ने उन्हें बताया कि लोकसभा और राज्यसभा से इसे लेकर केंद्र सरकार से बिल पास किया गया है. इसके बाद उन्हें यह सुविधा दी जा रही है.
पुनर्विकास को लेकर मास्टर प्लान में होगा काम
इस मौके पर उन्होंने आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष महेंद्र कौशिक का धन्यवाद किया जिन्होंने यह बैठक आयोजित की थी. उन्होंने आसपास के आरडब्ल्यूए सदस्यों को भी जागरूक करने की अपील उनसे की. डीडीए उपाध्यक्ष ने उन्हें बताया कि मास्टर प्लान 2041 के तहत अनाधिकृत कॉलोनी को विकसित करना भी डीडीए की प्राथमिकता होगी. इसे लेकर मास्टर प्लान में री-डेवलपमेंट पॉलिसी बनाई जाएगी ताकि अनधिकृत कॉलोनी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाएं मिल सके.
लोग होंगे एकत्रित तो होगा पुनर्विकास
डीडीए ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स को कहा है कि वह आने वाले मास्टर प्लान में पुनर्विकास को लेकर योजना तैयार करें. इसके तहत पुराने क्षेत्र को पुनर्विकास कर ऐसा बनाया जाएगा जहां पर सभी बुनियादी सुविधाएं मिल सके. इसके लिए डीडीए सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करेगा और लोगों की सहायता करेगा. ऐसे प्रोजेक्ट के लिए केवल लोगों को एकत्रित होकर डीडीए के पास आना होगा.