नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय में अकादमिक काउंसिल (एसी) की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई. दिन भर चली इस बैठक में शिक्षकों के प्रमोशन, समायोजन सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और कई निर्णय भी पारित हुए. इस बैठक में वार्ड कोटा की संख्या तीन से बढ़ा कर आठ करने की मंजूरी के साथ ही इस कोटे में एडहॉक शिक्षकों को शामिल करने पर भी सहमति बनी है. साथ ही अलग अलग विभागों में नए पाठ्यक्रम शुरू करने की भी मंजूरी दे दी गई है. इसके अलावा इस बैठक में लॉ छात्रों से केस मटेरियल के बदले छात्रों से कोई शुल्क नहीं लिए जाने पर भी फैसला लिया गया है.
बैठक में कई नए पाठ्यक्रम शुरू करने की मिली मंजूरी
वहीं अकादमिक काउंसिल के दौरान हुई चर्चा को लेकर एसी के सदस्य प्रो. सुधांशु कुमार ने बताया कि इस बैठक में नए पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है. उन्होंने बताया कि जीबी पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पीजी मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च में न्यूरोएनेस्थीसिया के पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जिसकी दाखिला प्रक्रिया और ट्रेनिंग प्रोग्राम संबंधित सभी प्रस्ताव को पारित कर दिया गया है.
इसके अलावा मास्टर इन पब्लिक हेल्थ के पाठ्यक्रम और उसकी दाखिला प्रक्रिया को भी मंजूरी दे दी गई है. साथ ही 2 नए विभाग खोले जाने की बात पर भी सहमति बनी है. इसके साथ ही हारमोनियम में 2 वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम, हिंदुस्तानी संगीत में विदेशी छात्रों के लिए सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम और 2 वर्षीय संगीत शिरोमणि डिप्लोमा भी शुरू किए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी है.
लॉ के छात्रों को निःशुल्क मिलेगी पाठ्यसामग्री
उन्होंने बताया कि इस बैठक में स्नातक और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को ऑनलाइन केस मटेरियल निःशुल्क उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया गया है. पाठ्यक्रम सामग्री देने के बदले लॉ के छात्रों को 1250 रुपये बतौर शुल्क देने होते थे. वहीं अब कार्यकारी कुलपति प्रोफेसर पीसी जोशी ने इस शुल्क पर रोक लगा दी है और छात्रों को निःशुल्क पाठ्यक्रम दिए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई है.
वार्ड कोटे की संख्या में इजाफा हुआ
वहीं प्रो सुधांशु कुमार ने बताया कि इस बैठक में वार्ड कोटा की सीटें भी बढ़ाने पर मंजूरी मिल गई है, जिसके तहत वार्ड कोटा की सीटें 3 से बढ़कर अब 8 कर दी गई हैं. इसके साथ ही परमानेंट शिक्षकों के साथ-साथ एडहॉक शिक्षकों के बच्चों को भी वार्ड कोटा की सीटों का लाभ मिलेगा.
फीस और परीक्षा कब मसले पर भी चली लंबी बहस
वहीं प्रोफेसर सुधांशु ने बताया कि इस बैठक में कोरोना महामारी में भी कॉलेजों द्वारा छात्रों से कुछ पाठ्यक्रमों की बढ़ी हुई फीस लेने और परीक्षा न होने के बावजूद परीक्षा शुल्क वसूलने के मुद्दे पर काफी देर चर्चा हुई. इसके अलावा दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों में समय पर वेतन नहीं दिए जाने का मुद्दा भी उठाया गया. साथ ही एडहॉक शिक्षकों को लेकर सितंबर माह में शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश लागू करने की भी मांग की गई.
वहीं इस बैठक में ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा में छात्रों को आ ही परेशानी को लेकर भी चर्चा हुई. साथ ही कहा गया कि इस बात का ध्यान रखा जाए कि जो समस्या छात्रों को पूर्व ओबीई परीक्षा के दौरान हुई थी वह आने वाले ओबीई में न हो.