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शिक्षक ने व्यथा सुनाते हुई की शिकायत, भड़क गए शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया

त्यागराज स्टेडियम में 7600 शिक्षकों के स्वागत कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एक शिक्षक पर भड़क गए. शिक्षक ने कार्यों से जुड़ी अपनी व्यथा शिक्षा मंत्री के सामने रखी थी.

Manish Sisodia
मनीष सिसोदिया
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Published : Dec 7, 2019, 3:25 PM IST

नई दिल्ली: कार्यक्रम के दौरान मनीष सिसोदिया शिक्षकों से बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान एक शिक्षक उप मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्या लेकर खड़े हुए. शिक्षक ने बताया कि उन्हें पढ़ाने के अलावा और भी बहुत सारे कार्य करने होते हैं, जैसे फैमिली रजिस्टर भरना. उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा नहीं है कि वे ये सब नहीं करना, चाहते लेकिन इतना ज्यादा हो जाता है कि टीचिंग पर इसका प्रभाव पड़ता है.

Thyagaraj stadium
कार्यक्रम में सवाल करता शिक्षक

इतना ही नहीं, उस शिक्षक ने ये भी कह दिया कि शिक्षकों को अपनी बात ऊपर तक पहुंचाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि कम्युनिकेशन गैप है. उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने डायरेक्टर ऑफिस में कॉल किया, आपके (मनीष सिसोदिया) ऑफिस में कॉल किया, मेल भी किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया.

भड़के शिक्षा मंत्री

इसके जवाब में भड़कते हुए शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, कि मैं टांटा निवारण निवारण केंद्र नहीं चलाता, शिक्षा विभाग चलाता हूं. कम्युनिकेशन की हमने ऐसी व्यवस्था बनाई है कि वास्तविकता हम तक पहुंचती रहती है और जो भी बदलाव हुए हैं, इसी के कारण हुए हैं.

इसके बाद मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं जानता हूं कि शिक्षकों के पास बहुत सारे कार्य होते हैं जैसे फैमिली रजिस्टर भरने का काम, चुनाव कराने का काम. लेकिन फिर भी हमारे पास जब शिकायत आई, तो 2015 में ही हमने डिसाइड किया कि हम शिक्षकों से फैमिली रजिस्टर नहीं भरवाएंगे.

शिक्षक पर भड़क गए मनीष सिसोदिया

स्कूल के अन्य कार्यों के लिए हमने स्टेट मैनेजर नियुक्त किए. लेकिन आप सोचिए कि क्लास टीचर कोई और होगा और आप केवल क्लास में जाकर भाषण देंगे, तो ये शिक्षक का काम नहीं है.

मनीष सिसोदिया कहा-

आज आप इसे लेकर शिकायत कर रहे हैं. कल कहेंगे कि मैं जो टिफिन लेकर आता हूं उसके लिए भी एक आदमी चाहिए. बच्चों की लाइन लगवाने के लिए एक अलग आदमी चाहिए. यह नहीं होगा. मनीष सिसोदिया ने जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि मैं जापान गया था और वहां मैं देख कर आया कि शिक्षक और बच्चे मिलकर मिड डे मील सर्व कर रहे थे.

सवाल करने वाले शिक्षक की बात पर शिक्षकों ने खूब तालियां बजाई थी और इसे लेकर भी मुख्यमंत्री के जवाब में नाराजगी दिखी. उन्होंने कहा कि अगर आप इस बात पर ताली बजाएंगे कि क्लास टीचर का काम हम आपसे ले रहे हैं, तो माफ कीजिएगा मुझे आपकी ट्रेनिंग करानी पड़ेगी.

नई दिल्ली: कार्यक्रम के दौरान मनीष सिसोदिया शिक्षकों से बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान एक शिक्षक उप मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्या लेकर खड़े हुए. शिक्षक ने बताया कि उन्हें पढ़ाने के अलावा और भी बहुत सारे कार्य करने होते हैं, जैसे फैमिली रजिस्टर भरना. उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा नहीं है कि वे ये सब नहीं करना, चाहते लेकिन इतना ज्यादा हो जाता है कि टीचिंग पर इसका प्रभाव पड़ता है.

Thyagaraj stadium
कार्यक्रम में सवाल करता शिक्षक

इतना ही नहीं, उस शिक्षक ने ये भी कह दिया कि शिक्षकों को अपनी बात ऊपर तक पहुंचाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि कम्युनिकेशन गैप है. उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने डायरेक्टर ऑफिस में कॉल किया, आपके (मनीष सिसोदिया) ऑफिस में कॉल किया, मेल भी किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया.

भड़के शिक्षा मंत्री

इसके जवाब में भड़कते हुए शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, कि मैं टांटा निवारण निवारण केंद्र नहीं चलाता, शिक्षा विभाग चलाता हूं. कम्युनिकेशन की हमने ऐसी व्यवस्था बनाई है कि वास्तविकता हम तक पहुंचती रहती है और जो भी बदलाव हुए हैं, इसी के कारण हुए हैं.

इसके बाद मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं जानता हूं कि शिक्षकों के पास बहुत सारे कार्य होते हैं जैसे फैमिली रजिस्टर भरने का काम, चुनाव कराने का काम. लेकिन फिर भी हमारे पास जब शिकायत आई, तो 2015 में ही हमने डिसाइड किया कि हम शिक्षकों से फैमिली रजिस्टर नहीं भरवाएंगे.

शिक्षक पर भड़क गए मनीष सिसोदिया

स्कूल के अन्य कार्यों के लिए हमने स्टेट मैनेजर नियुक्त किए. लेकिन आप सोचिए कि क्लास टीचर कोई और होगा और आप केवल क्लास में जाकर भाषण देंगे, तो ये शिक्षक का काम नहीं है.

मनीष सिसोदिया कहा-

आज आप इसे लेकर शिकायत कर रहे हैं. कल कहेंगे कि मैं जो टिफिन लेकर आता हूं उसके लिए भी एक आदमी चाहिए. बच्चों की लाइन लगवाने के लिए एक अलग आदमी चाहिए. यह नहीं होगा. मनीष सिसोदिया ने जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि मैं जापान गया था और वहां मैं देख कर आया कि शिक्षक और बच्चे मिलकर मिड डे मील सर्व कर रहे थे.

सवाल करने वाले शिक्षक की बात पर शिक्षकों ने खूब तालियां बजाई थी और इसे लेकर भी मुख्यमंत्री के जवाब में नाराजगी दिखी. उन्होंने कहा कि अगर आप इस बात पर ताली बजाएंगे कि क्लास टीचर का काम हम आपसे ले रहे हैं, तो माफ कीजिएगा मुझे आपकी ट्रेनिंग करानी पड़ेगी.

Intro:त्यागराज स्टेडियम में 7600 शिक्षकों कि स्वागत कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एक शिक्षक पर भड़क गए, जब उसने शिक्षकेत्तर कार्यों से जुड़ी अपनी व्यथा शिक्षा मंत्री के सामने रखी.


Body:नई दिल्ली: कार्यक्रम के दौरान मनीष सिसोदिया शिक्षकों से बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान एक शिक्षक उप मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्या लेकर खड़े हुए. शिक्षक ने बताया कि उन्हें पढ़ाने के अलावा और भी बहुत सारे कार्य करने होते हैं, जैसे फैमिली रजिस्टर भरना. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा नहीं है कि वे ये सब नहीं करना, चाहते लेकिन इतना ज्यादा हो जाता है कि टीचिंग पर इसका प्रभाव पड़ता है.

इतना ही नहीं, उस शिक्षक ने यह भी कह दिया कि शिक्षकों को अपनी बात ऊपर तक पहुंचाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि कम्युनिकेशन गैप है. उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने डायरेक्टर ऑफिस में कॉल किया, आपके (मनीष सिसोदिया) ऑफिस में कॉल किया, मेल भी किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया.

इसके जवाब में भड़कते हुए शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, कि मैं टँटा निवारण निवारण केंद्र नहीं चलाता, शिक्षा विभाग चलाता हूं. कम्युनिकेशन की हमने ऐसी व्यवस्था बनाई है कि वास्तविकता हम तक पहुंचती रहती है और जो भी बदलाव हुए हैं, इसी के कारण हुए हैं.

इसके बाद मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं जानता हूं कि शिक्षकों के पास बहुत सारे कार्य होते हैं जैसे फैमिली रजिस्टर भरने का काम, चुनाव कराने का काम. लेकिन फिर भी हमारे पास जब शिकायत आई, तो 2015 में ही हमने डिसाइड किया कि हम शिक्षकों से फैमिली रजिस्टर नहीं भरवाएंगे. स्कूल के अन्य कार्यों के लिए हमने स्टेट मैनेजर नियुक्त किए. लेकिन आप सोचिए कि क्लास टीचर कोई और होगा और आप केवल क्लास में जाकर भाषण देंगे, तो यह शिक्षक का काम नहीं है.

मनीष सिसोदिया ने यहां तक कहा कि आज आप इसे लेकर शिकायत कर रहे हैं, कल कहेंगे कि मैं जो टिफिन लेकर आता हूं उसके लिए भी एक आदमी चाहिए, बच्चों की लाइन लगवाने के लिए एक अलग आदमी चाहिए, यह नहीं होगा. मनीष सिसोदिया ने जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि मैं जापान गया था और वहां मैं देख कर आया कि शिक्षक और बच्चे मिलकर मिड डे मील सर्व कर रहे थे.


Conclusion:सवाल करने वाले शिक्षक की बात पर शिक्षकों ने खूब तालियां बजाई थी और इसे लेकर भी मुख्यमंत्री के जवाब में नाराजगी दिखी. उन्होंने कहा कि अगर आप इस बात पर ताली बजाएंगे कि क्लास टीचर का काम हम आपसे ले रहे हैं, तो माफ कीजिएगा मुझे आपकी ट्रेनिंग करानी पड़ेगी.
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