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MEA ईरान में फंसे नाविकों को सहायता देगा, 7 अक्टूबर को होगी Delhi HC में अगली सुनवाई

विदेश मंत्रालय ने Delhi High Court को भरोसा दिया है कि वह ईरान में फंसे 5 भारतीय नाविकों को हरसंभव सहायता देगा. हाईकोर्ट में विदेश मंत्रालय की ओर से पेश वकील ने बताया कि इन भारतीय नाविकों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं.

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Published : Jul 27, 2021, 5:41 PM IST

MEA assures Delhi High Court that it will provide assistance to Indian seafarers stranded in Iran
दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा है कि ईरान स्थित भारतीय दूतावास वहां फंसे 5 भारतीय नाविकों के लगातार संपर्क में है. विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट को भरोसा दिया कि वे पांचों भारतीय नाविकों की हरसंभव मदद करेगा. उसके बाद हाईकोर्ट ने विदेश मंत्रालय को इस बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी.

विदेश मंत्रालय की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि इन भारतीय नाविकों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं. उन पर 800 किलोग्राम मॉर्फिन जब्त हुआ है. इस पर याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील गुरिंदर पाल सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. पिछले 20 जुलाई को कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था.


नाविकों के परिजनों ने मांग की है कि उन्हें ईरान में कानूनी और काउंसलर सहायता प्रदान की जाए. याचिका में मांग की गई है कि नाविकों को भारत वापस लौटने तक ईरान में आर्थिक सहायता, दवा, आवास और दूसरी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. ये नाविक मेरिन का कोर्स पूरा कर चुके हैं. इन्हें संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में काम देने का वादा किया गया था.


नौकरी के लिए वे अलग-अलग UAE पहुंचे, लेकिन उनके प्लेसमेंट एजेंट ने उन्हें नौकरी नहीं दिलवाई बल्कि उन्हें Iran ले जाया गया, जहां उन्हें एक कार्गो में नाविक की नौकरी दी गई. 15 अक्टूबर 2019 से कार्गो कई बंदरगाहों पर गया, जहां माल की लोडिंग और अनलोडिंग हुई.

ये भी पढे़ं-दिल्ली HC ने चीनी कंपनी शीन के प्रोडक्ट बेचने पर अमेजन को नोटिस जारी

21 फरवरी 2020 को उनका कार्गो स्ट्रैट ऑफ हॉर्मोज के गहरे समुद्र में था. वहां ईरानी प्रशासन ने छापा मारा और कार्गो के कैप्टन के साथ गिरफ्तार कर लिया. उनके खिलाफ Government Of Iran ने नारकोटिक्स की Smuggling का आरोप लगाया. कार्गो के मालिक को भी बाद में गिरफ्तार कर लिया गया. उसके बाद से उन्हें चाबहार जेल में ही रखा गया है.

ये भी पढे़ं-Delhi High Court : 22 अगस्त को होंगे दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव

पिछले 8 मार्च को Chabahar की ट्रायल कोर्ट ने पांचों नाविकों को बरी कर दिया और 9 मार्च को उन्हें रिहा कर दिया गया, लेकिन ईरानी प्रशासन ने उनका पासपोर्ट देने से इनकार कर दिया. उन्हें सूचित किया गया कि उनका मामला ईरानी सुप्रीम कोर्ट में भेजा गया है. उन्हें बताया गया कि 23 जून तक ईरानी सुप्रीम कोर्ट उनके मामले में फैसला कर लेगी. इस मामले में अभी Indian government ने उनकी कोई मदद नहीं की है, जिसके बाद उन्होंने Delhi High Court का दरवाजा खटखटाया है.

ये भी पढे़ं-अगस्ता वेस्टलैंड : बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका पर CBI और ED को नोटिस

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा है कि ईरान स्थित भारतीय दूतावास वहां फंसे 5 भारतीय नाविकों के लगातार संपर्क में है. विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट को भरोसा दिया कि वे पांचों भारतीय नाविकों की हरसंभव मदद करेगा. उसके बाद हाईकोर्ट ने विदेश मंत्रालय को इस बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी.

विदेश मंत्रालय की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि इन भारतीय नाविकों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं. उन पर 800 किलोग्राम मॉर्फिन जब्त हुआ है. इस पर याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील गुरिंदर पाल सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. पिछले 20 जुलाई को कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था.


नाविकों के परिजनों ने मांग की है कि उन्हें ईरान में कानूनी और काउंसलर सहायता प्रदान की जाए. याचिका में मांग की गई है कि नाविकों को भारत वापस लौटने तक ईरान में आर्थिक सहायता, दवा, आवास और दूसरी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. ये नाविक मेरिन का कोर्स पूरा कर चुके हैं. इन्हें संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में काम देने का वादा किया गया था.


नौकरी के लिए वे अलग-अलग UAE पहुंचे, लेकिन उनके प्लेसमेंट एजेंट ने उन्हें नौकरी नहीं दिलवाई बल्कि उन्हें Iran ले जाया गया, जहां उन्हें एक कार्गो में नाविक की नौकरी दी गई. 15 अक्टूबर 2019 से कार्गो कई बंदरगाहों पर गया, जहां माल की लोडिंग और अनलोडिंग हुई.

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21 फरवरी 2020 को उनका कार्गो स्ट्रैट ऑफ हॉर्मोज के गहरे समुद्र में था. वहां ईरानी प्रशासन ने छापा मारा और कार्गो के कैप्टन के साथ गिरफ्तार कर लिया. उनके खिलाफ Government Of Iran ने नारकोटिक्स की Smuggling का आरोप लगाया. कार्गो के मालिक को भी बाद में गिरफ्तार कर लिया गया. उसके बाद से उन्हें चाबहार जेल में ही रखा गया है.

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पिछले 8 मार्च को Chabahar की ट्रायल कोर्ट ने पांचों नाविकों को बरी कर दिया और 9 मार्च को उन्हें रिहा कर दिया गया, लेकिन ईरानी प्रशासन ने उनका पासपोर्ट देने से इनकार कर दिया. उन्हें सूचित किया गया कि उनका मामला ईरानी सुप्रीम कोर्ट में भेजा गया है. उन्हें बताया गया कि 23 जून तक ईरानी सुप्रीम कोर्ट उनके मामले में फैसला कर लेगी. इस मामले में अभी Indian government ने उनकी कोई मदद नहीं की है, जिसके बाद उन्होंने Delhi High Court का दरवाजा खटखटाया है.

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