नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा सत्र के चौथे दिन सदन में कहा कि अगले विधानसभा चुनाव से पहले यमुना पूरी तरीके से साफ हो जाएगी. यमुना को साफ करने के विजन को गति देने की दिशा में दिल्ली विधानसभा में यमुना की सफाई और दिल्ली जलबोर्ड के लिए सदन ने 1028 करोड़ रूपये के पूरक अनुदान को मंजूरी दी है. सिसोदिया ने एलजी विनय कुमार सक्सेना पर तंज कसते हुए कहा कि एलजी साहब ने अफसरों पर दबाव बनाकर यमुना की सफाई को रोकने का हर संभव प्रयास किया. सदन से बजट मंजूर होने के बावजूद जलबोर्ड के काम रोके गए. बावजूद इसके यमुना की सफाई का काम जारी रहा. दिल्ली सरकार यमुना की सफाई का काम कभी रुकने नहीं देगी.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना सफाई के लिए 1028 करोड़ रुपए का एडिशनल बजट भी जारी किया है. ताकि यमुना को साफ़ करने के कामों में तेजी लाई जा सकें. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा है कि अगले चुनावों से पहले यमुना साफ होकर रहेगी, इसके लिए जो भी करना पड़े- जैसे भी करना पड़े हम करेंगे. उन्होंने बताया कि स्वयं केजरीवाल ने यमुना की सफाई को अपनी प्राथमिकता बनाते हुए स्वयं हर एक पहलू पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं और रोजाना 1-1 नाले, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट काम कर रहा है या नहीं, कितना काम कर रहा है, ट्रीटटेड पानी कहां जा रहा है आदि विषय पर अधिकारियों से प्रोग्रेस रिपोर्ट लेते हैं.
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311 करोड़ रुपए के अतिरिक्त फंड को मंजूरी दीः यमुना की सफाई के लिए पूरक अनुदान के अतिरिक्त सरकार ने दिल्ली की तरक्की की गति को बढ़ाने और लोकहित के कामों में तेजी लाने की श्रृंखला में दिल्ली विधानसभा द्वारा 2022-23 के लिए मुख्यमंत्री सड़क योजना में 100 करोड़ रुपए के अतिरिक्त फंड, ट्रांस-यमुना एरिया वर्क के लिए 49 करोड़, पीडब्ल्यूडी के रोड मेनटेनेंस, अतिरिक्त क्लास रूम निर्माण, अस्पतालों के री-मॉडलिंग आदि के लिए लगभग 800 करोड़ के अतिरिक्त फंड, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के लिए 75 करोड़, छठ घाटों के लिए 8 करोड़, शहीदों को 1-1 करोड़ रुपए की सम्मान राशि देने के मद में 25 करोड़ की अतिरिक्त राशि, मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के लिए अतिरिक्त 50 करोड़, एससीएसटी वेलफेयर के लिए 75 करोड़, डीजीएचएस के लिए 50 करोड़, अस्पतालों के फंड के लिए 364 करोड़ रुपए, उच्च शिक्षा के लिए 78 करोड़, समग्र शिक्षा अभियान के लिए 199 करोड़, यूनिफार्म सब्सिडी के लिए 130 करोड़, मिड डे मील के लिए 114 करोड़, लॉ डिपार्टमेंट के लिए 60 करोड़, वकीलों की बेहतरी के लिए केजरीवाल सरकर योजना के तहत 10 करोड़ रूपये व दिल्ली हाई कोर्ट व सिविल कोर्ट के विभिन्न मदों के लिए 311 करोड़ रुपए के अतिरिक्त फंड को मंजूरी दी गई.
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