नई दिल्ली: कभी दिल्ली के वित्त मंत्री रहते हुए खजाने के मालिक-से रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बुरे दिन चल रहे हैं. अब बात आर्थिक तंगी तक पहुंच गई है, जबकि दिल्ली सरकार में 18 विभागों का मंत्री रहते हुए मनीष सिसोदिया की तूती बोलती थी और उनको अरविंद केजरीवाल के बाद नंबर दो का दर्जा प्राप्त था. बतौर वित्त मंत्री उन्होंने दिल्ली सरकार के करीब आठ बजट पेश किए थे. इस दौरान सिसोदिया ने ही तय किया कि किस विभाग और किस मद में विकास कार्य के लिए कितना पैसा दिया जाना है. इसके अलावा लोक निर्माण, स्वास्थ्य, शिक्षा, आबकारी, बिजली सहित सभी बड़े विभागों के मुखिया सिसोदिया ही थे.
अब समय बदल गया है. हालात ये हो गए हैं कि सिसोदिया खुद के खर्च और पत्नी के इलाज के लिए अपने ही बैंक खाते से पैसे निकालने के लिए कोर्ट के आदेश का मोहताज हो गए हैं. एक समय था जब दिल्ली सरकार से लेकर संगठन के काम में सिसोदिया की सलाह बहुत अहम होती थी. अब बीते पांच महीने से तिहाड़ जेल में बंद सिसोदिया के पास इलाज और घरेलू खर्चों के लिए भी पैसे नहीं हैं. कारण यह है कि आबकारी नीति घोटाला मामले में आरोपित होने के चलते ईडी ने उनका बैंक खाता सीज कर दिया है. इस वजह से सिसोदिया को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है.
बीते 31 जुलाई को सिसोदिया ने राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर कर बैंक खाते से पैसे निकालने देने की अनुमति मांगी थी. इस याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. विशेष सीबीआई जज एमके नागपाल ने शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई की. अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी. इससे पहले भी अप्रैल माह में कोर्ट ने सिसोदिया को बैंक से पैसे निकालने की अनुमति दी थी.
सिसोदिया ने याचिका में कही ये बातेंः याचिका में सिसोदिया ने कहा था कि उनकी पत्नी की तबियत सही नहीं है. अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. इसलिए पत्नी के इलाज और घर के खर्च के लिए भी उन्हें रुपये की जरूरत है. लेकिन, ईडी द्वारा खाता फ्रीज किए जाने की वजह से वो खाते से रुपये नहीं निकाल पा रहे हैं. सिसोदिया के अधिवक्ता मोहम्मद इरशाद ने कहा कि बैंक कोर्ट के लिखित आदेश के बिना उनके मुवक्किल को चिकित्सा और अन्य जरूरतों के लिए आवश्यक पैसे निकालने से रोक रहा है.
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