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CBSE व ICSE की 10वीं-12वीं की बचीं परीक्षाएं रद्द, मनीष सिसोदिया ने जताई खुशी

मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर कहा था कि जिस तरह के हालात दिल्ली में हैं, ऐसे में बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराना छात्रों की सुरक्षा को खतरे में डालना होगा.

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Published : Jun 25, 2020, 3:59 PM IST

manish sisodia
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नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 1 से 15 जुलाई के बीच होने वाली 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं. वहीं इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (आईसीएसई) ने भी 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं. साथ ही आईसीएसई ने बाद में परीक्षा कराने का विकल्प देने से भी इनकार कर दिया है.

  • मैंने कुछ दिन पहले मानव संसाधन मंत्री श्री @DrRPNishank को पत्र लिख कर अनुरोध किया था कि 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं न रखी जाएं, और internal assessments के आधार पर बच्चों को पास किया जाए।

    खुशी है कि आज देश भर के बच्चों के हित में फ़ैसला हुआ, और अभिभावकों को राहत मिली।

    — Manish Sisodia (@msisodia) June 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस मामले पर दिल्ली के डिप्टी सीएम व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि मैंने कुछ दिन पहले मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिख कर अनुरोध किया था कि 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं न रखी जाएं, और इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर बच्चों को पास किया जाए. खुशी है कि आज देश भर के बच्चों के हित में फ़ैसला हुआ, और अभिभावकों को राहत मिली.

क्या कहा था मनीष सिसोदिया ने

बता दें कि मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र में कहा था कि जिस तरह के हालात दिल्ली में हैं, ऐसे में बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराना छात्रों की सुरक्षा को खतरे में डालना होगा. साथ ही कहा कि स्थिति को देखते हुए पूर्व परीक्षा और इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर ही छात्रों को पास कर दिया जाए.

'माहौल परीक्षा आयोजित करने के अनुकूल नहीं है'

बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्री को लिखे इस पत्र में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कुछ ऐसे तथ्यों को सामने रखा है. जिसका हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि छात्रों की बोर्ड परीक्षा आयोजित करना छात्रों की सुरक्षा को ताक पर रखना होगा. उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है जिसके चलते यह संख्या 44,688 तक पहुंच चुकी है.

उन्होंने आशंका जताई है कि 31 जुलाई तक यह आंकड़ा 5.5 लाख तक पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसे में यदि कोई छात्र या उसके परिवार का कोई सदस्य कोरोना संक्रमित हो जाता है तो उसे बाकी परीक्षाएं भी देनी पड़ेगी जिससे उसे मानसिक रूप से तनाव हो सकता है.

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 1 से 15 जुलाई के बीच होने वाली 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं. वहीं इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (आईसीएसई) ने भी 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं. साथ ही आईसीएसई ने बाद में परीक्षा कराने का विकल्प देने से भी इनकार कर दिया है.

  • मैंने कुछ दिन पहले मानव संसाधन मंत्री श्री @DrRPNishank को पत्र लिख कर अनुरोध किया था कि 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं न रखी जाएं, और internal assessments के आधार पर बच्चों को पास किया जाए।

    खुशी है कि आज देश भर के बच्चों के हित में फ़ैसला हुआ, और अभिभावकों को राहत मिली।

    — Manish Sisodia (@msisodia) June 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस मामले पर दिल्ली के डिप्टी सीएम व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि मैंने कुछ दिन पहले मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिख कर अनुरोध किया था कि 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं न रखी जाएं, और इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर बच्चों को पास किया जाए. खुशी है कि आज देश भर के बच्चों के हित में फ़ैसला हुआ, और अभिभावकों को राहत मिली.

क्या कहा था मनीष सिसोदिया ने

बता दें कि मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र में कहा था कि जिस तरह के हालात दिल्ली में हैं, ऐसे में बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराना छात्रों की सुरक्षा को खतरे में डालना होगा. साथ ही कहा कि स्थिति को देखते हुए पूर्व परीक्षा और इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर ही छात्रों को पास कर दिया जाए.

'माहौल परीक्षा आयोजित करने के अनुकूल नहीं है'

बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्री को लिखे इस पत्र में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कुछ ऐसे तथ्यों को सामने रखा है. जिसका हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि छात्रों की बोर्ड परीक्षा आयोजित करना छात्रों की सुरक्षा को ताक पर रखना होगा. उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है जिसके चलते यह संख्या 44,688 तक पहुंच चुकी है.

उन्होंने आशंका जताई है कि 31 जुलाई तक यह आंकड़ा 5.5 लाख तक पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसे में यदि कोई छात्र या उसके परिवार का कोई सदस्य कोरोना संक्रमित हो जाता है तो उसे बाकी परीक्षाएं भी देनी पड़ेगी जिससे उसे मानसिक रूप से तनाव हो सकता है.

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