नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम में अनुबंध के आधार पर नौकरी कर रहे इंजीनियरों ने सिविक सेंटर में गुरुवार को हड़ताल शुरू कर दी. उन्होंने अपना कामकाज छोड़कर हाथों में पोस्टर लेकर एमसीडी के अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इंजीनियरों का कहना है बिना वजह 30 इंजीनियरों को टर्मिनेट कर दिया गया है. उन्होंने रेगुलेशन की मांग की थी. वे लोग कोर्ट चले गए थे, कोर्ट जाने का सभी को अधिकार है, लेकिन नगर निगम की तरफ से फरमान जारी करके 30 इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से नौकरी से हटा दिया गया है. जिसको लेकर कर्मचारियों में काफी रोष है. उनका कहना है कि जब तक हमारी मांगें मानी नहीं जातीं, प्रदर्शन जारी रहेगा.
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एमडी इंजीनियर फॉर्म के प्रेसिडेंट नरेश शर्मा ने बताया कि परसो तक दिल्ली नगर निगम में 223 इंजीनियर्स कांट्रैक्ट बेस पर कार्यरत थे, लेकिन इनमें से 30 इंजीनियरों को टर्मिनेट कर दिया गया. इनको बेवजह इनको टर्मिनेट किया गया है. एक तरफ सरकार और नगर निगम लोगों को पक्की नौकरी देने का वादा करती है, वहीं दूसरी तरफ लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है. हमारी मांग है कि हटाए गए कर्मचारियों को तत्काल नौकरी पर रखा जाए. इसके अलावा हमारी अन्य मांगे हैं उन मांगों पर भी नगर निगम को विचार करने की जरूरत है. क्योंकि हम लोग पिछले 17 - 18 सालों से निगम के साथ काम कर रहे हैं.
एमडी इंजीनियर फॉर्म के जनरल सेक्रेटरी राजेश अरोड़ा का कहना है कि एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नगर निगम में लोगों को पक्की नौकरी देने का वादा करते हैं, वहीं दूसरी तरफ लोगों की नौकरियां छानी जा रही हैं. उन्होंने कुछ दिनों पहले वादा किया था कि समय पर वेतन दिया जा रहा है जबकि यहां पर जो इंजीनियर कम कर रहे हैं पिछले दो महीने से उनका वेतन नहीं मिला है.
जब हम बराबर काम करते हैं तो हमें बराबर वेतन क्यों नहीं दिया जाता ? इसके अलावा हमारे कुछ इंजीनियर साथियों को टर्मिनेट कर दिया गया है. उसको लेकर आज हम प्रदर्शन कर रहे हैं. महापौर डॉक्टर शैली ओबेरॉय से अभी हमारी बातचीत नहीं हुई है. उनके संज्ञान में मामला है लेकिन पता नहीं क्यों हमारे साथ इस तरह का बर्ताव और भेदभाव किया जा रहा है.
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