नई दिल्ली: इस बार दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण लग गया और सूर्य ग्रहण में कोई पूजा नहीं होती है. इसलिए अब इस त्योहार को बुधवार को मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में वसंतकुंज के पूर्व पार्षद मनोज महलावत ने अपने निवास स्थान पर गाय के गोबर से भगवान श्री कृष्ण की सुन्दर कलाकृति बनाई. महलावत ने बताया कि वो बचपन से गांव में पूजा पाठ देखते आ रहे हैं, इसलिए उन्हें इस पूजा के बारे में जानकारी है.
उसी परम्परा को निभाते हुए उन्होंने सुबह गौशाला से गाय का गोबर लाकर भगवान श्री कृष्ण की कलाकृति को बनाना शुरू किया. इसमें उनकी पत्नी और उनके बेटे ने भी सहयोग किया. ये परम्परा हमारी सदियों पुरानी है और इसे आज के जनरेशन भी समझे, इसलिए उन्होंने अपने घर पर ये कलाकृति बनाई. शाम के वक़्त आसपास की महिलाओं ने इक्क्ठा होकर भगवान गोवर्धन की पूजा की.
महलावत ने बताया कि भगवान गोवर्धन की पूजा सदियों पुरानी है और इसे देश के लगभग सभी हिस्सों में मनाया जाता है. हां इतना जरूर है कि सभी जगह पूजा करने का ढंग अलग-अलग है, लेकिन इसमें सभी जगह भगवान श्रीकृष्ण की ही पूजा होती है.
पूर्व पार्षद इस सदियों परम्परा को निभाते हुए सुबह से ही लगे रहे. अपने घर से गौशाला जाकर खुद गाय का गोबर लाये और फिर कलाकृति बनाने में जुट गए. चार पांच घंटे तक इस कलाकृति बनाते रहे और अब इसको फाइनल टच देकर सुन्दर सजायेंगे. तब जाकर शाम में उनके घर के अलावे आसपास की महिलाएं आकर इसकी विधि विधान से पूजा पाठ करेंगी.
इसे भी पढ़ें: आरके पुरम में दिखा बुंदेलखंड का मोनिया नाच, जानें इसका महत्व
बता दें, बुधवार को देशभर में गोवर्धन पूजा हो रही है. मान्यता है कि भगवान इन्द्र के प्रकोप से लोगों को बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी ऊंगली से गोवर्धन पहाड़ को उठा लिया था और लोगों को उस पहाड़ के नीचे खड़ा कर सबकी जान बचाई थी. यह भी मान्यता है कि भगवान इन्द्र देव के प्रकोप से ब्रजवासी गांव में भयंकर बारिश और तूफान हो रहे थे, जिससे इंसान से लेकर जीव जंतु सभी त्राहिमाम कर रहे थे. तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी ऊंगली पर गोवर्धन पहाड़ को उठाकर उसके नीचे सात दिनों तक लोगों को बचाया था. तभी से दिवाली के अगले दिन गाय के गोबर से भगवान श्रीकृष्ण की कलाकृति बनाकर पूजा की जाती है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप