नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट से अपनी अंतरिम जमानत की अर्जी वापस ले ली. उन्होंने पत्नी की बीमारी का हवाला देकर ED के मनी लॉंड्रिंग केस में कोर्ट से जमानत की मांग की थी. बताया जा रहा है कि अभी उनकी पत्नी की हालत स्थिर है. वहीं, CBI केस में सिसोदिया की नियमित जमानत की अर्जी पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
बुधवार को सुनवाई के दौरान ED की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि उन्होंने पहले तथ्य छुपाया, क्योंकि आवेदन में उल्लेख नहीं किया गया था कि पत्नी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. तथ्य छुपाने के संबंध में विवाद के कारण उन्होंने आवेदन वापस लिया है. यह साधारण विड्राल नहीं है.
नियमित जमानत पर सुनवाईः इस बीच वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की नियमित जमानत याचिका पर फिर से बहस शुरू करते हुए कहा कि सामान्य नियम है कि जमानत दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी अदालत के लिए यह कहना कि चूंकि दोहरी शर्तें हैं, इसलिए जमानत से इनकार किया जाता है, यह गलत है.
माथुर ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष के अनुमान कोई मामला नहीं बना सकते. सिसोदिया के वकील शुक्रवार को भी जिरह जारी रखेंगे. प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा 29 मई को जिरह शुरू करने की उम्मीद है. इस महीने की शुरुआत में अदालत ने सिसोदिया की सीबीआई मामले में नियमित जमानत की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. सीबीआई ने आठ घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद आप नेता को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था.