नई दिल्ली: मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने गुरुवार को सिविक सेंटर में जन स्वास्थ्य विभाग के साथ वेक्टर बोर्न डिजीज को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि डेंगू-मलेरिया-चिकनगुनिया मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए युद्ध स्तर पर सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. और स्थिति नियंत्रण में है. निगम के अथक प्रयासों से मच्छरों की ब्रीडिंग में कमी आई है. दिल्ली में अगस्त में ब्रीडिंग 7 प्रतिशत थी जो अक्टूबर में घटकर 1 प्रतिशत रह गई है. दिल्ली के 250 वार्डों में एक हजार से अधिक मशीनों द्वारा इनडोर व आउटडोर फॉगिंग की जा रही है.
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एमसीडी की ओर से रोजाना लगभग डेढ़ लाख से अधिक स्थानों पर लार्वा की जांच की जा रही है. घरों में लार्वा मिलने पर नोटिस भेजे जा रहे हैं और चालान किए जा रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 3.32 करोड़ बार घरों में लार्वा की जांच की गई है. इसके बाद 27.44 लाख घरों में एंटी लार्वा दवाई का छिड़काव किया गया है. साथ ही 1.54 लाख घरों को लीगल नोटिस जारी किए जाने के साथ ही 24511 घरों के चालान काटे गए हैं.
संवेदनशील स्थान जैसे- स्कूलों, अस्पतालों, कंस्ट्रक्शन साइट और मुख्य हॉट स्पॉट पर अधिक ध्यान देने सहित सभी एंटी लार्वा संबंधी उपाय किए जा रहे हैं. मच्छर प्रजनन की जांच के लिए मलेरिया इंस्पेक्टर, डीबीसी कर्मचारी, फ़ील्ड वर्कर व जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी द्वारा प्रतिदिन 1.5 लाख से अधिक घरों का निरीक्षण कर रहे हैं. सभी क्षेत्रों में वार्ड-स्तरीय विशेष अभियान और जागरूकता अभियान को तेज कर दिया गया है.
मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी जोन में प्रमुखता के साथ हॉट स्पॉट चिह्नित किए जाएं, जहां पर ब्रीडिंग होती है. निगम के तीन हजार से ज़्यादा डीबीसी कर्मचारी व दो हजार फ़ील्ड वर्कर मिशन मोड में घर-घर जाकर मच्छर प्रजनन की जांच करें और नियमित रूप से अधिकारियों द्वारा उसकी मॉनिटरिंग की जाए. 'एमसीडी 311' ऐप पर नागरिकों द्वारा दर्ज मच्छर प्रजनन संबंधी शिकायतों का निवारण प्राथमिकता पर किया जाए.
'आप' पार्षद और विधायकों ने की जागरूकता रैली
आम आदमी पार्टी के पार्षद और विधायकों की तरफ से बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए गए. इसके लिए रैलियों का आयोजन किया गया. पूरी दिल्ली में पार्षद और विधायकों की ओर से 3908 जागरूकता रैलियों का आयोजन किया गया.
मलेरिया के मामले कम हुए
दिल्ली में मलेरिया पूरी तरह से नियंत्रण में है. पिछले 5 साल के आंकड़ों की तुलना करें तो 2018 में 21 अक्टूबर तक 427 मामले आए थे. वहीं 2019 में 574 मामले सामने आए थे. इस साल अभी तक मलेरिया के 352 मामले सामने आए हैं.
चिकनगुनिया के मामले 6 गुना कम
दिल्ली में चिकनगुनिया के मामलों में बड़े स्तर पर कमी दर्ज की गई है. 2018 में चिकनगुनिया के 21 अक्टूबर तक 129 मामले आए थे. 2019 में 132 मामले दर्ज किए गए थे. इसके अलावा 2020 में 74, 2021 में 73, 2022 में 38 और इस साल 2023 में अभी तक सिर्फ 29 मामले सामने आए हैं.
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