नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल द्वारा वीआईपी कल्चर के आगे आम आदमी के हितों की बलि चढ़ाने के आदेश को दिल्ली और जनहित के खिलाफ बताया.
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा आनन-फानन में आदेश जारी कर होटलों को प्रशासनिक अधिकारियों और उनके परिवारों के लिए बुक करने के फैसले से साबित हो गया कि अरविंद केजरीवाल का न तो आम आदमी के हित से कोई सरोकार है न दिल्ली की त्राहि-त्राहि कर रही जनता को मौत से बचाने में उनकी दिलचस्पी.
आम आदमी का हो उपचार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अधिकारियों और उनके परिजनों के लिए होटलों की बुकिंग सीधे-सीधे वीआईपी कल्चर को बढ़ावा देने का कुत्सित प्रयास है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि फजीहत होने के बाद अब उस आदेश को रद्द करने के बजाय होटलों में जजों के लिए बुक कमरों में गरीब और आम आदमी का उपचार होना चाहिए.
मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अनाड़ीपन भारी पड़ रहा है और बदइंतजामी के चलते प्रतिदिन सैकड़ों मध्यमवर्ग और गरीब परिवारों के लोग कोरोनावायरस की भेंट चढ़ मौत के शिकार हो रहे हैं. दिल्ली सरकार इस समस्या का समाधान ढूंढने के बजाय होटलों के कमरों का तोहफा देकर एक बड़े वर्ग को प्रभावित कर अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं.
उन्होंने चेतावनी दी कि बेहतर होगा अपनी तस्वीर चमकाने के बजाय बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के सुधार के लिए अरविंद केजरीवाल ईमानदारी से काम करें वरना उनके हिस्से में न तो आम आदमी का जनाधार बचेगा और ना ही वह सत्ता जिस का दुरुपयोग कर वह दिल्ली में मौत का खेल खेल रहे हैं.